10वीं कक्षा (class) विद्यार्थियों और उनके माता-पिता या अभिभावकों दोनों के लिए बहुत अहम (important) होती है।
10वीं कक्षा के अहम होने के प्रमुख कारण है
- यह बोर्ड परीक्षा होती है
- इसके अंक बहुत मायने रखते है
- 10वीं तक तो हम लोग लगभग सभी विषय (subject) पढ़ते हैं लेकिन 10वीं के बाद हमें तीन स्ट्रीम (stream) में से एक चुनना होता है
- हम भविष्य में क्या करना चाहते हैं वह यहीं से तय (decide) होता है
आप अगर 11वीं कक्षा में जाने वाले हैं तो इन बिंदुओं को ध्यान से पढ़ें
कई बार विद्यार्थी वो स्ट्रीम ही चुनते हैं या उसे चुनने के लिए कहा जाता है जो उनकी स्कूल में होती है ताकि दूर ना जाना पड़े। जैसे आपका स्कूल सिर्फ साइंस (science) और आर्ट्स (arts) स्ट्रीम ही ऑफर करता है लेकिन आपका लक्ष्य चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) बनना है।
इस स्थिति में आपके पास दो रास्ते हैं पहला यह कि आप अपने लक्ष्य (goal) से समझौता कर लें और कोई भी स्ट्रीम चुन लें। दूसरा यह कि आप उसी स्कूल या कॉलेज में एडमिशन करवाएं जो कॉमर्स (commerce) स्ट्रीम ऑफर करता हो।
यह आपके लिए ज्यादा बेहतर होगा।
एक समय था जब इंजीनियरिंग और चिकित्सा (medicine) ट्रेंड बना हुआ था ज्यादातर लोग उसी ओर जाते थे। पर अब उद्योग का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है।
अब इंजीनियरिंग सबसे अधिक बेरोजगार स्नातकों (graduates) को पैदा करने वाली डिग्री में से एक है।
अखबारों के विज्ञापन और कोचिंग संस्थानों वालो के पम्पलेट में छपी टॉपरों की सूची यह कतई स्थापित नहीं कर सकते हैं कि जीव विज्ञान (biology) और गणित (mathematics) इस देश में उपलब्ध एकमात्र आकर्षक करियर स्ट्रीम हैं।
सभी विद्यार्थी की अलग-अलग विषय में रुचि (interest) होती हैं इसलिए स्ट्रीम या कोर्स अपनी रूचि के हिसाब से चुने। किसी की कॉपी ना करें जैसे किसी ने कोई कोर्स करने के बाद अच्छा पैकेज प्राप्त किया तो आपने भी वहीं कोर्स चुना ताकि आपको भी अच्छा पैकेज मिल सके। हो सकता है उस कोर्स में आपकी रूचि न हो।
कौन सा स्ट्रीम या कोर्स चुनें
10वीं के बाद विद्यार्थी और उनके माता-पिता या अभिभावक के मन में सबसे पहला और महत्वपूर्ण सवाल यही आता है कि कौन सा स्ट्रीम या कोर्स चुनें और इसका क्या स्कोप है?
इस सवाल का उत्तर जानने के लिए वे कई बार करियर काउंसलर से भी कंसल्ट (consult) करते है।
आपको किसी भी स्ट्रीम या कोर्स चुनने के दौरान उसके प्रचलन से ज्यादा उसकी जमीनी हकीकत पर ध्यान देना होगा।
आपको यह भी ध्यान रखना होगा कि
इस स्ट्रीम/कोर्स में स्नातकों को किन चुनौतियों (chalanges) का सामना करना पड़ रहा है?
क्या बाजार में इन पाठ्यक्रमों/शाखाओं के स्नातकों के लिए पर्याप्त करियर विकल्प उपलब्ध हैं?
क्या आप इस स्ट्रीम/कोर्स के लिए उपयुक्त (able) है?
क्या आपके पास धैर्य है?
क्या अनिश्चितता (uncertainty) की स्थिति में आप टिके रह पाएंगे?
क्या वाकई में आप इसे रूचि के साथ करना चाहते हैं?
इन पाठ्यक्रम / शाखाओं से संबंधित संभावनाओ के साथ-साथ चुनौतियों को भी ज़्यादा से ज़्यादा जानने की कोशिश करें|
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पूंजीवाद और बाज़ारीकरण के इस दौर में हर विश्वविद्यालय / कॉलेज / संस्थान आप अपने लिए या आप अपने बच्चों के संबंध में जो सपने देखे हैं, उनको पूरा करने का सपना आपको दिखाएगा। क्यूंकी उन्हे प्रतिस्पर्धा (competition) में टिका रहना है|
परंतु दुर्भाग्य से अधिकतर शाखाएं / पाठ्यक्रम बड़े पैमाने पर बेरोजगार स्नातक पैदा कर रहे हैं। छात्र / अभिभावक उनकी आधुनिकता और उन्नति के ख्यालों से मोहित हो रहे हैं लेकिन वास्तव में स्थिति यह है कि उद्योग जगत भी इन स्नातकों को रोजगार देकर अवशोषित करने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है।
कभी भी किसी करियर का चुनाव इसलिए न करें क्यूंकि वो ‘सर्वश्रेष्ठ करियर सूची’ में आता है। रोजगार के दृष्टिकोण को अनदेखा(ignore) करना सरासर लापरवाही है।
जहाँ तक संभव हो, पारंपरिक पाठ्यक्रमों का चयन करें क्योंकि मार्केट में उनकी वैधता एवं माँग हमेशा रहती है। शिक्षा अब सबसे बड़े उपभोक्ता बाजारों में से एक है।
अधिकतर विश्वविद्यालय / कॉलेज / संस्थान (जिनमे तथाकथित बड़े ब्रांड शामिल हैं) अब अपने अस्तित्व के बारे में स्पष्ट हैं।उनका उद्देश्य बाजार में अपने आपको जीवित रखना और वित्तीय रूप से लाभदायक बना रहना है। और इसके लिए वे कोई भी मनोरंजक पाठ्यक्रम भी शुरू कर सकते हैं जैसे: ‘म्यूजिक मैनेजमेंट में एमबीए’, ‘बायोटेकनोट्रॉनिक्स में एमबीए’ आप जो बोलेंगे वो आपको मिल जाएगा। लेकिन आप एक अभिभावक के रूप में और एक विद्यार्थी के रूप में अपने करियर के साथ काल्पनिक (imaginary) प्रयोगों से दूर रहें।
11वीं कक्षा आपके करियर की सीढ़ी की ओर पहला कदम है। यदि आप तर्कसंगत, अच्छी तरह से सूचित और जागरूक निर्णय नहीं लेते हैं, तो आप को भविष्य (future) में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।