किसी भी देश के भविष्य को संवारने में युवाओं का बहुत बड़ा योगदान होता है, क्योंकि उनके पास देश को बेहतर बनाने की काबिलियत और क्षमता होती है. आज के युवाओं को स्वामी विवेकानंद के बारे में जानने और अपनी जिम्मेदारी का एहसास दिलवाने के लिए कई जगह राष्ट्रीय युवा दिवस पर भाषण का आयोजन किया जाता है.
आज के युवा शिक्षा, तकनीक एवं खेल-कूद में आगे होने के साथ-साथ व्यापार में भी बहुत अच्छा कर रहे हैं. पिछले दशक (2010-20) में लगभग 4 हजार पेटेंट्स प्रतिवर्ष होते थे. तो वहीं अब भारतीय द्वारा प्रतिवर्ष 15 हजार से भी ज्यादा पेटेंट्स हो रहे हैं. अब तक लगभग 26 हजार नया स्टार्टअप शुरू हो चुका है.
National Youth Day Speech in Hindi
आदरणीय सभापति महोदय, मंच पर उपस्थित श्रीमान प्रधानाचार्य जी, उप प्रधानाचार्य जी, शिक्षकगण, अतिथिगण और यहां पर मौजूद सभी सहपाठियों आप सभी को शुभ प्रभात.
मैं मो. सालेहुज्जमा कक्षा 10 का एक छात्र हूं, और आज मुझे राष्ट्रीय युवा दिवस के शुभ अवसर पर स्वामी विवेकानंद और आज के युवाओं के बारे में दो शब्द बोलने का मौका दिया गया है. इसके लिए मैं आप सब का शुक्रगुजार हूं.
दोस्तों जैसा कि हम सभी लोगों को मालूम है कि आज राष्ट्रीय युवा दिवस है, और इसी दिवस के उपलक्ष्य में यहां पर हम लोग उपस्थित हुए हैं. प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी को ये युवा दिवस अपने देश भारत मे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.
यहां पर युवाओं के साथ-साथ कुछ बच्चे भी है, तो हो सकता है की उनमें से से कुछ बच्चों के मन में ये सवाल उमर रहा होगा की आखिर 12 जनवरी को युवा दिवस क्यों मनाया जाता है? तो आपको बता दें कि आज ही के दिन 1863 में युवाओं को प्रेरित करने वाले स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ था. स्वामी विवेकानंद की जयंती पर ही प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है.
भारत सरकार ने सन् 1984 में स्वामी विवेकानंद की जयंती (12 जनवरी) को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की थी. उसके अगले साल 12 जनवरी 1985 को देश में पहली बार राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया गया. तब से 12 जनवरी को प्रत्येक वर्ष ये दिवस मनाया जाता है.
भारत सरकार का इस घोषणा के संदर्भ में ये विचार थे कि:
.
आइए अब आपको स्वामी विवेकानंद का संक्षिप्त परिचय कराते है; स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था. बचपन में उनका नाम नरेंद्र नाथ दत्त था.
स्वामी विवेकानंद के पिता का नाम श्री विश्वनाथ दत्त तथा माता का नाम श्रीमती भुवनेश्वरी देवी था. उनके पिता कोलकाता हाईकोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे तथा माता गृहणी थी जिसका अधिकांश समय पूजा-अर्चना में व्यतीत होता था.
नरेंद्र नाथ दत्त बचपन से ही बहुत बुद्धिमान और नटखट थे. अपने सहपाठियों के साथ शरारत करने के अलावा मौका मिलने पर वे अपने शिक्षकों के साथ भी शरारत करने का मौका हाथ से जाने नहीं देते थे.
इनके घर में नियमपूर्वक रोज पूजा-पाठ होता था. परिवार के धार्मिक एवं आध्यात्मिक वातावरण के प्रभाव से स्वामी विवेकानंद के मन में बचपन से ही धर्म एवं अध्यात्म के संस्कार गहरे पड़ गए थे. उस समय (19वीं सदी) के आध्यात्मिक गुरु एवं विचारक श्री रामकृष्ण परमहंस के वे शिष्य थे.
इन्होंने सन 1893 में शिकागो (अमरीका) में एक भाषण दिया जो बहुत प्रसिद्ध हुआ. इसमें इन्होंने अपने सामने बैठे लोगों को “मेरे अमेरिकी भाइयों एवं बहनों” कह कर संबोधित किया. उनके इस संबोधन का ये पहला वाक्य सभी का दिल जीत लिया था.
4 जुलाई, 1902 को पश्चिम बंगाल में स्थित बेलूर के के रामकृष्ण मठ में 39 वर्ष के आयु में ही स्वामी विवेकानंद का निधन हो गया.
39 साल के संक्षिप्त जीवन काल में उन्होंने जो काम किए हैं वह सदियों तक आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी तथा उनका मार्ग मार्गदर्शन भी करेगी. 30 वर्ष की आयु में ही उन्होंने शिकागो, अमेरिका में आयोजित विश्व धर्म सम्मेलन में हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व किया और उसे सर्वभोमिक पहचान दिलवाई.
रविंद्र नाथ टैगोर ने स्वामी विवेकानंद के बारे में एक बार कहा था कि:
.
इस राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर स्वामी विवेकानंद की शिक्षा और उनके दार्शनिक विचार को पढ़ें, समझे और जहां तक हो सके उसे अपने जीवन में उतारने का प्रयास करें. इसी के साथ में अपनी वाणी को विराम देता हूं. धन्यवाद.
ये भी पढ़ें > राष्ट्रीय युवा दिवस पर एक बेहतरीन निबंध
राष्ट्रीय युवा दिवस 2024/ 27वां युवा महोत्सव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 जनवरी को कर्नाटक के हुबली में 26वें युवा महोत्सव (26th youth festival) की शुरुआत किए थे. 10 जनवरी, 2023 को प्रधानमंत्री के दफ्तर से जारी होने वाली रिलीज के मुताबिक इस मौके पर होने वाले प्रोग्राम उसी शाम 4:00 बजे शुरू हुआ था.
राष्ट्रीय युवा दिवस 2023 की थीम “तरक्की याफ्ता नौजवान – तरक्की याफ्ता हिंदुस्तान” था. इसी विषय (theme) पर यह महोत्सव 12 से 16 जनवरी तक कर्नाटक के हुबली, धारवाड़ में आयोजित हुआ था.
राष्ट्रीय युवा महोत्सव का आयोजन स्वामी विवेकानंद के नजरियात, तालिमात, योगदान, आदर्श और दार्शनिक विचारों को राष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर याद करने और इसे युवा तक पहुंचाने के लिए किया जाता है.
राष्ट्रीय युवा दिवस से संबंधित प्रश्न (FAQs)
राष्ट्रीय युवा दिवस क्यों मनाया जाता है?
स्वामी विवेकानंद की शिक्षा और दार्शनिक विचारों को युवा तक पहुंचाने और युवाओं को प्रेरित करने के लिए राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है.
युवा दिवस कैसे मनाया जाता है?
युवा दिवस के दिन स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय के अलावा कई गैर शैक्षणिक संस्थानों में भी भाषण प्रतियोगिता, सांस्कृतिक कार्यक्रम, कवि सम्मेलन, खेलकूद, योगासन, पूजा-पाठ, हवन, निबंध लेखन प्रतियोगिता, आदि किया जाता है.
कई जगह एक दिवसीय सेमिनार भी आयोजित किया जाता है, जिसमें युवाओं के विभिन्न मुद्दों और उनकी समस्याओं पर चर्चा होता है. इन सेमिनार में शामिल होकर युवा सफल व्यक्तित्व से बहुत कुछ सीखते हैं.
0 टिप्पणियाँ
Please comment में कोई spam link ना डालें