Children's Day Speech in Hindi | बाल दिवस पर भाषण, शायरी एवं कोट्स

यदि आपने बाल दिवस पर भाषण देने का विचार बनाया हैं और आपको चाहिए एक सुंदर और सरल शब्दों से लिखा गया Children’s Day Speech in Hindi. तो इस लेख में आप सभी की आवश्यकताओं के अनुसार बाल दिवस पर भाषण की श्रृंखलाएं उपलब्ध करवाई गई है जिनका उपयोग आप बाल दिवस के उपलक्ष्य पर भाषण देने के लिए कर सकते हो. 

नीचे प्रस्तुत दोनों में से किसी भी भाषण का उपयोग आप अपनी इच्छा के अनुसार कर सकते हो. आप इसे बाल सभा पर भाषण हिंदी में के रूप में भी तथा इसे बाल दिवस पर निबंध के रूप में भी प्रयोग में ला सकते हो. निम्नलिखित भाषण आपको बाल दिवस के महत्व के बारे में जानकारी प्रदान करेगा.

इसके अलावा बाल दिवस कब और क्यों मनाया जाता है इस प्रश्न का उत्तर भी इस भाषण में ही सम्मिलित हैं. यदि आप किसी भी शिक्षण संस्थान से संबंध रखते हो और आप अपने विचारों को बाल दिवस के भाषण के रूप में अपने समक्ष उपस्थित सभा गणों के सामने प्रस्तुत करना चाहते हो तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत लाभकारी है. 

bal diwas speech in hindi
Children Playing

हमने जो भी Bal Divas Par Bhashan आपको उपलब्ध करवाएं हैं वह बहुत ही सरल भाषा में लिखे गए हैं ताकि प्रत्येक व्यक्ति जो इसे सुन रहा हो वह आसानी से इनको समझ सके. चलिए फिर bal diwas speech in hindi की शुरुआत करते है लेकिन उससे पहले जान लेते है की बाल दिवस कब और क्यों मनाया जाता है.


बाल दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

वैसे तो हर एक विद्यार्थी को यह पता होना चाहिए कि हमारे भारत देश में प्रत्येक वर्ष बाल दिवस कब मनाया जाता है. इसके बावजूद ऐसे बहुत से विद्यार्थी और व्यक्ति हैं जिनको यही नहीं पता कि भारत देश में बाल दिवस मनाने की तारीख क्या है? 

पर आपको दुखी होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि हमने यहां पर बताया है कि भारत देश में प्रत्येक वर्ष बाल दिवस 14 नवंबर को मनाया जाता है. प्रत्येक स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थान में यह दिवस बहुत ही प्रेम भाव से मनाया जाता है जहां पर बच्चों को संबोधित किया जाता है और पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के विषय में बताया जाता है.

बाल दिवस कब मनाया जाता है यह तो आप जान चुके हो लेकिन क्या आपको पता है कि बाल दिवस क्यों मनाया जाता? 

बाल दिवस मनाने के पीछे का कारण यह है कि पंडित जवाहरलाल नेहरु जी बच्चों से अत्यधिक प्रेम करते थे. वह प्रत्येक विद्यार्थी और बच्चों के बीच में बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय थे. उनका आचरण और व्यवहार बच्चों को बहुत ही ज्यादा पसंद आता था. ऐसे में जब उनकी मृत्यु हुई तब यह निर्णय लिया गया कि उनकी याद में और बच्चों के प्रति उनके अनंत प्रेम को देखते हुए बाल दिवस मनाया जाएगा.


Children’s Day Speech in Hindi [1]

आदरणीय महानुभाव, प्रधानाचार्य जी, उपप्रधानाचार्य जी, अध्यापकगण व अध्यापिकाएं और मेरे सहपाठियों को सुप्रभात. जैसा कि आप सभी जानते ही होंगे कि आज हम सभी यहां पर बाल दिवस मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं. बाल दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में आज आप सभी के सामने में बाल दिवस पर भाषण देने जा रहा हूं/जा रही हूं. 

मेरे द्वारा दिया जाने वाला भाषण आज आप सभी को बाल दिवस के महत्व के बारे में बताएगा और साथ ही यह भी आप जान पाओगे की किस महान के जीवन पर आधारित बाल दिवस प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है. मेरा आप सभी से निवेदन रहेगा कि आप मेरे विचारों को ध्यान पूर्वक सुनिएगा.

हर साल 14 नवंबर का दिन भारत देश में बाल दिवस के रूप में भारत के समस्त स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में मनाया जाता है. 14 नवंबर को बाल दिवस मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र द्वारा 20 नवंबर को किया गया था. इस दिवस को मनाने के लिए 14 नवंबर का दिन इसलिए चुना गया था क्योंकि इसी दिन पंडित जवाहरलाल नेहरु जी का जन्म हुआ था. 

पंडित जवाहरलाल नेहरु जी स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने थे. बच्चों के प्रति उनके प्यार, लगाव और उनके प्रति स्नेह को देखते हुए उनके जन्मदिवस को उनकी मृत्यु के पश्चात बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था. 

जवाहरलाल नेहरु जी को लंबे वक्त बच्चों के साथ बातें करना और खेलना बेहद पसंद था. बच्चों के आसपास रहना वह बेहद ज्यादा पसंद करते थे और उनका आचार व्यवहार कुछ ऐसा था कि बच्चे भी उनके साथ कुछ ही क्षणों में घुलमिल जाते थे. 

उन्होंने संपूर्ण देश के बच्चों और युवाओं के उज्जवल भविष्य के लिए बहुत से कदम उठाएं. वह हमेशा से ही बच्चों के हित के लिए सोचा करते थे. भारत देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए बच्चों के प्रति, विशेष रुप से उनके कल्याण, अधिकारों, शिक्षा और सम्पूर्ण सुधार के लिए वह सदैव तैयार खड़े रहा करते थे. 

उनका स्वभाव हमेशा से ही प्रेरणादायक और प्रेरित करने वाला था. कठिन परिश्रम और बहादुरी से काम करने के लिए वह सदैव बच्चों को प्रेरित किया करते थे. भारत के समस्त बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए वह हमेशा चिंतित रहते थे और इसी के चलते उन्होंने कठिन परिश्रम किया ताकि बच्चों को उनके अपने अधिकार प्राप्त हो सके. 

उनके अनंत प्रेम और स्नेह को देखते हुए बच्चे प्यार से उनको चाचा नेहरू के नाम से बुलाया करते थे. सन 1964 में जब उनकी मृत्यु हुई तो संपूर्ण भारत में दुखों का बादल छा गया. अतः उनकी यादों को जिंदा रखने के लिए यह फैसला लिया गया कि 14 नवंबर के दिन बाल दिवस के रूप में समस्त भारत में मनाया जाएगा ताकि उनकी यादों के साथ वह भी हमारे दिलों में जिंदा रह सके.

नेहरू जी बचपन के समर्थक रहे थे क्योंकि बचपन जीवन का बहुत ही खूबसूरत हिस्सा होता है और उनके अनुसार प्रत्येक बच्चे का बचपन खुशियों से भरा होना चाहिए. बचपन जीवन का एक ऐसा हिस्सा होता है जिसे हमें बच्चों को खुशी और स्वास्थ्य के साथ जीने देना चाहिए क्योंकि यह पल कभी लौटकर वापस नहीं आता है.

यदि उनसे उनका बचपन ही छीन लिया जाएगा तो आगे चलकर वह राष्ट्र का नेतृत्व नहीं कर पाएंगे. जब एक बच्चे का बचपन स्वस्थ और खुशियों से भरा हो तो आगे चलकर उसका मानसिक विकास भी उतना ही बेहतर होता है. परंतु यदि बच्चा मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं होगा तो वह राष्ट्र के लिए क्या करेगा?

इसलिए बेहद ही जरूरी है कि हमें बच्चों को उनका बचपन जीने देना चाहिए और उनका बचपन में पालन-पोषण स्नेह प्रेम से करना चाहिए. बाल दिवस मनाने का उद्देश्य भी यही है कि हम बच्चों को उनके बचपन से वापिस जोड़ सकें. 

बाल दिवस के दिन विभिन्न शिक्षण संस्थानों में कई प्रकार के खेल और प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है जिनमें विभिन्न बच्चे हिस्सा लेते हैं और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हैं. खेल-कूद, इनडोर खेल, आउटडोर खेल, नृत्य, नाटक-नाटिका, राष्ट्रीय गीत, भाषण प्रतियोगिता, निबंध लेखन मनोरंजक कार्यक्रमों का आयोजन बाल दिवस के दिन किया जाता है. 

यह दिन होता है जब बच्चों के ऊपर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध नहीं लगाया जाता है. इस दिन बच्चों को उनकी इच्छा के अनुसार यह उत्सव मनाने का अधिकार होता है. शिक्षक भी इस दिन बच्चों के साथ मिलकर बच्चे बन जाते हैं और उनके कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं. न केवल बच्चों के लिए बल्कि शिक्षकों के लिए भी आज का दिन उनके बचपन को याद करने का एक महत्वपूर्ण पल होता है. 

अतः इन समस्त विचारों के साथ में अपने भाषण को यहीं पर विराम देना चाहूंगा/चाहूंगी. इसके साथ ही इस मंच को छोड़ते हुए मैं बस आप सभी से यही कहना चाहूंगा/चाहूंगी कि अपने बच्चों को उनका बचपन जीने देना चाहिए.


Speech on Children’s Day in Hindi [2]

आदरणीय प्रधानाचार्य जी, अध्यापकगण, प्रधअध्यापकगण एवं मेरे समक्ष उपस्थित मेरे प्रिय भाइयों तथा बहनों…आज मैं इस मंच के माध्यम से आप सभी के सामने बाल दिवस पर एक छोटा सा भाषण प्रस्तुत करने जा रहा हूं/जा रहा हूं. आज मुझे बहुत ही प्रसन्नता हो रही है कि आज मैं बाल दिवस के उपलक्ष्य पर अपने विचार आप सभी के सामने पेश करूंगी/करूंगा. 

आज मैं जो भी विचार आपके सामने प्रकट करूंगी/ करूंगा उनके माध्यम से हम बाल दिवस के महत्व को समझने का प्रयत्न करेंगे और बाल दिवस जैसे शुभ अवसर को अपनी जयंती से भावविभोर करने वाले पंडित जवाहरलाल नेहरु जी को भी हम याद करेंगे.

आप सभी को शायद यह पता हो कि बाल दिवस पूरे विश्व भर में अलग-अलग तिथियों को मनाया जाता है लेकिन हमारे अपने देश भारत में प्रत्येक वर्ष 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. पंडित जवाहरलाल नेहरु जी का जन्म 14 नवंबर को हुआ था और उनके जन्मदिवस को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. 

वैसे तो वह देश के प्रथम प्रधानमंत्री थे लेकिन बच्चों के बीच रहना, उनसे बातें करना, उनके साथ वक्त बिताना और उनको प्रेम करना उनका परम धर्म था. उन्होंने अपने जीवन काल में राजनीतिक कर्तव्य को पूरा करते हुए बच्चों के हितों के लिए भी कार्य किया है.

वे हमेशा से ही बच्चों को प्रेरित करते थे कि वह एक सुखी नागरिक बने और इस देश के लिए कुछ कर दिखाएं. वह पूरे भारतवर्ष में बच्चों के बीच चाचा नेहरू के नाम से बहुत प्रसिद्ध थे. बच्चे उनको चाचा नेहरू इसलिए कहते थे क्योंकि वह बच्चों के बीच बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय थे और उनका स्वभाव भी इतना आकर्षक था कि प्रत्येक बच्चा उनसे जुड़ जाता था. 

नेहरू जी को गुलाब जामुन और बच्चे दोनों ही बहुत पसंद थे. उनका कथन भी था की बच्चे बगीचों की कलियों की तरह होते हैं. बच्चे देश का भविष्य होते हैं अतः वह हमेशा ही बच्चों की स्थिति को लेकर चिंतित रहा करते थे. 

वह हमेशा से यही चाहते थे कि प्रत्येक अभिभावक अपने बच्चों का पालन पोषण बेहद ही प्रेम और स्नेह से करें तथा उनको अपना बचपन भरपूर जीने का मौका दें. उनके अनुसार आने वाले भविष्य में ही बच्चे देश की ताकत बनते हैं. वह लड़कों और लड़कियों में कोई भेदभाव नहीं करते थे. उनके लिए दोनों ही एक समान थे. 

अतः उनके प्रेम को देखते हुए और उनको श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी मृत्यु के पश्चात उनके जन्मदिवस की तारीख को बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया ताकि वह हमेशा हमेशा के लिए हमारे दिलों में जिंदा रह सके. बाल दिवस के अवसर पर कई सारे कार्यक्रम विभिन्न स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में आयोजित किए जाते हैं.

यह एकमात्र ऐसा दिवस होता है जब बच्चों को उनकी इच्छा के अनुसार शिक्षा से परे बचपन को जीने का एक मौका दिया जाता है. उन पर किसी भी प्रकार का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाता है और उनकी खुशी के लिए कई सारे मनोरंजक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनमें विभिन्न बच्चे हिस्सा लेकर अपनी खुशी जाहिर करते हैं. 

इस दिन कई सारी प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती है. भाषण प्रतियोगिता, निबंध लेखन, पोस्टर मेकिंग, स्लोगन लेखन, आदि जैसे और कई अन्य प्रतियोगिताएं इनमे शामिल होती हैं. समस्त कार्यक्रमों में जिन विद्यार्थियों का प्रदर्शन सबसे बेहतर होता है उन को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया जाता है. 

बाल दिवस को मनाने का एकमात्र उद्देश्य है कि बच्चों को उनका बचपन इस तरह से जीने देना चाहिए कि आने वाले भविष्य में वह राष्ट्र की ताकत बन सके. उनके ऊपर किसी भी प्रकार का कोई अधिक दबाव नहीं देना चाहिए. 

आजकल देखा जाता है कि बच्चे बिगड़ते जा रहे हैं अतः उनको प्रेम और स्नेह से ही सही रास्ते पर लाया जा सकता. बाल दिवस आपको यह संदेश देता है कि प्रत्येक अभिभावक अपने बच्चों का ख्याल रखें और उनको सही रास्ता दिखाएं. साथ ही बच्चों को गलत आदतों और गलत संगत से दूर रखें. 

यदि बच्चे बचपन में ही बिगड़ जाएंगे तो आने वाला उनका भविष्य बेहद ही निराशाजनक होगा. इसी के साथ में अपने विचारों को यहीं पर विराम देता हूं/देती हूं.


बाल दिवस पर शायरी

बाल दिवस पर कुछ प्रमुख शायरी (Children’s Day Shayari in Hindi) नीचे दी जा रही है.

जितनी बुरी कही जाती है उतनी बुरी नहीं है दुनिया
बच्चों के स्कूल में शायद तुम से मिली नहीं है दुनिया 

~ निदा फ़ाज़ली

फ़क़त माल-ओ-ज़र-ए-दीवार-ओ-दर अच्छा नहीं लगता, जहाँ बच्चे नहीं होते वो घर अच्छा नहीं लगता.

~ अब्बास ताबिश

भूक चेहरों पे लिए चाँद से प्यारे बच्चे
बेचते फिरते हैं गलियों में ग़ुबारे बच्चे

~ बेदिल हैदरी

बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो,

चार किताबें पढ़ कर ये भी हम जैसे हो जाएँगे।

Shayari on Children
~ निदा फ़ाज़ली

अब तक हमारी उम्र का बचपन नहीं गया
घर से चले थे जेब के पैसे गिरा दिए

~ नश्तर ख़ानक़ाही

Children’s Day Quotes in Hindi 

बाल दिवस के मौके से पंडित जवाहरलाल नेहरू के कुछ अनमोल विचार (Jawahar Lal Nehru Quotes in Hindi) यहां साझा किया जा रहा है. उम्मीद है की आपको पसंद आएगा.

एक महान कार्य में लगन और कुशल पूर्वक काम करने पर भी, भले ही उसे तुरंत पहचान न मिले, अंततः सफल जरूर होता है.

~ पंडित जवाहर लाल नेहरू

नागरिकता देश की सेवा में होती हैं

~ पंडित जवाहर लाल नेहरू

विफलता तभी होती है जब हम अपने आदर्शों, उद्देश्यों और सिद्धांतों को भूल जाते हैं

~ पंडित जवाहर लाल नेहरू

लोकतंत्र अच्छा है, मैं ऐसा इसलिए कहता हूं क्योंकि अन्य प्रणालियां इससे बदतर हैं

~ पंडित जवाहर लाल नेहरू

संकट में हर छोटी सी बात का महत्व होता है

~ पंडित जवाहर लाल नेहरू

Children Day Speech in Hindi – FAQs

बाल दिवस कब मनाया जाएगा?

इस साल 2024 में बाल दिवस 14 नवंबर को मनाया जाएगा.

बाल दिवस की शुरुआत कैसे हुई?

आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु जी बच्चों के बीच में बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय थे. जवाहरलाल नेहरु जी बच्चों को बहुत ही ज्यादा प्रेम करते थे.

अतः उनकी मृत्यु के पश्चात बच्चों के प्रति उनके निस्वार्थ प्रेम को देखते हुए यह निर्णय लिया गया कि प्रत्येक वर्ष 14 नवंबर को पूरे भारत देश में बाल दिवस मनाया जाएगा जिसके अवसर पर विभिन्न स्कूलों और शिक्षण संस्थानों के बच्चों को संबोधित किया जाएगा.

अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस कब मनाया जाता है?

प्रत्येक वर्ष अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता है.

14 नवंबर को किसका जन्म हुआ था?

14 नवंबर 1889 को स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु जी का जन्म हुआ था.

क्या बाल दिवस एक त्यौहार है?

जी नहीं, बाल दिवस कोई त्यौहार नहीं है बल्कि यह एक स्मारक तिथि है जिसको पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की जयंती के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का आधार उनका निस्वार्थ प्रेम था जो वह बच्चों से करते थे.

आज के इस लेख ‘Children’s Day Speech in Hindi’ ने जरूर आपके Bal Divas Par Bhashan की खोज को समाप्त किया होगा. इस पूरे लेख में हमने बाल दिवस पर दो सुंदर से भाषण आपके लिए उपलब्ध करवाएं हैं जिनके माध्यम से आपको और प्रत्येक श्रोतागणों को जानने को मिला होगा कि बाल दिवस आखिर क्यों मनाया जाता है और कब मनाया जाता है तथा इस को मनाने का उद्देश्य क्या है? 

इसी के साथ हम आपसे यही आशा करते हैं कि यह संपूर्ण लेख आपको बहुत ही सराहनीय लगा होगा. साथ ही इस लेख के द्वारा यदि आपको ज्ञानवर्धक चीजे जानने को मिली है बाल दिवस के विषय में तो इसे अन्य पाठकों के साथ भी अवश्य शेयर करिएगा.

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