राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर निबंध, महत्व, थीम एवं नारे

तो आपको राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर निबंध लिखने को दिया गया है, और इंटरनेट पर आप नेशनल एजुकेशन डे पर कोई बेहतरीन निबंध ढूंढ रहे हैं. तो आप सही जगह आएं.

प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत सारे दिवस मनाएं जाते है. उसमें से कई सारे दिवस स्कूल, कॉलेज सहित अन्य शिक्षण संस्थानों में भी मनाया जाता हैं. तो शिक्षा दिवस भी ऐसा ही है. इसे हर साल विद्यार्थी और शिक्षक मिलकर हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं.

इस पोस्ट में हमलोग राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर दो बेहतरीन निबंध जानेंगे ही. इसके अलावा मौलाना अबुल कलाम आजाद की संक्षिप्त जीवनी और National Education Day Essay in Hindi से जुड़े कुछ FAQs भी देखेंगे.


राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर निबंध [500 शब्द]

मौलाना अबुल कलाम जी की याद में हर साल राष्ट्रीय शिक्षा दिवस को धूमधाम के साथ मनाया जाता है. जिसकी एक निश्चित तारीख है. प्रत्येक वर्ष 11 नवंबर के दिन राष्ट्रीय शिक्षा दिवस को मनाया जाता है.

हमारे देश के आजाद होने के पश्चात, स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री के पद पर मौलाना अबुल कलाम आजाद विराजमान हुए और पद ग्रहण करते ही उन्होंने भारत देश में शिक्षा के स्तर को सुधारने के साथ ही लोगों को शिक्षित बनाने के लिए विभिन्न प्रयास करने प्रारंभ कर दिए.

National Education Day Essay in Hindi
Back to School

मौलाना अबुल कलाम जी देश में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए हमेशा प्रयासरत थे, और इसीलिए उन्होंने देश में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम चलाए और प्रयास किए जिनमें महिलाओं की शिक्षा के लिए पुरजोर वकालत करना भी शामिल है.

मौलाना अबुल कलाम आजाद जी को उनके द्वारा किए गए सराहनीय कार्यों के लिए साल 2008 में सम्मान दिया गया. क्योंकि इसी वर्ष 11 नवंबर के दिन मौलाना अबुल कलाम जी के जन्म दिवस के मौके पर राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने की घोषणा की गई और तब से हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जा रहा है.

मौलाना अबुल कलाम जी एक बहुत ही अच्छे साहित्यकार होने के साथ ही साथ एक अच्छे कवि भी थे. इनके द्वारा विभिन्न कविताओं की रचना भी की गई थी. 

अपने द्वारा किए गए अभूतपूर्व कामों की वजह से इन्हें भारत सरकार के द्वारा इस देश के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न से नवाजा गया. अबुल कलाम जी के जन्म दिवस के मौके पर हर साल 11 नवंबर के दिन देशभर के विभिन्न सरकारी और प्राइवेट कॉलेज में अलग-अलग प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.

मौलाना अबुल कलाम जी का सपना था कि हमारे देश में समाज के अंतिम तबके के लोगों को भी शिक्षा प्राप्त हो ताकि वह अपनी जिंदगी में एक बेहतरीन इंसान बन सके. साथ ही अच्छे पदों पर जाकर अपने समाज, अपने परिवार और अपने देश का नाम रोशन करें साथ ही देश की तरक्की के लिए अपना योगदान दें.

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस को मनाने की घोषणा भारत के मानव संसाधन विकास मंत्रालय (जिनका नाम परिवर्तित हो कर अब शिक्षा मंत्रालय हो गया है) के द्वारा की गई थी जिसका सभी नेताओं ने समर्थन किया और तब से हर साल राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जा रहा है. इसे अंग्रेजी में नेशनल एजुकेशन डे कहा जाता है.

शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए मनाए जाने वाले इस दिवस का प्रमुख उद्देश्य शिक्षा के स्तर को सुधारना है. ताकि देश में शिक्षित लोगों की बढ़ोतरी हो और भारत की साक्षरता की दर में सुधार आए.

इस बात से हम भलीभांति परिचित हैं कि शिक्षा के बिना वर्तमान समय में इंसान की कोई भी वैल्यू नहीं है. क्योंकि शिक्षा के दम पर ही इंसान हर वह चीज प्राप्त कर सकता है जो उसे अपनी जिंदगी में प्राप्त करनी होती है.

शिक्षा प्राप्त किया हुआ व्यक्ति व्यवहार से बहुत ही बेहतरीन होता है और जो लोग निरक्षर रह जाते हैं उन्हें अपनी जिंदगी में सामान्य चीजों को प्राप्त करने के लिए भी विभिन्न कठिनाइयों को झेलना पड़ता है. 

इसलिए कहा जाता है शिक्षा के बिना मनुष्य का जीवन पशु के समान है. अतः जरूरी है की अपने आसपास के लोगों को भी शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रेरित किया जाए और यथासंभव उनकी सहायता भी की जाए.

National Education Day Essay in Hindi [1000 शब्द]

देश को ब्रिटिशों से मिली आजादी के पश्चात सरकार का गठन हुआ और मौलाना अबुल कलाम आजाद को देश के पहले शिक्षा मंत्री का पद दिया गया. 

मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्म दिवस के मौके पर प्रत्येक वर्ष नवंबर माह में 11 तारीख को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है जिसे नेशनल एजुकेशन डे भी कहा जाता है.

साल 2008 में भारत के केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (जिनका नाम परिवर्तित हो कर अब शिक्षा मंत्रालय हो गया है) के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा दिवस को स्थापित किया गया था और इसे हर साल 11 नवंबर के दिन मनाने की घोषणा भी की गई थी. 

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने के लिए 11 नवंबर के दिन का चुनाव इसलिए किया गया क्योंकि इसी दिन भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम का जन्मदिन भी होता है. इसीलिए उनकी याद में हर साल 11 नवंबर के दिन राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है.

भारत के पहले शिक्षा मंत्री के तौर पर आजाद जी के द्वारा मुक्त प्रारंभिक शिक्षा और हायर एजुकेशन के लिए मॉडर्न इंस्टीट्यूट, एआईसीटीई (AICTE) तथा यूजीसी के साथ नेशनल एजुकेशन सिस्टम की स्थापना की गई थी.

इसके अलावा मौलाना अबुल कलाम आजाद को ही आईआईएससी, आईआईटी तथा आर्किटेक्चर स्कूल की स्थापना करने श्रेय दिया जाता है. 

इसके साथ साथ अबुल कलाम आजाद जी के द्वारा यूनिवर्सिटी अनुदान आयोग (UGC) की नींव रखने का काम भी किया गया था जो कि हमारे देश में बेहतरीन शिक्षा की देखरेख के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण इंस्टिट्यूट है.

शिक्षा मंत्री के पद पर रहते हुए अबुल कलाम आजाद जी के द्वारा तकरीबन 11 साल तक सेवाएं दी गई. इसके अलावा इन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के दरमियान इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ मुस्लिम नेता के तौर पर भी सराहनीय काम किए.

मौलाना अबुल कलाम की सोच थी कि शिक्षा हर व्यक्ति के लिए बहुत ही आवश्यक है, और इसीलिए उन्होंने अपने जीवन काल के दरमियान भारत में शिक्षा को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया और शिक्षा को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किए. इस प्रकार से कलाम जी के द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करने के लिए साथ ही उन्हें सम्मान प्रदान करने के लिए हर साल राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने की शुरुआत की गई.

भारत में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस को मनाने के पीछे विभिन्न उद्देश्य शामिल किए गए हैं, जिसके अंतर्गत भारत में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारना साथ ही भारत में मौजूद शिक्षण संस्थानों को मजबूत बनाने जैसे उद्देश्य शामिल है.

ताकि हर भारतीय को अच्छी से अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सके और वह अपने माता पिता के साथ समाज का और देश का नाम रोशन कर सके और विदेशों में भी भारतीय शिक्षा प्रणाली का डंका बजवा सके.

इस दिन के उद्देश्य में भारत की वर्तमान एजुकेशन प्रणाली में सुधार करना तथा लोगों को शिक्षा के महत्व को समझाना भी शामिल है. ताकि अधिक से अधिक अभिभावक अपनी संतानों को शिक्षा दिलाने के लिए प्रेरित हो ताकि हमारे भारत देश में साक्षरता की दर में बढ़ोतरी हो और निरक्षरता की दर में कमी हो.

साल 2023 में भी 11 नवंबर के दिन मौलाना अबुल कलाम जी के जन्मदिन के मौके पर राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाएगा. क्योंकि हर साल 11 नवंबर के दिन को ही राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के तहत मनाने के लिए घोषित किया गया है. इस दिन देश के अलग-अलग इलाके में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करवाया जाता है.

जिस प्रकार से हमारे आजाद भारत देश के पहले उपराष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को शिक्षक दिवस के तौर पर हर साल मनाया जाता है, उसी प्रकार से आजाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम के सम्मान में 11 नवंबर को शिक्षा दिवस धूमधाम के साथ विभिन्न स्थानों पर पर्व के तौर पर मनाया जाता है.

हमारे देश में शिक्षा दिवस के मौके पर वैसे तो सरकारी अवकाश घोषित नहीं किया गया है परंतु इसके बावजूद इस दिन की अहमियत जरा भी कम नहीं होती है. 

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के मौके पर हर साल विभिन्न गवर्नमेंट और प्राइवेट स्कूल, यूनिवर्सिटी तथा अलग-अलग शैक्षणिक प्लेटफार्म पर इससे संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.

इस दिन निबंध प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता, आर्टिकल लेखन, पोस्टर मेकिंग, ग्रुप डिस्कशन जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन भी विभिन्न शैक्षिक इंस्टिट्यूट में किया जाता है और विजेता लोगों को इनाम के स्वरूप छोटी मोटी भेंट भी दी जाती है.

इसके साथ ही साथ विद्यार्थियों के द्वारा मौलाना आजाद की जिंदगी के ऊपर आधारित विभिन्न प्रकार की प्रस्तुति भी प्रस्तुत की जाती है. साथ ही कलाम जी से संबंधित विभिन्न प्रेरणादायक भाषण भी विद्यार्थियों और अन्य लोगों के द्वारा दिए जाते हैं तथा विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी इस दिन स्कूल, कॉलेज और विभिन्न संस्थानों में किया जाता है.

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के मौके पर कला प्रतियोगिता, खेल प्रतियोगिता, नुक्कड़ नाटक जैसी प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है. इस प्रकार से बड़े ही धूमधाम के साथ 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस, मौलाना अबुल कलाम जी की याद में मनाया जाता है.

मौलाना अबुल कलाम जी के द्वारा भले ही एक अच्छी साक्षरता दर वाले भारत देश की कल्पना की गई थी परंतु अभी भी भारत को अच्छी साक्षरता दर प्राप्त करने में काफी लंबे प्रयास करने हैं. अभी भी इसमें कुछ कमियां है जिसके तहत भारत में अभी भी ऐसे कई गांव है जहां पर स्कूल ही नहीं है. 

ऐसे में उन गांवों में रहने वाले विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई करने के लिए दूर स्थित किसी स्कूल में जाना पड़ता है जिससे अधिकतर लोग तो स्कूल जा ही नहीं पाते हैं और वह अनपढ़ रह जाते हैं. इसके अलावा देश की जनसंख्या में वृद्धि होने की वजह से अधिकतर लोगों को शिक्षा नहीं मिल पा रही है क्योंकि जनसंख्या के हिसाब से नए स्कूल नहीं खोले जा रहे हैं.

इसलिए सरकार को चाहिए कि वह भारत देश में साक्षरता की दर को सुधारने के साथ ही अबुल कलाम जी के शिक्षा के सपनों को पूरा करने के लिए विभिन्न फ्री एजुकेशन योजना के कार्यक्रमों की शुरुआत करें साथ ही ग्रामीण इलाके में नए स्कूल और कॉलेज को खोलने पर विशेष तौर पर ध्यान दें.

इसके अलावा बेटियों पर भी खासतौर पर फोकस करें क्योंकि अधिकतर अभिभावक बेटियों को स्कूल पढ़ने के लिए नहीं भेजते हैं. इसलिए बेटियों को स्कूल तक लाने के लिए सरकार चाहे तो विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं को चालू कर सकती है.

ताकि छात्रवृत्ति पाने की लालच में अभिभावक अपनी बेटियों को भी स्कूल पढ़ने के लिए भेजें साथ ही गवर्नमेंट को यह प्रयास करना चाहिए कि जो विद्यार्थी आर्थिक तौर पर कमजोर है उन्हें सरकार मुफ्त में एजुकेशन उपलब्ध करवाएं.

क्योंकि कहीं ना कहीं विद्यार्थी पढ़ाई करके आगे चलकर देश की तरक्की में योगदान देगा और मौलाना अबुल कलाम जी के साक्षर भारत के सपनों को साकार करेगा.

ये भी पढ़ें > राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) पर 2 शानदार भाषण


शिक्षा पर प्रमुख नारे (Slogans)

 राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर कुछ प्रमुख नारे (National Education Day Slogans in Hindi) निम्न हैं:

हर घर तक शिक्षा पहुंचाना है, देश को आगे बढ़ाना है.

सभी बच्चों का यही है नारा, पढ़ना-लिखना लक्ष्य हमारा.

National Education Day Slogans in hindi
Slogan on Education

अच्छी शिक्षा और संस्कार, यही है बेहतर जीवन का आधार.

शिक्षा को अपनाना है, गरीबी दूर भगाना है.

आधी रोटी खाएंगे, फिर भी स्कूल जाएंगे.


राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर निबंध – FAQs

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने की शुरुआत कब हुई?

साल 2008 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय (जिनका नाम परिवर्तित हो कर अब शिक्षा मंत्रालय हो गया है) द्वारा शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत हुई.

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2023 की थीम क्या है?

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2023 की थीम (National Education Day Theme 2023) “लोगों में निवेश करने के लिए, शिक्षा को प्राथमिकता दें” (To invest in people, prioritize education) है.

आपको बता दें कि मानव संसाधन मंत्रालय (जो की अब शिक्षा मंत्रालय है) प्रत्येक वर्ष एक अलग थीम निर्धारित करती है. ये थीम देश में शिक्षा के प्रगति को ध्यान में रखकर निर्धारित किया जाता है.

नेशनल एजुकेशन डे क्यों मनाया जाता है?

शिक्षा के क्षेत्र में मौलाना अबुल कलाम आजाद के अतुलनीय योगदान के लिए उनके जयंती पर नेशनल एजुकेशन डे मनाया जाता हैं.

शिक्षा दिवस कब मनाया जाता है?

शिक्षा दिवस प्रत्येक वर्ष 11 नवंबर को मनाया जाता है.

उम्मीद है कि आपको इसमें दिए गए राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर निबंध (rashtriya shiksha diwas par nibandh) उपयोगी लगा होगा. अगर आपका इससे जुड़ा कोई प्रश्न है तो कॉमेंट में जरूर पूछें एवं इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें. 

कृपया इस पोस्ट को शेयर करें!
Subscribe
Notify of
guest

0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
This Blog is Hosted on Cloudways