भारत विविधताओं वाला देश है. यहां बहुत सारी भाषाएं बोली जाती है, जिसमें से सबसे ज्यादा हिंदी का ही प्रयोग होता है. भारत के अलावा विदेशों में भी यह बहुत लोकप्रियता और सम्मान प्राप्त कर रहा है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके महत्व को समझाने के लिए विद्यार्थियों को विश्व हिंदी दिवस पर भाषण देने को कहा जाता है.
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि अंग्रेजी और मंदारिन चीनी के बाद, हिंदी दुनिया में तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है. आंकड़ों के अनुसार लगभग 1.132 बिलियन लोग अंग्रेजी बोलते हैं, 1.116 बिलियन चीनी और सिख 615.4 मिलियन लोग हिंदी बोलते हैं.
इस पोस्ट में हम लोग विश्व हिंदी दिवस पर भाषण जानेंगे. जिसके अंतर्गत इसे मनाने का उद्देश्य, विश्व हिंदी दिवस पर सुविचार, आदि भी जानेंगे. अंत में world hindi day speech in hindi से जुड़े कुछ FAQs भी देखेंगे.
Table of Contents
विश्व हिंदी दिवस पर भाषण | Speech on World Hindi Day
मंच पर उपस्थित श्रीमान प्रधानाचार्य जी, उप प्रधानाचार्य जी, शिक्षकगण, अतिथिगण और यहां पर मौजूद सभी सहपाठियों आप सभी को शुभ प्रभात.
मैं मो. सालेहुज्जमा कक्षा आठ का एक छात्र हूं, और आज मुझे विश्व हिंदी दिवस के शुभ अवसर पर हिंदी के बारे में दो शब्द बोलने का मौका दिया गया है. इसके लिए मैं आप सब का शुक्रगुजार हूं.
दोस्तों जैसा कि हम लोगों को मालूम है कि आज विश्व हिंदी दिवस है, और इसी दिवस के उपलक्ष में हम लोग यहां उपस्थित हुए हैं. ये दिवस प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी को अपने देश भारत तथा विदेश जहां हिंदी भाषी रहते हैं, वहां भी मनाया जाता है.
आप में से अक्सर लोगों के मन में यह सवाल आ रहा होगा कि विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है? तो आपको बता दें कि इसी दिन वर्ष 1975 (10 जनवरी 1975) को नागपुर (महाराष्ट्र) में प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया गया था. इसी के वर्षगांठ के तौर पर विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को ही मनाया जाता है.
नागपुर में आयोजित होने वाले प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन (hindi conference) का उद्घाटन उस समय की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने किया था. उसके बाद से कई देशों में इस सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें से मॉरीशस, संयुक्त राज्य अमेरिका, त्रिनिदाद, टोबैगो और यूनाइटेड किंग्डम प्रमुख है.
प्रतिवर्ष इस दिवस को मनाने की घोषणा इस देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी 2006 को किए थे. इस तरह से पहली बार विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी 2006 को मनाया गया था. उसके बाद से भारतीय विदेश मंत्रालय ने विदेश में 10 जनवरी 2006 को पहली बार विश्व हिंदी दिवस मनाएं थे.
विदेशों में भारतीय दूतावास तो इसे मनाते ही हैं इसके अलावा विभिन्न सरकारी कार्यालयों, शिक्षण संस्थानो, आदि में भी इससे जुड़े कई कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. अपने विद्यालय में आयोजित ये भाषण प्रतियोगिता इसका एक जीता जागता उदाहरण है.
सिर्फ इस दिवस को प्रत्येक वर्ष से मनाने से नहीं होगा, बल्कि विश्व हिंदी दिवस मनाने का जो उद्देश्य है उसे समझना होगा और उसे हासिल करने का प्रयास करना होगा.
विश्व हिंदी दिवस (world hindi day) का उद्देश्य है कि हिंदी एक अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में उभरे, इसका खूब से खूब प्रचार-प्रसार हो, इसके लिए लोगों और संस्थाओं के बीच जागरूकता पैदा किया जाए, हिंदी के दशा पर लोगों का ध्यान केंद्रित हो. हिंदी के प्रति अनुराग पैदा हो तथा इसका मुख्य उद्देश्य हिंदी को विश्व भाषा के रूप में प्रस्तुत करना है.
इसके उद्देश्य की पूर्ति के लिए कई सारे संस्थाएं सलंगन हैं, जो अपने तरीके से हिंदी का प्रचार प्रसार करते हैं. जिसमें से भारतीय भाषा संवर्धन संस्थान (दिल्ली), विश्व हिंदी सचिवालय (मॉरीशस), विश्व हिंदी परिषद, आदि प्रमुख संस्थान है जो हिंदी के प्रचार प्रसार में सलंग्न हैं.
इन संस्थानों के अलावा हमें भी हिंदी का प्रचार प्रसार खुद भी करना चाहिए और लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करना चाहिए. वरना हाल तो आज ऐसा है कि बहुत से भारतीय पश्चिमी सभ्यता और अंग्रेजी से प्रभावित होकर हिंदी को भूलते जा रहे हैं. इंग्लिश बोलने में गर्व महसूस करते हैं और हिंदी बोलने वाले को हीन भावना से देखते हैं.
इसी के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं और अंत में सिर्फ यही कहना चाहूंगा कि,
कोटि-कोटि कंठों की मधुर स्वरधारा है,
हिन्दी है हमारी, हिन्दुस्तान हमारा है …
.
धन्यवाद.
ये भी पढ़ें > विश्व हिंदी दिवस पर एक बेहतरीन निबंध
विश्व हिंदी दिवस पर सुविचार (Quotes)
राजनेताओं और कवियों द्वारा हिंदी के बारे में कहे गए कुछ प्रमुख सुविचार (Quotes) निम्नलिखित है.
“हिन्दी एक बेहतर भाषा है, यह जितनी बढ़ेगी देश को उतना ही उन्नति के राह पर होगा.”
~ पं० जवाहरलाल नेहरू
“राष्ट्रीय एकता की कड़ी हिन्दी ही जोड़ सकती है.”
~ बालकृष्ण शर्मा नवीन
“हिन्दी देश की एकता की कड़ी है.”
~ डॉ. जाकिर हुसैन
“देश के सबसे बड़े भूभाग में बोली जानेवाली हिन्दी राष्ट्रभाषा, पद की अधिकारिणी है.”
~ सुभाषचन्द्र बोस
“राष्ट्रभाषा हिन्दी का किसी क्षेत्रीय भाषा से कोई संघर्ष नहीं है.”
~ अनंत गोपाल शेवड़े
“हिन्दी उन सभी गुणों से अलंकृत है, जिनके बल पर वह विश्व की साहित्यिक भाषा की अगली श्रेणी में समासीन हो सकती है.”
~ मैथिलीशरण गुप्त
.
अगर आप इन सुविचारों को अपने भाषण के दौरान बोलते हैं तो सुनने वालों को भी बहुत अच्छा लगेगा और यह आपके भाषण में जान डाल देगा.
विश्व हिंदी सम्मेलन 2023 कहां होगा?
विश्व हिंदी सम्मेलन 2023 फिजी में 15 से 17 फरवरी, 2023 तक फिजी सरकार के सहयोग से विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जाएगा. मॉरीशस में आयोजित 11वें विश्व हिंदी सम्मेलन (18 – 20 अगस्त, 2018) में ही 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन को फिजी में आयोजित करने का निर्णय ले लिया गया था.
इस 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन 2023 का मुख्य विषय (theme) “हिन्दी – पारंपरिक ज्ञान से कृत्रिम मेधा तक” है.
फिजी में आयोजित इस सम्मेलन स्थल पर कई प्रदर्शनीयां लगाई जाएंगी जिसका संबंध हिंदी भाषा के विकास से होगा. भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, नई दिल्ली द्वारा शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम और कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा.
भारत एवं अन्य देशों के हिंदी विद्वानों को परंपरा के अनुरूप सम्मेलन के दौरान हिंदी के क्षेत्र में उनके विशेष योगदान के लिए “विश्व हिंदी सम्मान” से सम्मानित किया जाएगा.
इस 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप इसकी ऑफिशल वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं.
उम्मीद है कि आपको ये विश्व हिंदी दिवस पर भाषण (vishva hindi diwas speech) पसंद आया होगा. अगर इससे जुड़ा आपका कोई प्रश्न है तो कमेंट में जरूर पूछें एवं इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें.
विश्व हिंदी दिवस पर भाषण – FAQs
विश्व हिंदी दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य हिंदी को विश्व भाषा के रूप में प्रस्तुत करना है. इसके अलावा हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए जागरूकता पैदा करना, इसके दशा पर लोगों का ध्यान केंद्रित करना तथा हिंदी के प्रति अनुराग पर पैदा करना भी विश्व हिंदी दिवस मनाने के उद्देश्य में शामिल है.
विश्व हिंदी सम्मेलन मुख्यतः 3 वर्ष के अंतराल पर आयोजित किया जाता है. प्रथम तथा द्वितीय विश्व हिंदी सम्मेलन के बीच मात्र 1 वर्ष का अंतराल था तो वहीं तृतीय विश्व हिंदी सम्मेलन तथा चतुर्थ विश्व हिंदी सम्मेलन के बीच 10 वर्षों का अंतराल था.
प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर, भारत में हुआ था.
विश्व हिंदी दिवस मनाने की घोषणा भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी 2006 को किए थे.
12वां विश्व हिंदी सम्मेलन फिजी में होगा.
फरवरी 2023 में 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन की मेजबानी फिजी देश करेगा.