सभी विद्यार्थी के जीवन में कुछ-न-कुछ समस्या होती ही है, आज हम लोग इसी समस्या को जानने का और उसके समाधान (दूर करने) का प्रयास करेंगे।
वैसे विद्यार्थी जीवन में तो कई सारी समस्याएं आती है। इनमें से कुछ समस्याएं कॉमन होती है जिसका सामना लगभग सभी विद्यार्थियों को अपने विद्यार्थी जीवन में करना पड़ता है।
तो आज के इस ब्लॉग पोस्ट में विद्यार्थी जीवन की ऐसी ही पांच मुख्य समस्या को जानेंगे और उसे दूर करने का प्रयास करेंगे।
विद्यार्थी जीवन की मुख्य समस्याएं
1. समय की बर्बादी (waste of time)
हमलोग बचपन से ही सुनते आ रहे है कि ‘समय बड़ा अनमोल है इसकी कदर करो’, ‘समय लौट कर नही आता’, इत्यादि। पर क्या हमलोग सही मायनों में समय की कदर कर रहे हैं?
समय की बर्बादी विद्यार्थी जीवन की सबसे बड़ी समस्या है। समय की बर्बादी करने से पढ़ाई समय पर नहीं हो पाती और विद्यार्थी के अंदर पढ़ाई या और भी जरूरी काम को टालने की प्रवृत्ति (Procrastination) आ जाती है।
समय को बर्बाद होने से बचाने के लिए सबसे पहले समय प्रबंधन सीखे और अपने समय को बर्बाद होने से बचाएं।
कुछ छात्र-छात्राएँ ये तर्क देते है कि जीवन में मस्ती (entertainment), दोस्त, स्मार्टफोन, खेलकूद और सोशल मीडिया (social media) ये सब भी जरूरी है, मै आपके बात से बिल्कुल सहमत हू पर क्या इसकी कोई समय सीमा नहीं है?
समाधान (solution)
- एक दिनचर्या (time table) बना ले और उसका सही से पालन करे
- पढ़ाई के समय स्मार्टफोन से दूरी बनाए रखें
2. नशा (intoxication)
नशा विद्यार्थियों और उसके माता-पिता या अभिभावक की बहुत बड़ी समस्या बन कर उभर रही हैं। इससे विद्यार्थियों की अपनी छात्र जीवन (student life) और व्यक्तिगत जीवन (personal life) दोनों प्रभावित होती है।
नशे से विद्यार्थी की शारीरिक शक्ति और मानसिक शक्ति दोनों धीरे-धीरे क्षीण होती रहती है। कई बार यह दुर्घटना और मृत्यु का भी कारण बनता है।
नशे के अंतर्गत बहुत सारी चीजें आती है, जैसे की शराब, सिगरेट, तंबाकू, ड्रग्स इत्यादि।
हालांकि नशे की बहुत सारी वजहें होती हैं, जैसे टेंशन, मस्ती, टाइम-पास, अत्याधिक पार्टी, ब्रेकअप, बिजनेस में नुकसान इत्यादि, लेकिन इसकी मुख्य वजह है ‘गलत संगति’।
कुछ विद्यार्थी ये बहाना बनाते हैं की नशा करने से टेंशन दूर होता है। लेकिन ये गलत है भले ही नशे से कुछ देर के लिए मस्तिष्क सब कुछ या टेंशन भूल जाता है पर फिर नशा टूटने के बाद समस्या और टेंशन अपनी जगह पर ही रहती है।
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वास्तव में नशा उनकी समस्याओं और टेंशन को और बढ़ा देता है।
समाधान (solution)
- हमेशा अच्छी संगति में रहे
- नशे से होने वाले नुकसान के बारे में जानें
- किसी डॉक्टर से नशा छुड़ाने का इलाज करवाएं
- मनोचिकित्सक से अपनी काउंसलिंग (counselling) करवाएं।
3 . प्यार (love)
ये विद्यार्थी जीवन की एक ऐसी समस्या है जिसके बारे में ज्यादातर लोग बात ही नहीं करते है हालांकि वे जानते है की ये समस्या विद्यार्थियों के बीच संक्रामक रोग की तरह तेजी से फैल रहा है।
इस तरह की विचारों का आना एक प्राकृतिक क्रिया है जो हार्मोंस की वज़ह से आती है। इस तरह के विचार मुख्यतः किशोरावस्था(teenage) 12 – 19 वर्ष के दौरान आती है।
इस प्यार के दल-दल में फंसकर कई छात्र-छात्राए अपने करियर (career) को बर्बाद कर लेते हैं। कई तो इसे इतने गंभीर रूप से ले लेते हैं कि अपनी जान तक गंवा देते हैं।
ये दिल और दिमाग को विचलित (distract) कर देती है जिसके कारण पढ़ाई मे मन नही लगता है, छात्र-छात्राएं नशे के आदी हो जाते है और माँ-बाप या अभिभावक के नाफरमान हो जाते हैं।
इसलिए इस प्यार के दलदल में फंसने से बचें और अपने दिल और दिमाग को पढ़ाई की ओर केंद्रित करें।
समाधान (solution)
- ज्यादा देर तक अकेला न रहे
- कोई भी समस्या हो अपने माता-पिता या अभिभावक को अवश्य बताये।
- अपने आप को हमेशा व्यस्त रखें क्योंकि कहा जाता है ‘ खाली दिमाग शैतान का घर’ होता है
- यदि आपके आस-पास ऐसी कोई घटना घटी हो तो उनसे सबक ले।
- अगर समस्या ज्यादा बड़ी हो या आप डिप्रेशन के शिकार हो चुके हैं तो मनोचिकित्सक से मिलकर अपनी काउंसलिंग (counselling) करवाएं।
4. खाना (food)
खाना जब तक आप पेट की भूख मिटाने के लिए खा रहे हैं तब तक ये अमृत है परंतु अगर आप इसे मन की भूख मिटाने के लिए खा रहे हैं तो ये आप के लिए जहर हैं।
सर्वप्रथम आपको ये पता होना चाहिए कि क्या खाना है, कितना खाना है और कब खाना है।
क्योंकि ज्यादा खाने-पीने से सुस्ती, नींद और मोटापा की समस्या हो जाती है।
बहुत कम खाने से कमजोरी, कुपोषण इत्यादि हो जाती है। इसलिए संतुलित आहार संतुलित मात्रा मे खाए। क्योंकि ‘स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है’।
समाधान (solution)
- कभी भी पेट भरकर न खाए यानी भूख से थोड़ा कम खाए
- जंक फूड खाने से बचें
जब भूख लगी हो तभी खाना खाए अन्यथा न खाए - मौसमी (seasonal) सब्जी और फल का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें
5. नींद (sleep)
नींद किसको प्यारी नहीं होती है? खासकर विद्यार्थी को तो और भी ज्यादा प्यारी होती है।
शरीर और दिमाग को सुचारू रूप से काम करने के लिए नींद बहुत आवश्यक भी है।
विद्यार्थियों के लिए 06 – 07 घंटे की नींद काफी होती है।
बहुत ज्यादा सोना या बहुत कम सोना दोनों स्वास्थ्य और दिमाग दोनों के लिए हानिकारक है।
दिन कि नींद के तुलना में रात की नींद ज्यादा लाभदायक होती है। इसलिए रात को जल्दी सोना चाहिए और दिन को जल्दी उठना चाहिए।
समाधान(solution)
- सोने का समय फिक्स कर ले
- सुबह समय पर उठने के लिए अलार्म का प्रयोग करें
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नीचे कॉमेंट बॉक्स में ये जरूर बताए कि आप इनमें से किस समस्या से परेशान हैं?