बाल दिवस पर निबंध 250, 500 एवं 1000 शब्दों में

नमस्कार दोस्तों स्वागत है हमारे वेबसाइट पर आज की पोस्ट में हमलोग बाल दिवस पर निबंध जानेंगे. जैसा कि आप जानते हैं कि हमारे देश में 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है. 

इसके पीछे की वजह ये है कि इस दिन देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का जन्म हुआ था और जवाहरलाल नेहरू बच्चों से बहुत ज्यादा प्यार करते थे. बच्चे उन्हें चाचा नेहरू भी कहा करते थे. इसीलिए उनके जन्मदिन के उपलक्ष्य को भारत में बाल दिवस के रुप में मनाया जाता है. 

अब आप Bal Diwas par Nibandh लिखने के बारे में सोच रहे हैं? लेकिन आपको समझ में नहीं आ रहा है कि निबंध की शुरुआत कैसे करें तो मैं आपसे निवेदन करूंगा कि आर्टिकल पर आखिर तक बने रहे.


बाल दिवस पर निबंध 250 शब्दों में

Bal Divas par Nibandh
Childrens

पंडित जवाहरलाल नेहरू को चाचा नेहरू के रूप में क्यों जाना जाता है?

पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के प्रथम प्रधानमंत्री थे. उनको बच्चों से विशेष लगाव था. इसलिए बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहते हैं. चाचा नेहरू के अनुसार बच्चे देश का भविष्य होते हैं. इसलिए बच्चों का लालन पोषण अच्छी तरह से हो सके, उस दिशा में भी जवाहरलाल नेहरू ने कई काम किए थे. जिसके फलस्वरूप 1956 में इस बात का फैसला किया गया कि जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा. 

बाल दिवस क्यों आवश्यक है?

बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को बनाने के लिये उनमें सुधार के साथ देश में बच्चों के महत्व, वास्तविक स्थिति के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिये हर साल बाल दिवस मनाया जाना बहुत जरूरी है. इसके द्वारा लोगों के मन में जागृति लाई जाती है कि छोटे बच्चों का ध्यान कैसे रखना है और उनका लालन-पालन काफी अच्छी तरह से करना है. 

ताकि यह बच्चे बड़े होकर भारत का भविष्य और भी उज्जवल और मजबूत बना सके, क्योंकि कोई भी देश का भविष्य वहां के बच्चे होते हैं और बच्चों की देखभाल करना सरकार का ही नहीं बल्कि प्रत्येक माता-पिता का कर्तव्य है और जो माता-पिता ऐसा नहीं करते हैं वह छोटे बच्चों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं. 

बाल दिवस का इतिहास

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू थे. बाल दिवस नेहरू जी के जन्म दिवस 14 नवम्बर को मनाया जाता है. नेहरू जी को छोटे बच्चों से बहुत ज्यादा लगाव था. उनका मानना था कि बच्चे देश का भविष्य हैं. इसलिए बच्चों के प्रति हमारा क्या कर्तव्य है उसे हमें जानना होगा और उसे अच्छी तरह से निभाना भी होगा तभी जाकर छोटे बच्चों का भविष्य सुरक्षित और मजबूत बन पाएगा और अगर ऐसा होता है तो देश का भविष्य उज्जवल होगा और हम तेजी के साथ उन्नति कर पाएंगे. 

बाल दिवस कैसे मनाया जाता है?

बाल दिवस काफी हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ भारत के विभिन्न स्कूलों में आयोजित किया जाता है. इस अवसर पर बच्चों से संबंधित नाटक, निबंध लेखन, वाद विवाद सहित और भी कई प्रकार की प्रतियोगिता आयोजित की जाती है. जिसमें बच्चे बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं और जीतने वाले बच्चों को पुरस्कार भी दिया जाता है.

इसके अलावा इस दिन सभी लोगों को इस बात का एहसास करवाया जाता है, कि छोटे बच्चों का ध्यान कैसे रखना है और उनके विकास के लिए आपको कैसे कार्य करने हैं. उसकी पूरी जानकारी आपको बाल दिवस के माध्यम से मिल जाएगी इसलिए हमें भी बाल दिवस कैसे मनाना है उसके बारे में जानकारी लेना आवश्यक है. इस दिन, बच्चों को नये कपड़े, अच्छा भोजन और उपयोगी किताबें दी जाती है. इसके साथ ही बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक भी किया जाता है.


बाल दिवस पर निबंध 500 शब्दों में

विद्यालयों में बाल दिवस का कार्यक्रम कैसे आयोजित किया जाता है?

बच्चों का विशेष ध्यान रखने तथा उनके महत्व को देखते हुए विद्यालयों में बाल दिवस के मौके पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं इस दिन स्कूल खुला हुआ होता है. 

बाल दिवस को जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के उपलक्ष्य के रूप में मनाया जाता है क्योंकि उन्हें बच्चों से बहुत ज्यादा प्यार था. इसलिए बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू कहते हैं.  इस दिन स्कूलों में Bal Diwas par Nibandh, गीत-संगीत, कला, नृत्य, कविता पाठ, बाल दिवस पर भाषण, फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिये शिक्षकों द्वारा आयोजित किया जाता है.  

प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थी को स्कूल की तरफ से सम्मानित किया जाता है. 

बाल दिवस के अवसर पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करवाना स्कूल का ही कर्तव्य नहीं है बल्कि सामाजिक संस्थान और हमारा भी कर्तव्य है कि हम विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम बाल दिवस के दिन आयोजित करें ताकि लोगों को बाल दिवस का क्या महत्व है उसके बारे में जागरूक किया जा सके. 

बाल दिवस को विशेष पर्व के तौर पर मनाया जाता है, क्योंकि यह दिन बच्चों का ही दिन होता है. इस दिन सभी बच्चे चाचा नेहरू के जीवन को करीब से जानते हैं ताकि उन्हें जीवन में कैसे रास्तों पर चलना है उसकी प्रेरणा उन्हें मिल सके. 

बच्चे इस दिन खूब मौज-मस्ती करते हैं क्योंकि वह कोई भी दूसरा रंग-बिरंगा कपड़ा पहन सकते है. उत्सव खत्म होने के बाद विद्यार्थियों को दोपहर के स्वादिष्ट भोजन के साथ मिठाई भी बाँटी जाती है.  

अपने प्यारे विद्यार्थियों के लिये शिक्षक भी कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते है जैसे ड्रामा, डांस आदि. इस देने स्कूल के द्वारा बच्चों को पिकनिक पर ले जाया जाता है और भारत के दूरदर्शन और रेडियो पर भिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का प्रचार दिनभर किया जाता है. 

देश के प्रत्येक छोटे बड़े शहर में बाल दिवस मनाया जाता है. इस दिन स्कूल के छात्र एक स्थान पर इकट्ठे होते हैं और वहाँ पर अनेक प्रकार के खेल प्रतियोगिता रखे जाते है. देश में छात्र बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं ताकि उनका बौद्धिक विकास हो सके इसके अलावा कई स्कूलों और संस्थानों में बाल मेला और प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं ताकि बच्चों की क्षमता और प्रतिभा को और भी ज्यादा विकसित किया जा सके. 

इसके अलावा बच्चों के अधिकार क्या हैं शिक्षा के क्षेत्र में उसके बारे में बच्चों को बताया जाता है. कई स्कूलों व संस्थानों में बाल मेला एवं विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं, ताकि बच्चों की क्षमता और प्रतिभा को और बढ़ावा मिले.  

इस दिन विशेष रूप से गरीब बच्चों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने एवं बाल श्रम तथा बाल शोषण जैसे गंभीर मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया जाता है.


Essay on Children’s Day in Hindi [1000 शब्द] 

विश्व स्तर पर बाल दिवस कैसे मनाया जाता है?

बाल दिवस का दिन पूरे विश्व भर में अलग-अलग दिन मानाया जाता है. पर हर जगह इसका मकसद एक ही होता है, यानी बच्चों के अधिकारों के रक्षा करना और  उन्हें बुनायदी सुविधाएं मुहैया करवाना.  

विश्व में पहली बार बाल दिवस का कार्यक्रम जून 1857 में अमेरिका के मैसाच्युसेट्स शहर में पादरी डॉ चार्ल्सलेनर्ड द्वारा आयोजित किया गया था. चूंकि वो रविवार (sunday) का दिन था. इसलिए इसका नाम फ्लावर संडे पड़ा जिसे बाद में चिल्ड्रन डे का नाम दिया गया.

इस प्रकार विभिन्न देशों में विभिन्न परंपरा और मान्यता के अनुसार इसे मनाया जाने लगा. कई सारे देशों में तो इस दिन राष्ट्रीय अवकाश ही रहता है. प्रत्येक देश में बाल दिवस आयोजित करने पीछे की वजह है कि छोटे बच्चों के अधिकार क्या है उसके बारे में लोगों को जागरूक किया जा सके.

भारत में बाल दिवस के दिन कौन कौन सा कार्यक्रम आयोजित किया जाता है?

इस दिन विद्यालयों और संस्थाओं द्वारा विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते है जैसे कि खेल प्रतियोगिताएं, फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तर प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता आदि. बाल दिवस के दिन में फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता आयोजित की जाती है. जिसमें छोटे बच्चे चाचा नेहरू के वेशभूषा में मंच पर विभिन्न प्रकार के नाटक प्रस्तुत करते हैं.  

इन प्रतियोगिताओं के साथ ही अध्यापकों और वरिष्ठजनों द्वारा बच्चों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के विषय में भी बताया जाता है ताकि आगे चलकर वह एक अच्छे और सजग व्यक्ति बन सके. 

बाल दिवस का क्या महत्व है?

बाल दिवस का विशेष महत्व है. बाल दिवस के द्वारा समाज में जागरूकता लाई जाती है कि छोटे बच्चे की मूलभूत अधिकार शिक्षा है. ताकि कोई भी बच्चा शिक्षित रहने से पीछे न छूट जाए.  

हमारे समाज में कई ऐसी जगह है जहां पर छोटे बच्चे से काम करवाई जाती है. जिससे उनका भविष्य बर्बाद होता है और साथ में देश का बच्चे किसी भी देश का भविष्य होते हैं और अगर उस देश में बच्चों का भविष्य सुरक्षित नहीं है तो यकीन मानिए उस देश का भविष्य भी अंधकार में है. 

इसलिए हमें बाल दिवस के माध्यम से लोगों में जागरूकता फैलाने होगी कि शिक्षा छोटे बच्चों के लिए आवश्यक क्यों है और अगर आप कोई भी बच्चे को शिक्षा देते हैं तो उसका समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है.

बाल दिवस को और भी विशेष कैसे बनाएं?

बाल दिवस को और भी ज्यादा महत्वपूर्ण बनाना चाहते हैं तो इसके लिए निम्नलिखित चीजों का आपको ध्यान रखना होगा जिसका विवरण हम आपको नीचे दे रहे है.

  • बाल दिवस को स्कूलों और संस्थानो तक ही सीमित न रखकर इसका आयोजन गरीब और ऐसे बच्चों के बीच करना चाहिए जो किसी कारण से शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहे ताकि उनमें जागरूकता आ सके
  • छोटे बच्चों के लिए मनोरंजक कार्यक्रमों का आयोजन करें
  • व्यस्क लोग और अभिभावकों को चाहिए की बाल अधिकारों के विषय में बच्चों को जागरुक करें 
  • जितना हो सके उतना जरुरतमंद बच्चों में भोजन, खिलौने, पुस्तकें और अन्य जरुरत की वस्तुएं बाटने का प्रयास करें 
  • यदि हम चाहें तो बाल मजदूरी रोकने के लिए जरुरतमंद बच्चों की सहायता कर सकते है और उन्हें शिक्षा का अवसर प्रदान करके तरक्की के ओर अग्रसित कर सकते

बाल दिवस मनाने की आवश्यकता क्यों है?

बच्चे नाजुक मन के होते हैं और प्रत्येक छोटी बड़ी चीज या बात उनके दिमाग पर असर डालती है.  वही देश का आने वाला कल बनेगा जो बहुत ही महत्वपूर्ण है. इसी वजह से उनके क्रियाकलापों, उन्हें दिए जाने वाले ज्ञान और संस्कारों पर बहुत ही विशेष रूप से ध्यान रखने की जरूरत है ताकि बच्चे अपनी दिशा से भ्रमित ना हो सके. 

इसके साथ-साथ बच्चों का शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. बच्चों को सही शिक्षा, पोषण, संस्कार मिलें यह हमारे देश के लिए बहुत जरूरी होता है क्योंकि आज के बच्चे ही कल का भविष्य होते हैं.  इस दिन बच्चे अपनी बनाई हुई वस्तुओं का प्रदर्शन करते हैं जिसमें बच्चे अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं. 

नृत्य, गान और नाटक से वे अपनी मानसिक और शारीरिक क्षमता का प्रदर्शन करते हैं.  हमें बच्चों की शिक्षा की तरफ ध्यान देना चाहिए क्योंकि बच्चे कल का भविष्य होते हैं. इसलिए खास तौर पर बाल श्रम रोधी कानूनों को पूरी तरह से लागू करना चाहिए.  अनेक कानून होने के बाद भी बाल श्रमिकों की संख्या में साल-दर- साल वृद्धि हो रही है. जो एक प्रकार का चिंताजनक स्थिति है. इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.

इन बच्चों का असली स्थान कारखानों में नहीं बल्कि स्कूलों में होता है. बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को बनाने के लिए उनमे सुधार के साथ-साथ देश में बच्चों के महत्व, वास्तविक स्थिति के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल बाल दिवस मनाना बहुत ही आवश्यक होता है. 

बाल दिवस उत्सव सभी के लिए एक मौका उपलब्ध कराता है जो कि खासतौर पर बच्चों के लिए होता है. बच्चों को अपने कर्तव्य और जिम्मेदारियों के एहसास के द्वारा ही बच्चों के भविष्य के बारे में सोचने के लिए लोगों को सोचने के लिए मजबूर करता है. यह लोगों को बच्चों की सही स्थिति के बारे में जागरूकता उत्पन्न करता है.


बाल दिवस पर आयोजित क्विज कंपटीशन में किस तरह का प्रश्न पूछा जाता है?

चूंकि ये दिवस पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन पर मनाया जाता है. इसलिए बाल दिवस पर आयोजित क्विज प्रतियोगिता (Quiz Competition) में मुख्यता जवाहरलाल नेहरू से संबंधित प्रश्न ही पूछे जाते है.

बाल दिवस पर क्विज कंपटीशन में पूछे जाने वाले कुछ प्रमुख प्रश्न एवं उनके उत्तर निम्नलिखित है:

बच्चे पंडित जवाहरलाल नेहरू को प्यार से क्या बुलाते थे?

बच्चे पंडित जवाहरलाल नेहरू को प्यार से चाचा नेहरू बुलाते थे.

पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म कब हुआ था?

पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 ई में हुआ था.

पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म कहां हुआ था?

पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म इलाहाबाद में हुआ था.

पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रधानमंत्री कब से कब तक रहे थे?

पंडित जवाहरलाल नेहरू 1947 ई से 1964 ई तक भारत के प्रधानमंत्री रहे थे.

पंडित जवाहरलाल नेहरू कितनी बार जेल गए थे?

पंडित जवाहरलाल नेहरू 9 बार जेल गए थे.

पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु कब हुई थी?

पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु 27 मई 1964 ई को हुई थी.


बाल दिवस पर कविता (Poem)

हम बच्चे जब छोटे थे

कुछ पतले कुछ मोटे थे

क्लास में भी सोते थे

और मार खाने पर रोते थे

बाल दिवस मनाते थे

सज-धज कर स्कूल जाते थे

चाचा नेहरू का गुण गाते थे

बालमेला में मंत्री बन जाते थे

अब तो हम बड़े हो रहे है

नई दुनिया में खो रहे है

देर सुबह तक सो रहे है

बचपन याद करके रो रहे है

बच्चे मन के सच्चे होते है

इनसे करो तुम प्यार 

अगर तुमने इनको तकलीफ दी

तो न देखोगे जिंदगी में बहार

लेखक: मो. सालेहुज्जमा


Children’s Day Essay in Hindi – FAQs 

बाल दिवस की शुरुआत कैसे हुई?

1925 में बच्चों के कल्याण पर एक विश्व कॉन्फ्रेंस रखा गया था. उस कॉन्फ्रेंस में ही सर्वप्रथम बाल दिवस मनाने की घोषणा की गई थी. जिसे 1954 में मान्यता मिली. उसके ठीक 2 साल बाद 1956 से प्रत्येक वर्ष 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाने लगा.

क्या बाल दिवस पर ध्वजारोहण किया जाता है?

नहीं, बाल दिवस पर ध्वजारोहण नहीं किया जाता है.

14 नवंबर को बाल दिवस क्यों मनाया जाता है?

27 मई 1964 को पंडित जवाहर लाल नेहरु के निधन के बाद बच्चों के प्रति उनके प्यार को देखते हुए सर्वसम्मति से यह फैसला हुआ कि अब से हर साल 14 नवंबर को चाचा नेहरू के जन्मदिवस पर बाल दिवस मनाया जाएगा.

Children’s Day कब मनाया जाता है?

Children’s Day यानी की बाल दिवस हर साल 14 नवंबर को मनाया जाता हैं.

उम्मीद है कि आपको ये पोस्ट बाल दिवस पर निबंध पसंद आया होगा. अगर आपका इससे जुड़ा कोई प्रश्न है तो कॉमेंट में जरूर पूछें एवं इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ