आप ये पोस्ट पढ़ रहे हैं. इसकी मुख्यत: 3 वजहें हो सकती है. पहला की आप नीट (NEET) क्वालीफाई नहीं कर पाए हैं. दूसरा के क्वालीफाई तो कर लिए है पर अच्छा स्कोर नहीं कर पाएं है की जिससे अच्छा मेडिकल कॉलेज मिले. और तीसरा की आप नीट के बिना ही कोई मेडिकल कोर्स करना चाहते हैं. तो चाहे वजह कोई भी हो आपको इस पोस्ट में NEET के बिना 12वीं के बाद मेडिकल कोर्स के बारे में विस्तार से जानकारी मिलेगी.
चूंकि नीट एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है. इसलिए इसमें कंपटीशन बहुत ही ज्यादा है. और इसके बाद जो कोर्स मिलते हैं (जैसे MBBS, BDS, आदि) उसकी फीस भी बहुत ज्यादा होती है. इसलिए अगर आप यह अफोर्ड नहीं कर सकते हैं, तो वैसे मेडिकल कोर्स कर ले जिसके लिए नीट जरूरी नहीं है तथा जिसकी फीस भी कम हो.
वेरिफाइड मार्केट रिसर्च के अनुसार 2028 तक ग्लोबल हेल्थकेयर मार्केट 665.37 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा और इतने बड़े मार्केट में करियर बनाने का सिर्फ NEET ही एकमात्र विकल्प नहीं है.
NEET के बिना 12वीं के बाद मेडिकल कोर्स के बारे में इस पोस्ट में विस्तार से जानेंगे. इसके अंतर्गत 15 ऐसे मेडिकल कोर्स जानेंगे जिसे नीट क्वालिफाइ के बिना भी किया जा सकता है. एवं अंत में medical courses after 12th without NEET in hindi से जुड़ा कुछ FAQs भी देखेंगे.
Table of Contents
NEET के बिना 12वीं के बाद मेडिकल कोर्स करने के लिए पात्रता
लगभग सभी मेडिकल कोर्स के लिए आपका किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से 12वीं साइंस न्यूनतम 50% अंक के साथ पास होना अनिवार्य है.
इसके अंतर्गत आने वाले ज्यादातर कोर्स में एडमिशन मेरिट के आधार पर ही होता है तो वहीं कुछ टॉप कॉलेज नीट के स्कोर के आधार पर अपने यहां एडमिशन देती है.
बहुत सारे मेडिकल कॉलेज इन कोर्सेज में एडमिशन के लिए अपना खुद का प्रवेश परीक्षा आयोजित करवाती है.
कुछ कोर्स के लिए आयु सीमा भी तय होती हैं.
नीट के बिना 12वीं के बाद अंडरग्रेजुएट मेडिकल कोर्स
12वीं के बाद बिना नीट क्वालीफाई किए आप मेडिकल कोर्स में बैचलर, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं. इसमें भी कुछ साधारण मेडिकल कोर्स होते हैं तो वहीं ज्यादातर पैरामेडिकल कोर्स होते हैं.
NEET के बिना 12वीं के बाद मेडिकल कोर्स में से ये 15 बैचलर डिग्री मेडिकल कोर्स कर सकते हैं.
1. B. Pharm
बी फार्मा 4 साल का एक अंडरग्रैजुएट डिग्री होती है. जिसे आप 12वीं साइंस (PCM/B) के बाद कर सकते हैं. ऑल इंडिया काउंसिल आफ टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) और फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) से ये कोर्स सत्यापित (approved) है.
B. Pharm का फुल फॉर्म Bachelor of Pharmacy होता है.
इस कोर्स में मुख्यता मेरिट के आधार पर एडमिशन मिलता है. तो वहीं कुछ सरकारी और प्राइवेट कॉलेज एडमिशन के लिए अपना एंट्रेंस एग्जाम आयोजित करवाती है.
12वीं के बाद फार्मेसी के लिए प्रवेश परीक्षा
12वीं के बाद फार्मेसी के लिए प्रमुख प्रवेश परीक्षा निम्नलिखित है:
- मणिपाल एंटरेंस टेस्ट (MET)
- BIT SAT
- केरला कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (KCET)
- पीयू सीईटी
- महाराष्ट्र कॉमन एंटरेंस टेस्ट (MAHA CET)
2. BPT
बहुत से लोगों का काम ऐसा होता है कि उसमें उनको ज्यादातर बैठे ही रहना होता है. जिससे उसके कमर, पीठ, आदि में अक्सर दर्द हो जाता है. फिर वो दर्द दवा खाने से भी ठीक नहीं होता है. उस दर्द को मुकम्मल तौर पर दूर करने के लिए जरूरत पड़ती है एक फिजियोथैरेपिस्ट की.
फिजियोथेरेपिस्ट (physiotherapist) वह होते हैं जो बिना दवाई के इलेक्ट्रिसिटी, हिट, मैकेनिकल प्रेशर, आदि के जरिए रोगी का उपचार करते हैं. ये बनने के लिए फिजियोथेरेपी का कोर्स करना होता है. बीपीटी भी एक फिजियोथेरेपी कोर्स ही है,
BPT का फुल फॉर्म Bachelor of Physiotherapy होता है.
बैचलर ऑफ फिजियोथैरेपी 4 साल का एक अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम है. ये कोर्स पूरा करने के बाद आपको 6 महीने की इंटर्नशिप (internship) करनी होती है. उसके बाद आप कहीं भी फिजियोथेरेपिस्ट के रूप में नौकरी कर सकते हैं या अपना फिजियोथेरेपी सेंटर खोल सकते हैं.
3. BA Psychology
सभी लोग कभी ना कभी तनाव (stress) से जरूर जूझते हैं. विद्यार्थियों को परीक्षा में अच्छा अंक लाने की चिंता होती है. युवा बेरोजगारी से परेशान हैं. कई का वैवाहिक जीवन सुखद नहीं है. तो कोई बिजनेस में फेल हो गया है.
यही चिंता ज्यादा होने से तनाव हो जाता है. और लंबे समय तक तनाव रहने से लोग अवसाद (depression) में चले जाते हैं. तो फिर उसके काउंसलिंग के लिए एक अच्छे मनोवैज्ञानिक (psychologist) की जरूरत पड़ती है. आप BA Psychology करके भी मनोवैज्ञानिक बन सकते हैं.
बीए साइकोलॉजी 3 से 4 साल का एक अंडर ग्रैजुएट प्रोग्राम है. किसी भी स्ट्रीम से 12वीं पास अभ्यर्थी इस कोर्स को कर सकते हैं. लेकिन ये 12वीं आर्ट्स वालों के लिए ज्यादा उपयुक्त है.
4. B.Sc. Audiology and Speech Language Pathology
बोलना और सुनना ये दो ऐसी नेमत है, जिसकी कोई कीमत नहीं लगाई जा सकती है. लेकिन कई लोग इस अमूल्य नेमत से भी महरूम हैं.
कुछ लोग कुदरती तौर पर पूरी तरह से गूंगे या बहरे होते हैं. तो वहीं कुछ लोगों को बोलने या सुनने में कुछ दिक्कत आती है, जिसे इलाज से ठीक किया जा सकता है. और इनका इलाज स्पीच पैथोलॉजिस्ट एंड ऑडियोलॉजिस्ट ही करते हैं.
बीएससी ऑडियोलॉजी एंड स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजी 3 साल का एक अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम होता है. इसमें मेरिट और एंट्रेंस एग्जाम दोनों के आधार पर एडमिशन मिलता है. NEET, JAM, GPAT, JNU CEEB, आदि इसके कुछ प्रमुख प्रवेश परीक्षाएं है.
5. B.Sc. in Biotechnology
बीएससी इन बायोटेक्नोलॉजी 3 साल का एक अंडरग्रैजुएट कोर्स है. हर साल लगभग 40,000 से भी ज्यादा विद्यार्थी बायोटेक्नोलॉजी से ग्रैजुएट होते हैं. भारत में इसके 300 से भी ज्यादा कॉलेज है.
B.Sc. in Biotechnology के लिए प्रमुख कॉलेज निम्नलिखित है:
- इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक हेल्थ एंड हाइजीन [IPH], नई दिल्ली
- जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी [JMI], नई दिल्ली
- मुंबई यूनिवर्सिटी [MU], मुंबई
- सत्यभामा इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, चेन्नई
- द ऑक्सफोर्ड कॉलेज आफ साइंस [TOCS], बेंगलुरु
- ओसमानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद
- इंस्टिट्यूट ऑफ़ जेनेरिक इंजीनियरिंग, कोलकाता
- राजीव गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी [RGIIT], पुणे
6. B.Sc. in Nutrition and Dietetics
फिट कौन नहीं रहना चाहता है! और इसके लिए बहुत लोग व्यायाम (exercise) भी करते हैं. लेकिन सिर्फ एक्सरसाइज करने से फिट नहीं रहा जा सकता है. इसके लिए आपको अपने खान-पान पर भी ध्यान देना होगा.
आमतौर पर लोग अपनी भूख और इच्छा के अनुसार खाना खाते हैं. लेकिन फिट रहने के लिए आपको अपने शरीर की जरूरत के हिसाब से खाना पीना चाहिए. और ये सही-सही आपको न्यूट्रिशन और डाइटेटिक्स ही बता सकते हैं. ये आप B.Sc. in Nutrition and Dietetics कोर्स करके बन सकते हैं.
बीएससी न्यूट्रिशन एंड डाइटेटिक्स या बैचलर ऑफ साइंस इन न्यूट्रिशन एंड डाइटेटिक्स एक अंडर ग्रैजुएट कोर्स है. जिसकी अवधि 3 साल होती हैं. इसमें आपको हुमन फिजियोलॉजी, फूड केमेस्ट्री, कंप्यूटर फंडामेंटल्स, पर्सनालिटी डेवलपमेंट, और फैमिली मील प्लानिंग जैसे टॉपिक पढ़ाएं जाते है.
7. BMLT
BMLT 3 साल का एक बैचलर डिग्री कोर्स है. ये एक बहुत ही अच्छा 12वीं के बाद प्रयोगशाला तकनीशियन कोर्स भी है. आप फुल टाइम, पार्ट टाइम या ऑनलाइन भी ये कोर्स कर सकते हैं. ऑनलाइन ये कोर्स करने के लिए इग्नू, तमिल नाडु ओपन यूनिवर्सिटी, आदि प्रमुख यूनिवर्सिटी है.
BMLT का फुल फॉर्म Bachelor of Medical Laboratory Technology होता है.
इस कोर्स को करने के बाद आप लैब टेक्नीशियन, रिसर्च असिस्टेंट, आदि बन सकते हैं.
8. B.Sc. Microbiology
ये भी 3 साल का एक अंडर ग्रैजुएट प्रोग्राम होता है. इसमें आपको वायरस, फंगी, बैक्टीरिया और इन से जुड़े अन्य तत्व (components) के सरंचना, ग्रोथ पैटर्न और उनका पर्यावरण पर प्रभाव के बारे में पढ़ाया जाता है.
आप 12वीं साइंस (PCB) के बाद ये कोर्स कर सकते हैं. इसमें मेरिट के साथ-साथ एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर भी एडमिशन होता है. BHU UET, AMUEEE, आदि इसके प्रमुख प्रवेश परीक्षा है.
इस कोर्स को करने के बाद आपकी निम्नलिखित जॉब प्रोफाइल होती है:
- बैक्टीरियोलॉजिस्ट
- वायरोलॉजिस्ट
- साइंटिस्ट
- माइकोलॉजिस्ट
- सेल बायोलॉजिस्ट
9. BVSc
वो लोगे जो जानवर से प्यार भी करते हैं और मेडिकल क्षेत्र में अपना करियर भी बनाना चाहते हैं. उनके लिए ये कोर्स बहुत उपयुक्त है. इसमें आपको जानवरों की बीमारी और डिसऑर्डर को पहचान कर उसका इलाज करना होता है.
BVSc का फुल फॉर्म Bachelor of Veterinary Science होता है.
अभी तक जितना भी कोर्स बताया गया है. उन सब में से ये सबसे ज्यादा लंबी अवधि का कोर्स है. बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंस की अवधि 5 साल होती है.
ये कोर्स आप विदेश से भी कर सकते हैं. विदेश से यह कोर्स करने के लिए आपको आईलेट्स (IELTS) के स्कोर की जरुरत पड़ सकती है.
10. B.Sc. Agriculture
बीएससी एग्रीकल्चर भी एक अंडरग्रैजुएट कोर्स ही है. जिसकी अवधि 4 साल होती हैं. इसमें आपको फंडामेंटल्स आफ सॉइल साइंस, प्रिंसिपल ऑफ प्लांट ब्रीडिंग, लाइवस्टोक प्रोडक्शन एंड मैनेजमेंट जैसे टॉपिक पढ़ाए जाते हैं.
ये कोर्स आप प्राइवेट और सरकारी दोनों कॉलेज से कर सकते है. सेंट्रल यूनिवर्सिटी से ये कोर्स करने के लिए आपको कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) देना होगा.
B.Sc. Agriculture कोर्स के लिए प्रमुख सरकारी यूनिवर्सिटी निम्नलिखित है.
- गोविंद बल्लभ पंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी
- उत्तर बंगा कृषि विश्वविद्यालय
- जूनागढ़ एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी
- जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय
- इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय
- उड़ीसा यूनिवर्सिटी आफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी
11. B.Tech. Biomedical Engineering
चौंक गए? अब आप में से कई लोग यह सोच रहे होंगे कि मेडिकल के कोर्स में B.Tech कहां से आ गया. तो ज्यादा सोचिए मत यह भी एक NEET के बिना 12वीं के बाद मेडिकल कोर्स ही है.
बी. टेक. बायोमेडिकल इंजीनियरिंग की अवधि 4 साल होती है. इसमें मेडिसिन और हेल्थकेयर सेक्टर में इंजीनियरिंग के कांसेप्ट का इस्तेमाल करना सिखाया जाता है.
इस कोर्स में मुख्यता एंट्रेंस एग्जाम के जरिए ही एडमिशन मिलता है. बी टेक बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के लिए प्रमुख एंट्रेंस एग्जाम निम्नलिखित है.
- जेईई मेन (JEE Main)
- जेईई एडवांस
- BIT SAT
- WB JEE
- MHT CET
इस कोर्स को करने के बाद गवर्नमेंट और प्राइवेट दोनों सेक्टर में करियर की संभावनाएं हैं.
12. B.Sc. Nursing
बीएससी नर्सिंग एक अंडर ग्रैजुएट प्रोग्राम है. जिसकी अवधि 4 साल होती है. ज्यादातर सेंट्रल और स्टेट यूनिवर्सिटी में नीट के आधार पर इस कोर्स में एडमिशन होता है. कुछ कॉलेज अपना खुद का एंट्रेंस एग्जाम आयोजित करवाती है. तो वहीं बाकी कॉलेज में मेरिट के आधार पर एडमिशन होता है.
इस कोर्स को इंडियन नर्सिंग काउंसिल से मान्यता प्राप्त है. जिससे इस कोर्स को करने के बाद गवर्नमेंट सेक्टर में नौकरी पाना आसान हो जाता है.
B.Sc. Nursing के लिए प्रमुख कॉलेज और उनकी फीस निम्नलिखित हैं:
कॉलेज | औसत फीस (₹ में) |
ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज [AIIMS], दिल्ली | 3,685 |
जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी, दिल्ली | 1,45,000 |
आरआर नर्सिंग इंस्टिट्यूट, बेंगलुरु | 1,95,000 |
हिंद इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ | 78,000 |
अल शिफा कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग, केरला | 80,500 |
13. BPMT
ये भी 4 साल का एक अंडर ग्रैजुएट प्रोग्राम है. इसकी डिमांड भी बहुत ज्यादा है. क्योंकि डॉक्टर के अलावा जो अन्य लोग किसी भी अस्पताल में काम करते है. उनमें से ज्यादातर लोग पैरामेडिकल कोर्स ही किए होते हैं.
BPMT का फुल फॉर्म Bachelor of Paramedical Technology होता है.
बैचलर ऑफ पैरामेडिकल टेक्नोलॉजी कोर्स के अंतर्गत मुख्यता निम्नलिखित विषय पढ़ाए जाते हैं:
- फिजियोलॉजी
- माइक्रोबायोलॉजी
- पैथोलॉजी
- फॉरेंसिक मेडिसिन
- नर्सिंग
- फार्माकोलॉजी
- हॉस्पिटल मैनेजमेंट
14. B.Sc. Cardiology
बीएससी कार्डियोलॉजी 3 से 4 साल का एक अंडरग्रैजुएट कोर्स होता है. इस कोर्स के अंदर दिल की बीमारी को पहचानना, उसका इलाज करना इसके ट्रीटमेंट में इस्तेमाल होने वाले कंप्यूटर हार्डवेयर और औजार का सही इस्तेमाल करना सिखाया जाता है.
इस कोर्स को करने के बाद आप कार्डियोलॉजिस्ट, मेडिकल सोनोग्राफर, कार्डियोवैस्कुलर टेक्नोलॉजीस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट टेक्नीशियन, आदि बन सकते हैं.
15. BNYS
बीएनवाईएस, फिजियोथेरेपी की ही तरह का एक अंडरग्रैजुएट कोर्स है. जिसकी अवधि 4.5 वर्ष होती है. उसके बाद 1 साल का इंटर्नशिप भी होता है. इसमें नेचुरोपैथी और योग के जरिए रोगी को बिना दवा के ठीक किया जाता है.
BNYS का फुल फॉर्म Bachelor of Naturopathy and Yogic Science होता है.
इसमें एडमिशन मेरिट या नीट के स्कोर के आधार पर होता है.
बैचलर ऑफ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंस के लिए प्रमुख कॉलेज निम्नलिखित है:
- जेएसएस इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंसेज
- जगन्नाथ यूनिवर्सिटी
- मोरारजी देसाई इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंसेज
- हिमालयन यूनिवर्सिटी
- गवर्नमेंट योगा एंड नेचरोपैथी मेडिकल कॉलेज, चेन्नई
- पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेमोरियल हेल्थ साइंस एंड आयुष यूनिवर्सिटी आफ छत्तीसगढ़
इस कोर्स को करने के बाद आप नेचुरोपैथीक फिजीशियन, लेक्चरर, रिहैबिलिटेशन थैरेपिस्ट, नेचरोपेथिक डॉक्टर, योगा थैरेपिस्ट, आदि बन सकते हैं.
नीट के बिना 12वीं के बाद डिप्लोमा मेडिकल कोर्स
डिप्लोमा कोर्स की अवधि मुख्यता बैचलर डिग्री से कम होती हैं. और ये उसकी तुलना में ज्यादा जॉब ओरिएंटेड कोर्स होता हैं. इसलिए NEET के बिना 12वीं के बाद मेडिकल कोर्स में से आप डिप्लोमा मेडिकल कोर्स कर सकते हैं.
NEET के बिना 12वीं के बाद प्रमुख डिप्लोमा मेडिकल कोर्स निम्नलिखित है:
- डिप्लोमा इन एनिमल हसबेंडरी
- डिप्लोमा इन गाइनेकोलॉजी एंड ऑब्सटेट्रिक्स
- डिप्लोमा इन क्लिनिकल पैथोलॉजी
- डिप्लोमा इन ऑप्टोमेट्री
- डिप्लोमा इन फार्मेसी
- डिप्लोमा इन नर्सिंग
- डिप्लोमा इन न्यूट्रिशन एंड डाइटेटिक्स
- डिप्लोमा इन रेडियोलॉजिकल टेक्नोलॉजी
- डिप्लोमा इन मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी
- डिप्लोमा इन फिजियोथेरेपी
इन सब कोर्सेज की अवधि 2 से 3 वर्ष होती है.
उम्मीद है कि ये पोस्ट ‘NEET के बिना 12वीं के बाद मेडिकल कोर्स’ आपको उपयोगी लगा होगा. इनसे जुड़ा हुआ अगर आपका कोई प्रश्न है तो कॉमेंट में जरूर पूछें एवं इस पोस्ट को उन लोगों तक शेयर करें जो 12वीं के बाद बिना नीट के मेडिकल कोर्स ढूंढ रहे है.
NEET के बिना 12वीं के बाद मेडिकल कोर्स – FAQs
बैचलर ऑफ यूनानी मेडिसिन एंड सर्जरी (BUMS), बैचलर ऑफ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंस (BNYS), बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंस (BVSc), आदि कोर्स करके आप NEET के बिना भी एक डॉक्टर बन सकते हैं.
फिजियोथेरेपी न तो पैरामेडिकल के अंतर्गत आता और ना हीं NEET अंतर्गत आता है. हां ये पहले पैरामेडिकल के अंतर्गत आता था.
होना तो चाहिए और होता भी है. बहुत सारे कॉलेज में बिना NEET के ही BUMS में एडमिशन मिल जाता है. तो इसलिए BUMS में एडमिशन के लिए NEET देना जरूरी नहीं है.