Rashtriya Vigyan Diwas 2024 | राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की पूरी जानकारी

हमारे जीवन को आसान और बेहतर बनाने में विज्ञान का बहुत बड़ा योगदान है. यह हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की निगरानी करता है, हमारे बीमारियों को ठीक करने के लिए दवा प्रदान करता है, हमारी बुनियादी जरूरतों को उपलब्ध कराने में मदद करता है, ऊर्जा प्रदान करता है और खेल सहित जीवन को और अधिक मजेदार बनाता है. इन्हीं योगदानों को याद करने के लिए प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (Rashtriya Vigyan Diwas) मनाया जाता है.

भारत हमेशा से विज्ञान के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ा रहा है. कई प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिकों ने उज्जवल दिमाग के आदित्य विचारों के आधार पर दुनिया को बहुत सारे वैज्ञानिक आविष्कार प्रदान किए हैं. प्रकाश के प्रकीर्णन की खोज से लेकर विकासशील उपग्रहों तक विज्ञान के योगदान ने हमारे देश में प्रगति की रफ्तार को तेज कर दिया है.

उन्हीं महान वैज्ञानिकों में से एक है सीवी रमन (CV Raman) जिन्होंने दुनिया को “रमन प्रभाव” नामक एक नायाब तोहफा दिया है.

इस पोस्ट में हमलोग rashtriya vigyan diwas kab manaya jata hai,  राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 की थीम क्या है, आदि जानेंगे. अंत में National Science Day in Hindi से जुड़े कुछ FAQs भी देखेंगे.

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का संक्षिप्त विवरण 

दिवस का नामराष्ट्रीय विज्ञान दिवस
मनाने की तिथि28 फरवरी
आवृतिप्रतिवर्ष
स्तरराष्ट्रीय स्तर
मनाने का कारणसीवी रमन द्वारा रमन प्रभाव का खोज
पहली बार मनाया गया28 फरवरी 1987 को
National Science Day 2024 ThemeScience for a Sustainable Future
National Science Day 2024 Highlights

Rashtriya Vigyan Diwas Kab Manaya Jata Hai?

Rashtriya Vigyan Diwas प्रतिवर्ष 28 फरवरी को मनाया जाता है. क्योंकि इसी दिन 1928 (28 फरवरी 1928) को सीवी रमन द्वारा “रमन प्रभाव” का खोज किया गया था. जिसके लिए उन्हें 1930 ईसवी में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार तथा 1954 में देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार “भारत रत्न” से सम्मानित किया गया.

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का इतिहास: नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन (NCSTC) ने 1986 में भारत सरकार से 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में नामित करने का आग्रह किया. जिसे उसी साल भारत सरकार ने स्वीकार कर लिया. इस तरह से पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी 1987 को मनाया गया था.

Science Banner - Rashtriya Vigyan Diwas
Science Banner

पहले राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर एनसीएसटीसी ने विज्ञान और संचार के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रयासों (outstanding efforts) को पहचानने एवं सराहने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान लोकप्रियकरण पुरस्कारों (National Science Popularization Awards) की घोषणा की गई थी. 

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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कैसे मनाया जाता है?

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पूरे देश भर में विज्ञान से जुड़े कार्यशालाओं, फिल्मों की प्रदर्शनी, इसके थीम और अवधारणाओं पर चित्रकला, निबंध, लाइव परियोजना, वाद-विवाद, क्विज कंपटीशन, भाषण प्रतियोगिता, संगोष्ठीयां (seminars) आदि आयोजित करके बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.

इसे मनाने के लिए बहुत से लोग एक साथ विभिन्न जगह पर इकट्ठे होते हैं और उत्साह के साथ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर आयोजित होने वाली विभिन्न गतिविधियों में भाग लेते हैं.

निम्नलिखित संस्थानों में इसे वृहद स्तर पर मनाया जाता है:

  • भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग 
  • जॉइंट मीटर वेब रेडियो टेलीस्कोप (GMRT) 
  • प्रत्येक राज्य के विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद 
  • रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO)
  • जवाहरलाल नेहरू प्लैनेटेरियम
  • सीएसआईआर- राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान (CSIR- NEERI)

इसके अलावा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में वैज्ञानिकों को भी बुलाया जाता है. छात्रों के साथ वैज्ञानिक अपना अनुभव साझा करते हैं तो वहीं छात्र विज्ञान से जुड़े विभिन्न सवाल पूछ कर अपनी उत्सुकता जाहिर करते हैं.

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने का उद्देश्य 

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों का विज्ञान के प्रति जागरूकता लाना है कि कैसे मानव कल्याण में विज्ञान अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है.

इसके साथ-साथ ये नए विचारों, रचनात्मक एवं अभिनव (innovative) टेक्नोलॉजी के विकास पर गहन चर्चा के लिए भी मनाया जाता है. 

इस दिन मानव कल्याण के लिए विज्ञान के क्षेत्र में सभी गतिविधियों, प्रयासों और उपलब्धियों को भी प्रदर्शित किया जाता है. 

वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखने वाले व्यक्ति को अवसर देना तथा उनको विज्ञान के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करना भी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उद्देश्यों में शामिल है.

सीवी रमन कौन थे?

सीवी रमन भारत के सबसे प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक हैं. उनका पूरा नाम चंद्रशेखर वेंकटरमन था. प्रकाश के प्रकीर्णन पर अपने अग्रणी कार्य के लिए उन्हें 1930 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार से भी नवाजा गया था.

CV Raman - Rashtriya Vigyan Diwas
C.V. Raman

चंद्रशेखर वेंकटरमन का जन्म 7 नवंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में हुआ था. उनके पिता का नाम चंद्रशेखर अय्यर तथा माता का नाम पार्वती अम्मा था. चंद्रशेखर अय्यर गणित और भौतिकी के व्याख्याता (lecturer) थे. इसलिए इनके घर में बचपन से ही शैक्षणिक माहौल था. 

उन्होंने 1902 में प्रेसिडेंसी कॉलेज (मद्रास) में प्रवेश लिया तथा 1904 में प्रथम स्थान एवं भौतिकी में स्वर्ण पदक (gold medal) जीतकर बीएससी परीक्षा पास किए. फिर 1907 में सीवी रमन ने अपना M.Sc. हाईएस्ट डिस्टिंक्शन के साथ पास किया.

उस समय भारत में वैज्ञानिकों के लिए इतने ज्यादा अवसर नहीं था. इसलिए 1907 में रमन भारतीय वित्त विभाग में शामिल हो गए. अपने कार्यालय से आने के बाद वे इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ़ साइंस (कोलकाता) के प्रयोगशाला में प्रयोगात्मक शोध किया करते थे.

1947 में उन्हें स्वतंत्र भारत की नई सरकार द्वारा पहला राष्ट्रीय प्रोफेसर नियुक्त किया गया था. 1948 में वह भारतीय संस्थान से सेवानिवृत्त (retired) हुए और एक साल बाद उन्होंने बैंगलोर में रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना की, जहां उन्होंने अपनी मृत्यु तक काम किया.

Sir C.V. Raman की मृत्यु 21 नवंबर 1970 को हुई थी.

रमन प्रभाव क्या है?

रमन प्रभाव किसी माध्यम के अणुओं द्वारा प्रकाश कणों के बिखरने की प्रक्रिया है. ये प्रकीर्णन प्रकाश की तरंग धैर्य में बदलाव के कारण होता है, क्योंकि यह प्रकाश माध्यम में प्रवेश करता है.

जब प्रकाश का एक किरण धूल रहित, पारदर्शी रसायन से गुजरता है, तो प्रकाश का एक छोटा सा अंश जहां उभरना चाहिए वहां छोड़कर अन्य दिशाओं में उभरता है. 

Raman Effect on Pure Water - Rashtriya Vigyan Diwas
The Raman spectrum of pure water: Photo by Bob Fosbury on Flickr

इसका मतलब यह है कि शरीर से अपवर्तित प्रकाश, भूमध्य सागर या एक हिमशैल (iceberg) की तरह एक अलग रंग का प्रतिशत हो सकता है. 

रमन प्रभाव ने ही “रमन स्पेक्ट्रोस्कॉपी” के क्षेत्र को जन्म दिया, जिसका दुनिया भर के कई क्षेत्रों में व्यापक अनुप्रयोग हो रहा है.

यह रासायनिक बंधन संरचनाओं को निर्धारित करने, तापमान निर्धारित करने, क्रिस्टलीय अभिविन्यास को ढूंढने, फार्मास्यूटिकल रसायनों की पहचान करने, नकली दवाओं की खोज करने, पुराने चित्रों और ऐतिहासिक दस्तावेजों में वर्णक (pigments) की पहचान करने और दूर से ही लेजर का उपयोग करके विस्फोटकों का पता लगाने में मदद कर सकता है. 

रमन प्रभाव (raman effect) को रमन प्रकीर्णन (raman scattering) भी कहा जाता है.

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 की थीम क्या है? 

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 की थीम, एक स्थायी भविष्य के लिए विज्ञान (Science for a Sustainable Future) है.

वैसे तो नेशनल साइंस डे 1987 से ही मनाया जा रहा है. परंतु यहां आपको 2005 के विज्ञान दिवस की थीम से लेकर राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 तक की थीम हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में बताई जा रही है.

वर्षविषयTheme
2005भौतिकी को मनानाCelebrating Physics
2006हमारे भविष्य के लिये प्रकृति की परवरिश करेंNurture Nature for our future
2007प्रति द्रव्य पर ज्यादा फसलMore Crop Per Drop
2008पृथ्वी ग्रह को समझनाUnderstanding the Planet Earth
2009विज्ञान की सीमा को बढ़ानाExpanding Horizons of Science
2010दीर्घकालिक विकास के लिये लैंगिक समानता, विज्ञान और तकनीकGender Equity, Science & Technology for Sustainable Development
2011दैनिक जीवन में रसायनChemistry in Daily Life
2012स्वच्छ ऊर्जा विकल्प और परमाणु सुरक्षाClean Energy Options and Nuclear Safety
2013अनुवांशिक संशोधित फसल और खाद्य सुरक्षाGenetically Modified Crops and Food Security
2014वैज्ञानिक मनोवृत्ति को प्रोत्साहित करनाFostering Scientific Temper
2015राष्ट्र निर्माण के लिये विज्ञानScience for Nation Building
2016देश के विकास के लिए वैज्ञानिक मुद्दों पर सार्वजनिक प्रशंसा बढ़ाने के लक्ष्यScientific Issues for Development of the Nation
2017विशेष रूप से एबल्ड पर्सन के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकीScience and Technology for Specially Abled Persons
2018एक सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकीScience and Technology for a sustainable future
2019विज्ञान के लिए जन और जन के लिए विज्ञानScience for the People, and the People for Science
2020विज्ञान में महिलाएँWomen in Science
2021एसटीआई का भविष्य (विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार): शिक्षा, कौशल, कार्य पर प्रभावFuture of STI (Science, Technology and Innovations): Impacts on Education, Skills, and Work
2022सतत् भविष्य के लिये विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोणIntegrated Approach in science and technology for Sustainable Future
2023वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञानGlobal Science for Global Wellbeing
2024एक स्थायी भविष्य के लिए विज्ञानScience for a Sustainable Future
National Science Day Theme

Rashtriya Vigyan Diwas – FAQs

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक सीवी रमन द्वारा “रमन प्रभाव” की खोज के उत्सव में मनाया जाता है.

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कब से शुरू हुआ?

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी 1987 से शुरू हुआ.

28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस क्यों मनाया जाता है?

क्योंकि इसी दिन 1928 (28 फरवरी 1928) को सीवी रमन द्वारा “रमन प्रभाव” की खोज की गई थी. जिसके कारण उसे 1930 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार भी मिला.

28 फरवरी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस किसके जन्मदिन पर मनाया जाता है?

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस किसी के भी जन्मदिन पर नहीं मनाया जाता है, बल्कि सीवी रमन द्वारा 28 फरवरी 1928 को रमन प्रभाव के खोजे जाने के याद में मनाया जाता है.

रमन प्रभाव की खोज किसने की है?

रमन प्रभाव की खोज सीवी रमन ने की है.

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