1757 से लेकर 1947 तक लगभग 200 साल भारत अंग्रेजों का गुलाम रहा था, तब भारत के लिए आजादी एक सपना था और इस सपना को सच करने में महात्मा गांधी का बहुत बड़ा योगदान रहा है. तो आइए आज गांधी जयंती के इस मौके पर उनकी जीवनी (Mahatma Gandhi Biography in Hindi) जान लेते हैं.
इस आजादी के लिए गांधी जी ने अपने अहिंसक तरीकों से जन-जन को जागरूक किया और उन्हें ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित किया. फिर इस लंबे संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजों के चंगुल से आजाद हुआ.
आज हम गांधी जी की जीवनी पर विस्तार से चर्चा करेंगे, जिसमें उनके बचपन से लेकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान तक के बारे में जानेंगे. अंत में Mahatma Gandhi Biography in Hindi से संबंधित कुछ प्रश्न व उनके उत्तर (FAQs) भी देखेंगे.
Table of Contents
Mahatma Gandhi Biography in Hindi – Overview
प्रसिद्ध नाम | महात्मा गांधी |
पूरा नाम | मोहनदास करमचंद गांधी |
जन्म तिथि | 2 अक्टूबर 1869 |
जन्म स्थान | पोरबंदर (गुजरात) |
पिता का नाम | करमचंद गांधी |
माता का नाम | पुतलीबाई |
पत्नी का नाम | कस्तूरबा गांधी |
शिक्षा | बैरिस्टर |
मुख्य पेशा | राजनीतिज्ञ |
पुरस्कार | कैसर-ए-हिंद मेडल |
मृत्यु की तिथि | 30 जनवरी 1948 |
मृत्यु स्थान | दिल्ली |
गांधी जी का जन्म कब और कहां हुआ था?
गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के एक शहर पोरबंदर में हुआ था. उनके पिता का नाम करमचंद गांधी तथा उनके तथा माता का नाम पुतलीबाई था.
महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था. परंतु ऐसा माना जाता है कि रविंद्र नाथ टैगोर ने उसे सबसे पहले “महात्मा” की उपाधि दी थी तब से पूरी दुनिया में वे महात्मा गांधी के नाम से प्रसिद्ध हो गए.
महात्मा गांधी के पिता करमचंद गांधी ब्रिटिश हुकूमत में पोरबंदर और राजकोट के दीवान (chief minister) थे, तथा उनकी माता पुतलीबाई एक कोमल स्वभाव की धार्मिक महिला थी. उनके इस स्वभाव का असर गांधी जी पर भी खूब हुआ क्योंकि कहा जाता है कि बच्चों का पहला मदरसा (school) उनके मां की गोद ही होती है.
महात्मा गांधी की शिक्षा
गांधी जी की प्राथमिक शिक्षा राजकोट के ही नजदीकी स्कूल में हुई फिर 11 वर्ष की उम्र में उन्होंने अल्फ्रेड हाई स्कूल में दाखिला लिया. ये स्कूल भी उनके गांव राजकोट में ही था.
स्कूल के दिनों में वे एक औसत छात्र थे और स्वभाव में शरीफ (introvert) और शर्मीले थे. लोगों से वह ज्यादा बातचीत नहीं करते थे और ना ही उनको खेलों में ज्यादा दिलचस्पी थी. वह ज्यादातर स्कूल के पाठ और अन्य उपयोगी किताबें पढ़ा करते थे.
नवंबर 1887 में 18 वर्षीय गांधी ने अहमदाबाद के हाई स्कूल से स्नातक (bachelor) की उपाधि प्राप्त की फिर जनवरी 1888 में उन्होंने भावनगर राज्य के समलदास कॉलेज में दाखिला लिया जो कि उसे क्षेत्र में उच्च शिक्षा में डिग्री प्रदान करने वाला एकमात्र कॉलेज था. परंतु कुछ कारणवश वे वहां से ड्रॉप करके पोरबंदर अपने परिवार के पास वापस आ गए.
फिर उनके एक दोस्त मावजी दवे जोशीजी ने गांधी जी को लंदन में जाकर कानून की पढ़ाई करने का सुझाव दिया, जिसे बाद में गांधी के भाई लक्ष्मी दास ने भी सराहा क्योंकि वह खुद भी एक वकील थे.
इसके बाद वे लंदन जाकर यूनिवर्सिटी कॉलेज, लंदन में अंग्रेजी साहित्य (english literature) में पढ़ाई शुरू कर दी.
वहां उन्होंने बैरिस्टर बनने के इरादे से इनर टेंपल में इंस ऑफ कोर्ट स्कूल आफ लॉ में भी दाखिला लिया. वे वहां कानून का अध्ययन करने के साथ-साथ उनका अभ्यास भी करते थे.
गांधी जी की शादी कब हुई थी?
गांधी जी की शादी में 1883 में कस्तूरबाई माखनजी कपाड़िया से हुई. शादी के समय गांधी जी की उम्र का उम्र 13 वर्ष तथा कस्तूरबाई माखनजी कपाड़िया 14 वर्ष की थी. इन दोनों की शादी बहुत ही सादगी से हुई थी.
गांधी जी ने खुद अपनी शादी को याद करते हुए एक बार कहा था कि “जैसा कि हम शादी के बारे में उस समय ज्यादा नहीं जानते थे, इसलिए हमारे लिए इसका मतलब नए कपड़े पहनना, मिठाई खाना और रिश्तेदारों के साथ खेलना था.”
महात्मा गांधी की बेटी का क्या नाम क्या था?
महात्मा गांधी की कोई बेटी नहीं थी. उनके कुल पांच संतान हुए. जिसमें से चारों पुत्र ही थे और एक संतान पैदा होने के कुछ दिन बाद ही मर गया था. उसी साल 1885 में गांधी जी के पिता की भी मृत्यु हो गई थी. इन दोनों हादसा से गांधी जी बहुत टूट चुके थे.
इस हादसे के 2 साल बाद तीसरे साल 1888 में गांधी जी के घर एक पुत्र का जन्म हुआ जिनका नाम हरिलाल रखा गया, फिर दूसरे बेटे का जन्म 1892 में हुआ और इनका नाम मणिलाल रखा गया, फिर रामदास का जन्म 1997 में तथा सबसे छोटे बेटे की पैदाइश 1900 में हुई जिनका नाम देवदास रखा गया.
गांधी जी का दक्षिण अफ्रीका का सफर
अप्रैल 1893 में भारतीय व्यापारी सेठ अब्दुल्ला का केस लड़ने के लिए बतौर ए वकील गांधी जी 23 वर्ष की उम्र में दक्षिण अफ्रीका के लिए रवाना हुए. पर वहां जो उनके साथ भेदभाव हुआ वह उनको आंदोलन करने के लिए मजबूर कर दिया.
दक्षिण अफ्रीका में गांधी जी के साथ भेदभाव होने के बहुत सारी घटनाएं हैं पर सबसे ज्यादा जिनका तकलीफ गांधी जी को हुआ था वह है रेल के डिब्बे से गांधी जी को धक्का मार कर बाहर निकाल देने वाली घटना.
दरअसल हुआ यह था कि गांधी जी का फर्स्ट क्लास का टिकट था और भी अपना टिकट लेकर अपनी सीट पर बैठे हुए थे. पर एक अंग्रेज टिकट चेक करने वाले ने उन्हें फर्स्ट क्लास से निकलकर दूसरे डब्बे में बैठने के लिए कहा, जिसका विरोध करने पर गांधी जी को धक्का मार कर पीटरबर्ग स्टेशन पर निकाल दिया.
ये घटना उनको अंदर से बहुत झकझोड़ दिया. वह उसी रेलवे स्टेशन पर ठंडी के कारण रात भर कांपते रहे और सोचते रहे की क्या उन्हें भारत लौट जाना चाहिए या यहां अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए. फिर उन्होंने अपने हक के लिए लड़ने को चुना और फिर अगले दिन उन्हें ट्रेन में चढ़ने की अनुमति दे दी गई.
फिर दक्षिण अफ्रीका में रह रहे भारतीय तथा वहां के स्थानीय लोगों के खिलाफ है हो रहे नस्लीय भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने के लिए गांधी जी ने 22 अगस्त 1894 ई को “नेटाल इंडियन कांग्रेस” की स्थापना की.
गांधी जी साउथ अफ्रीका में 21 साल रहे. इन 21 सालों में गांधी जी ने बहुत सारी लड़ाइयां लड़ी और जीती भी. इसी दौरान उनका राजनीतिक और नैतिक विचारों में बहुत विकास हुआ.
गोपाल कृष्ण गोखले के आग्रह पर गांधी जी अपनी पत्नी कस्तूरबा गांधी के साथ 1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस लौट आए.
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महात्मा गांधी का योगदान
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के जरिए बहुत से लोगों को एकजुट करके कई आंदोलन किए. गांधी जी द्वारा चलाए गए इन आंदोलनों का भारत को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद कराने में बहुत बड़ा योगदान था.
महात्मा गांधी जी द्वारा चलाए गए प्रमुख आंदोलन निम्नलिखित है:
- चंपारण सत्याग्रह (1917)
- खेड़ा आंदोलन (1918)
- खिलाफत आंदोलन (1919)
- असहयोग आंदोलन (1920)
- भारत छोड़ो आंदोलन (1942)
इन आंदोलनों के बारे में विस्तार से जानने के लिए आप यह हमारा यह पोस्ट पढ़ सकते हैं: महात्मा गांधी द्वारा चलाए गए प्रमुख स्वतंत्रता आंदोलन और उनका प्रभाव
इन भारतीय स्वतंत्रता आंदोलनों में महात्मा गांधी का योगदान अविस्मरणीय (memorable) हैं. उन्होंने अपनी सादगी (simplicity), सच्चाई और अहिंसा की बुनियाद पर लाखों लोगों को एकजुट किया और कई अखिल भारतीय आंदोलन का नेतृत्व किए.
आंदोलनों के अलावा गांधी जी ने व्यक्तिगत रूप से भी भारतीयों के दिल में अंग्रेजों के प्रति विरोध की भावना पैदा की, नस्ल भेद (racial discrimination) और अन्याय के खिलाफ लड़े एवं सांप्रदायिकता (communalism) को खत्म करने का अथक प्रयास किया.
गांधी जी की मृत्यु कब हुई थी?
गांधी जी की मृत्यु 30 जनवरी 1948 को नई दिल्ली के बिरला भवन में हुई थी. दरअसल ये मृत्यु नहीं बल्कि हत्या थ, और यह हत्या किया था कट्टरपंथी नाथूराम गोडसे ने.
उस दिन यानी 30 जनवरी 1948 को गांधी बिरला हाउस से निकलकर प्रार्थना सभा के लिए जा ही रहे थे कि तभी सामने से नाथूराम गोडसे ने अपनी बंदूक निकालकर महात्मा गांधी पर तीन गोलियां दागी जिससे उनकी मौत हो गई.
उसके अगले दिन 31 जनवरी 1948 को दिल्ली में यमुना किनारे महात्मा गांधी का अंतिम संस्कार किया गया था.
गांधी जी के प्रमुख नारे
वैसे तो उन्होंने अपने जीवन में बहुत सारे नारे दिए हैं जिनमें “करो या मरो” गांधी जी का सबसे प्रसिद्ध नारा है. चूंकि ये बोलने में आसान है इसलिए आपको ये नारा बच्चा से लेकर बूढ़ा तक सभी के मुंह से सुनने को मिल जाएगा.
“करो या मरो” के अलावा महात्मा गांधी के कुछ प्रमुख नारे (Mahatma Gandhi Slogan in Hindi) निम्नलिखित हैं:
भारत छोड़ो
~ महात्मा गांधी
सत्यमेव जयते – सत्य की ही विजय होगी.
~ महात्मा गांधी
अहिंसा परमो धर्मः – अहिंसा सर्वोपरि धर्म है.
~ महात्मा गांधी
जो लोग समय की बचत करते हैं, वे दरअसल धन की बचत करते हैं, और बचाया हुआ धन, कमाएं हुए धन के बराबर है.
~ महात्मा गांधी
वह बदलाव बनें जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं.
~ महात्मा गांधी
जहां प्रेम है वहां जीवन है.
~ महात्मा गांधी
दुनिया के सभी मज़हब, भले ही और चीजों में अंतर रखते हों, लेकिन सभी इस बात पर एकमत हैं कि इस दुनिया में कुछ नहीं बस सत्य जीवित रहता है.
~ महात्मा गांधी
गुस्सा और असहिष्णुता (impatience) सही समझ के दुश्मन हैं.
~ महात्मा गांधी
पैसा अपने-आप में कोई बुरी चीज नहीं है, बल्कि उसके गलत उपयोग में बुराई है, आपको किसी ना किसी रूप में पैसे की आवश्यकता हमेशा रहेगी.
~ महात्मा गांधी
ये मेरा देश है, ये तेरा देश है. यह केवल संकीर्ण मानसिकता (narrow minded) वाले लोगों की सोच है.
~ महात्मा गांधी
वर्ना उदार आत्माओं के लिए तो पूरी दुनिया ही एक परिवार है.
गांधी जी के इन नारों (Mahatma Gandhi Quotes in Hindi) ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आंदोलन को मजबूत किया और जन-भागीदारी तथा लोगों को इसके लिए एकजुट करने में भी उनके नारों की अहम भूमिका थी.
महात्मा गांधी द्वारा लिखित पुस्तकें
ज्यादातर महान हस्तियों की तरह महात्मा गांधी को पढ़ने और लिखने का बहुत शौक था. उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में “इंडियन ओपिनियन” नाम से अपना एक समाचार पत्र जारी किए तथा उन्होंने 1932 में “हरिजन सेवक संघ” की स्थापना की और “हरिजन” नाम की एक पत्रिका (journal) भी शुरू की थी.
समाचार पत्र एवं पत्रिकाओं के अलावा महात्मा गांधी ने अपने दर्शन, राजनीतिक विचार और व्यक्तिगत जीवन सहित विभिन्न विषयों पर 100 से भी ज्यादा पुस्तकें लिखीं है. जो आज भी लोगों को प्रेरित और शिक्षित करती हैं.
गांधी जी के कुछ प्रमुख किताब (Mahatma Gandhi Books in Hindi) उनके अमेजन एफिलिएट लिंक के साथ नीचे की तालिका में दिया जा रहा हैं.
किताब का नाम | खरीदने का लिंक |
सत्य के प्रयोग (आत्मकथा) | कीमत देखें |
हिंद स्वराज | कीमत देखें |
विद्यार्थियों काे संदेश | कीमत देखें |
मेरे सपनों का भारत | कीमत देखें |
दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह | कीमत देखें |
अगर आप महात्मा गांधी की जीवनी (Mahatma Gandhi Biography in Hindi) विस्तार से पढ़ना चाहते है तो उनकी आत्मकथा “सत्य के प्रयोग” जरूर पढ़ें. उसमें उन्होंने अपने जीवन के बारे में बहुत ही विस्तार से बताएं है.
10 Lines on Mahatma Gandhi in Hindi
- महात्मा गांधी का जन्म 02 अक्टूबर 1869 को गुजरात के एक शहर पोरबंदर में हुआ था.
- गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था.
- उनके पिता का नाम करमचंद गांधी तथा माता का नाम पुतलीबाई है.
- 13 वर्ष की उम्र में गांधी जी की शादी 14 वर्षीय कस्तूरबाई माखनजी कपाड़िया से हुई थी. जिसे बाद में कस्तूरबा गांधी के नाम से लोग जानने लगे.
- लंदन में जाकर उन्होंने कानून की पढ़ाई कर बैरिस्टर बने थे.
- वे दक्षिण अफ्रीका में 21 साल रहे जहां उन्हें नस्लीय भेदभाव का बहुत सामना करना पड़ा.
- कई सारे आंदोलन चला कर भारत की आजादी में गांधी जी ने बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया.
- “सत्य के प्रयोग” के नाम से गांधी जी ने अपनी आत्मकथा (autobiography) भी लिखी है.
- उनके जन्म दिवस पर 2 अक्टूबर को प्रत्येक वर्ष “गांधी जयंती” और “अहिंसा दिवस” मनाया जाता है.
- 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर हत्या कर दी.
उम्मीद है कि आपको ये महात्मा गांधी की जीवनी (Biography of Mahatma Gandhi in Hindi) पसंद आया होगा. अगर आपका इससे संबंधित कोई सवाल है तो कॉमेंट में जरूर पूछें एवं इस पोस्ट को कृपया अपने दोस्तों के साथ शेयर करें.
Mahatma Gandhi Biography in Hindi – FAQs
महात्मा गांधी जी का बचपन का नाम क्या था?
महात्मा गांधी जी के बचपन का नाम मोनिया था मोनिया उसे बचपन में सिर्फ घर वाले ही बुलाते थे जबकि उसे उनके दोस्त लोग बचपन में उसे मोहन बुलाते थे.
गांधी जी को महात्मा किसने कहा था?
गांधी जी को महात्मा रवींद्रनाथ टैगोर ने कहा था. हालांकि कुछ इतिहासकार का इसमें विवाद है लेकिन ज्यादातर इतिहासकारों का मानना यही है कि गांधी जी को महात्मा की उपाधि रविंद्र नाथ टैगोर ने ही दी थी.
गांधी जी कितने साल जिए थे?
गांधी जी 79 साल जिए थे.
गांधी जी को कितनी बार जेल हुई है?
गांधी जी को स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान कुल 13 बार गिरफ्तार किया गया था.
महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता की उपाधि किसने दी थी?
महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता की उपाधि सुभाष चंद्र बोस ने दी थी.
गांधी जी का सबसे पहला आंदोलन कौन सा था?
महात्मा गांधी द्वारा शुरू किया गया सबसे पहला प्रमुख आंदोलन चम्पारण सत्याग्रह था.
चम्पारण सत्याग्रह की शुरुआत वर्ष 1917 में बिहार के चम्पारण जिले में हुई थी. इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य खेतिहर मजदूरों के शोषण और उनकी दुर्दशा के विरोध में था.
गांधी जी ने इस आंदोलन में सत्याग्रह की नीति का प्रयोग करते हुए अहिंसक तरीके से विरोध प्रदर्शन किया. यह आंदोलन गांधी जी द्वारा शुरू किया गया पहला सत्याग्रह आंदोलन था.
महात्मा गांधी के दादा का नाम क्या था?
महात्मा गांधी के दादा का नाम उत्तमचंद गांधी था.
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Gandhi Ji ke bare mein bahut hi achhi jankari di hai aap ne.
Waise Gandhi ji ka sabse bada andolan (movement) kaun sa tha?
नमक सत्याग्रह (salt movement), गांधी जी का सबसे आंदोलन था. इसे दांडी मार्च या दांडी यात्रा के नाम से भी जाना जाता है. ये यात्रा 12 मार्च 1930 को शुरू हुई तथा 6 अप्रैल 1930 तक यानी 24 दिन चली थी.