आप सभी को अच्छे से याद होगा की 15 अगस्त का यह दिन सम्पूर्ण भारतवर्ष को आजादी का जश्न मनाने का मौका देने वाले और इस देश को स्वतंत्र करवाने वाले वीर स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने का दिवस है. आज के दिन हर स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में 15 अगस्त पर जोशीला भाषण के प्रतियोगिता का आयोजन होता हैं.
यदि आप एक विद्यार्थी हो तथा 15 अगस्त पर भाषण देने के लिए Independence Day Speech in Hindi 2024 की तलाश इंटरनेट पर कर रहे हो तो यह लेख आपके लिए आज बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होने वाला है.
क्योंकि जैसा की आप सभी जानते हो की 15 अगस्त 2024 को भारत को अंग्रेजों के हाथों से आजाद हुए पूरे 77 साल हो चुके है और जिसके पश्चात अब हम सभी भारतीय स्वतंत्र भारत का 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं.
अतः ऐसे में एक विद्यार्थी होने के नाते यदि आप इस दिवस पर भाषण ढूंढ रहे तो आज के इस लेख में हमने आपके लिए बेहद ही खूबसूरत 15 अगस्त पर जोशीला भाषण हिंदी में तैयार किया है. वैसे आप नीचे प्रस्तुत किए गए इस स्वतंत्रता दिवस पर भाषण को 15 अगस्त पर निबंध के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते है.
Independence Day Speech in Hindi [1]
यहां पर उपस्थित अथिति महोदय, प्रधानाचार्य जी, उपप्रधानाचार्य जी, अध्यापकगण, मेरे प्यारे मित्रों, भाइयों और बहनों, आप सभी को सर्वप्रथम 15 अगस्त के उपलक्ष्य पर स्वतंत्रता दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं.
जैसा की आप सभी को बहुत अच्छे से ज्ञात होगा की आज हम सभी यहां पर 15 अगस्त 1947 को प्राप्त आजादी के जश्न को एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मानने के लिए एकत्रित हुए हैं.
आज पूरे देश को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद हुए पूरे 77 वर्ष हो चुके है और आज का यह दिन स्वतंत्रता सेनानियों की याद में 78वी वर्षगांठ के रूप में मनाया जा रहा है.
हमारा सम्पूर्ण भारत देश आजादी से पूर्व लगभग 200 वर्षों तक अंग्रेजों की गुलामी कर रहा था तथा 1857 से 1947 के मध्य में अंग्रेजों ने हम भारतीयों पर बहुत जुल्म ढाए थे.
ऐसे में देश के कुछ बहादुर लोगों ने आजादी के लिए आवाज उठाने का विचार किया पर इस आवाज को उनके मौत के साथ दबा दिया गया. लेकिन जो भी लोग इस संग्राम की शुरुआत में अपनी जान गंवा बैठे थे उनकी कुर्बानी बेकार नहीं हुई. आगे चलकर सम्पूर्ण भारत देश ने जिस आजादी का सपना देखा था वो एक दिन जरूर पूरा हुआ और वह दिन था 15 अगस्त 1947 का दिन.
जिस आजादी के लिए लोग तरस रहें थे उस आजादी के असल संग्राम की शुरुआत तब हुई जब ब्रिटिश शासन के एक अधिकारी द्वारा मंगल पांडे नामक क्रांतिकारी की गोली मार के हत्या कर दी गई थी. अतः इसके बाद ही समस्त देशवासियों ने मिलकर अंग्रेजों की हुकूमत के खिलाफ मिलकर आवाज उठाई.
इस देश को आजाद कराने के लिए महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, मौलाना अबुल कलाम आजाद, मंगल पांडे, बाल गंगाधर तिलक, डॉ भीम राव अम्बेडकर, पंडित जवाहरलाल नेहरू, लोक मान्य तिलक, रानी लक्ष्मीबाई, बेगम हजरत महल, लाला लाजपत राय और खुदीराम बोस जैसे न जाने कितने क्रांतिकारियों ने अपना बलिदान दिया है.
राष्ट्र पिता का दर्जा प्राप्त करने वाले महात्मा गांधी जी ने अपने जीवन में भारत को आजाद करवाने के उद्देश्य से सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की और कई बार तो उन्हें ऐसे कदम उठाने के लिए सलाखों के पीछे भी जाना पड़ा था. लेकिन उन्होंने अपने कदम पीछे नही हटाए तथा आजादी के लिए लड़ते रहें क्योंकि देश को आजाद करवाना ही उनका दृढ़ संकल्प था.
अंत में उनकी कड़ी मेहनत और सच्ची देश भक्ति के आगे अंग्रेजों को झुकना ही पड़ा तथा गांधी जी ने अपने देश को आजाद करवा ही लिया. यहां मैं गांधी जी समेत देश की आजादी के लिए अपना बलिदान देने वाले समस्त स्वतंत्रता सेनानियों की याद में कुछ पंक्तियां कहना चाहूंगा/चाहूंगी.
आखिरकार 15 अगस्त 1947 का वह दिन आया जब भारत को आजादी की सुबह देखने की मिली. यह तारीख भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया.
आजादी के उपलक्ष्य में स्वतंत्र भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी द्वारा लाल किले पर तिरंगा फहराया गया था. तब से लेकर हर साल आजादी के दिन को देश के प्रधान मंत्री द्वारा ध्वजारोहण करके मनाया जाता हैं.
राष्ट्र गान गाया जाता है तथा आजादी की लड़ाई में शहीद हो चुके वीर सपूतों की 21 तोपों द्वारा सलामी दी जाती है. इसके साथ जोशीले भाषण के साथ देश के प्रधान मंत्री देशवासियों को संबोधित करते है.
भारतीय सेना द्वारा परेड किया जाता है जिसे देखकर मन प्रफुल्लित हो उठता है. आजादी का यह दिन हर वर्ष ऐसे ही पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.
इस दिन हालांकि सरकारी छुट्टी होती है लेकिन विद्यालय और महाविद्यालयों में छात्र छात्राओं द्वारा मिलकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.
इन कार्यक्रमों में अलग अलग प्रकार के देश भक्ति गीत प्रस्तुत किए जाते है, नृत्य प्रदर्शन किया जाता है तथा सभा में उपस्थित विद्यार्थियों समेत अतिथि महोदय द्वारा आजादी पर भाषण दिया जाता है. आजाद भारत के सम्पूर्ण देशवासियों को यह दिन पूरी खुशी से मनाना चाहिए.
हम सभी भारतीयों को यह प्रण लेना चाहिए की जीवन में जब भी बात देश की सुरक्षा की होगी तो हम अपने प्राण न्यौछावर करने से कभी भी नहीं डरेंगे. हमे कभी भी यह बात नहीं भूलनी चाहिए की इस आजादी के लिए कितने भारतीयों ने अपने प्राण त्याग दिए.
एक सच्चा देश प्रेमी होने के नाते हमें हर साल 15 अगस्त को देश के लिए बलिदान दे चुके क्रांतिकारियों की याद में एक त्योहार की तरह मिलकर मनाना चाहिए. हम सभी को यह प्रतिज्ञा लेनी चाहिए की हम देश की अखंडता और सम्मान को बनाए रखेंगे. आखिर में कुछ पंक्तियां मैं कहना चाहूंगा/चाहूंगी.
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स्टूडेंट के लिए 15 अगस्त पर जोशीला भाषण [2]
स्वतंत्रता दिवस के इस पावन अवसर पर मेरे समक्ष उपस्थित समन्नानीय अथिति महोदय जी, प्रधानाचार्य जी, उपप्रधानाचार्य जी, अध्यापकगण, और मेरे सभी मित्रगण, आप सभी को मेरे तथा इन सभागणों की ओर से स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
आप सभी को बहुत ही अच्छे से यह याद होगा की आज हम इस जगह पर भारत देश की आजादी को 78वी वर्षगांठ के रूप में मानने के लिए एकत्रित हुए हैं क्योंकि हमारे देश को आजाद हुए आज सफलता पूर्वक 77 वर्ष पूरे हो चुके है.
इसलिए आज आजादी के इस दिन को और हर्षोल्लास से मानने के लिए अपने कुछ विचार आपके सामने रखने जा रहा हूं/रही हूं.
200 वर्षों तक अंग्रेजों की गुलामी को चुपचाप सहन करने वाले इस भारत देश को आजाद कराने के लिए हुसैन अहमद मदनी, बाल गंगाधर तिलक, लोक मान्य तिलक, पंडित जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी, रानी लक्ष्मीबाई, बेगम हजरत महल, लाला लाजपत राय, डॉ भीम राव अम्बेडकर, डॉ जाकिर हुसैन, खुदीराम बोस, सुभाष चंद्र बोस और मंगल पांडे जैसे कई सारे लोगों ने निःस्वार्थ भाव से अपना बलिदान दे दिया लेकिन जुल्म को सहते हुए देश को आजादी दिलाने के लिए सबसे आगे रहें.
साल 1857 से 1947 तक स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई लड़ने तथा अंग्रेजों के असहनीय अत्याचारों को सहने के बाद 15 अगस्त 1947 को देशवासियों को आजादी नसीब हुई.
तभी से लेकर हर वर्ष 15 अगस्त के दिन आजादी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में बड़े ही प्यार से समस्त देशवासियों द्वारा मिलकर मनाया जाता है.
पंडित जवाहरलाल नेहरू जो की आजादी के बाद भारत के प्रधान मंत्री बने और उन्होंने लाल किले पर झंडा फहरा कर आजाद भारत में एक नए युग की शुरुआत की. साथ ही उन्होंने जोशीले भाषण के साथ पूरे देश को आजादी की शुभकामनाएं दी.
इस तरह से भारत के प्रधान मंत्री द्वारा हर वर्ष तिरंगा फहराया जाता है, राष्ट्र गान और 21 तोपों की सलामी के साथ शहीद वीर सपूतों को याद किया जाता है.
वास्तव में 15 अगस्त का यह दिन महापुरुषों के बलिदान, त्याग और उनके संग्रह का प्रतीक माना जाता है. इस दिन देश के सभी लोगों के मन में देश के प्रति सम्मान और समर्पण की भावना रहती है.
सभी देशवासी आपसी मतभेद और जातपात की भावना को दूर रखते हुए आजादी के त्योहार में हिस्सा लेते हैं. हमें भी यह बात अपने जहन से नही निकलने देना चाहिए की किस प्रकार महापुरुषों ने देश के खातिर बलिदान दिया था और कैसे देश को सर्वोपरि रखा था.
यही हमारी सच्ची देशभक्ति का सबसे बड़ा उदाहरण होगा. कुछ पंक्तियां यहां मैं कहना चाहता हूं/चाहती हूं.
हालांकि जिस आजादी का सपना हमने और क्रांतिकारियों ने देखा था उसे सच्चाई में बदलना आसान नही था लेकिन अपने लक्ष्य से पीछे न हटने का संकल्प ही आजादी का कारण बना.
आजादी के बाद जिस भारत को हमने हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने का सपना देखा था उसे हमे मिलकर पूरा करना है. शिक्षा, व्यापार, स्वास्थ्य जैसे विषयों पर काम करना बेहद ही जरूरी है. इसके साथ सभी के अधिकार का खयाल रखना बेहद ही जरूरी है.
आजादी के इस उपलक्ष्य पर हम सभी को देश को उन्नति के राह पर आगे ले जाने का प्रण लेना चाहिए. इसी के साथ कुछ पंक्तियों के साथ मैं इस भाषण का अंत करना चाहूंगा/चाहूंगी.
Speech on Independence Day in Hindi [3]
मेरे प्यारे गुरुजन और यहां पर मौजूद सभी दोस्तों को सर्व प्रथम मेरा नमस्कार. आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की ढेर सारी बधाइयां.
आप सभी को यह अच्छे से मालूम होगा की आज हम सभी यहां पर स्वतंत्रता दिवस की 78वी वर्षगांठ मानने के लिए उपस्थित हुए हैं.
यह दिन हमारे राष्ट्र के लिए बहुत ही गर्व की बात है की हमे देश के लिए बलिदान देने वाले देश प्रेमियों की याद को एक पर्व के रूप में मनाने का सौभाग्य मिल रहा है. हमारे देश को उनकी कुर्बानी के बदौलत ही अंग्रेजों के 200 सालों के शासन के बाद ही आजादी मिली थी.
200 सालों के बाद नसीब हुई यह आजादी ऐसे नहीं मिली है दोस्तों बल्कि महात्मा गांधी, भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, बहादुर शाह ज़फ़र, सरदार वल्लभभाई पटेल, डॉ भीम राव अम्बेडकर, लाला लाजपत राय, आदि जैसे अन्य कई सारे महापुरुषों ने बिना किसी स्वार्थ के अपने लहू को देश को आजाद करवाने के लिए बहाया था तब जाके यह आजादी देखने को मिली.
बहुत से लोगों को शायद यकीन न हो लेकिन आपको यह जानकर बेहद ही दुःख होगा की अंग्रेजों ने गुलामी के दौरान हम भारतीयों पर बहुत जुल्म ढाए थे.
आजादी से पूर्व जब देश गुलाम था तो किसी भी उच्च सरकारी पद पर किसी भी भारतीय को नही रखा जाता था बल्कि सभी अफसर और अधिकारी अंग्रेज ही हुआ करते थे.
कही न कही अंग्रेज भारत देश को इसलिए गुलाम बना पाए क्योंकि भारत देश में लोग जातपात के नाम पर और धर्म के नाम पर एक दूसरे से ही लड़ते थे. कोई भी किसी के साथ एक सा व्यवहार नही करता था न ही मिल जुलकर रहने की भावना थी. साथ ही सभी राज्य के राजा पहले से ही किसी न किसी विषय पर दूसरे राज्यों से युद्ध किया करते थे.
इन्हीं सभी चीजों को देखकर अंग्रेजों ने हम भारतीयों को आपस में ही लड़वाना शुरू कर दिया तथा “फूट डालो, शासन करो” की नीति को अपनाते हुए देश पर कब्जा कर लिया.
ऐसे में जब हालात और नाजुक होने लगे तो साल 1857 में सबसे पहले देश को आजाद करवाने की ज्वाला मंगल पांडे नामक क्रांतिकारी के मन में जागी.
उनकी ओर से इस क्रांति की शुरुआत तब हुई जब उन्होंने अंग्रेज़ों द्वारा दी गई चर्बी से बनी कारतूस बंदूकों को चलाने से इंकार कर दिया क्योंकि उस समय बंदूकों में गाय की चर्बी का इस्तेमाल हुआ करता था.
ऐसे में एक ब्राह्मण होने के नाते मंगल पांडे ने सीधे तौर पर बंदूके चलाने से साफ मना कर दिया था. आखिर में यही से देशभर में क्रांति की ज्वाला जा भड़क उठी और धीरे धीरे अंग्रेजी सल्तनत के खिलाफ विद्रोह शुरू हो गया.
इसके पश्चात पूरे देश की जनता ने अंग्रेजों को इस भारत देश से भगाने का संकल्प लिया तथा आखिर में उनका प्रयास सफल हुआ. 1857 में जिस चिंगारी के सुलगने की शुरुआत हुई थी वह ज्वाला बनकर 15 अगस्त 1947 तक सभी अंग्रेजी हुकूमत को जलाकर राख कर चुकी थी. देश अंत में आजाद हुआ और भारत देश ने आजादी की सुगंध प्राप्त की.
बस उसी दिन के बाद से प्रतिवर्ष 15 अगस्त का यह दिन धूम धाम से पूरे देश में त्योहार की भांति मनाया जाता है. देश के सभी विद्यालय और महाविद्यालयों में कई सारे कार्यक्रमों का आयोजन बड़ी धूम धाम से किया जाता है जिसकी शोभा सभी छात्र तथा छात्राएं बढ़ाती है अपने सांस्कृतिक कार्यक्रमों से.
इसके अलावा इस मौके पर 15 अगस्त पर जोशीला भाषण भी दिए जाते है. इसी के साथ मैं अपने विचारों को विराम देना चाहता हूं/चाहती हूं लेकिन इस मंच को छोड़ कर जाने से पहले कुछ लाइन कहना चाहूंगा/चाहूंगी.
सबसे अच्छा भाषण कैसे दें?
जैसा की आप जानते हो की कुछ विशेष अवसरों पर भाषण दिए जाते है जैसे की 15 अगस्त का दिन जब आजादी को पर्व के रूप में मनाया जाता है और भाषण (Speech on Independence Day in Hindi 2024) द्वारा सबको संबोधित किया जाता है.
लेकिन बहुत से लोग ऐसे होते है जिनका यह सवाल होता है की अच्छा भाषण कैसे लिखें जाते है या अच्छा भाषण कैसे दें? यदि आप भी यही जानना चाहते हो की किस प्रकार एक अच्छा भाषण प्रस्तुत किया जाता है तो हमने कुछ टिप्स आपके साथ शेयर किए है जिनसे आपको यह आइडिया मिल जायेगा की अच्छा भाषण कैसे तैयार किया जाता है.
- सबसे पहले आप जिस सभा के सामने अपना भाषण देने जा रहे हो उस सभा में उपस्थित सभी अथितिगणों को संबोधित करे और तथा जिस उपलक्ष्य के लिए वह सभी एकत्रित हुए है उससे जुड़ी शुभकामनाएं उनको जरूर दें.
- इसके बाद विषय के बारे में आधार रूपी प्रतुति दीजिए तथा अपने बारे में परिचय दें. साथ में यह भी बताएं की आप किस उद्देश्य से भाषण देने जा रहे हो.
- अपने भाषण की संरचना तैयार कीजिए की किस प्रकार आप अपने भाषण को शुरू करोगे और उसका अंत किस प्रकार करोगे.
- भाषण में ज्यादा लंबे वाक्यों का प्रयोग न करें. लंबे वाक्यों को सुनना और बाद में उसे एकदम से समझना मुश्किल होता है.
- आप जिस विषय के ऊपर भाषण दे रहें हो उस विषय से न भटके. केवल और केवल अपने विषय पर ध्यान दीजिए.
- जब आप भाषण दे रहे हो तब दर्शकों की तरफ ध्यान देना आवश्यक है. ऐसा बिलकुल भी न करें की आप सारा ध्यान सिर्फ भाषण पर दें.
- आखिर में अपने भाषण का अंत किसी अच्छे देशभक्ति कविता के साथ करें ताकि सभी उस सभा से जोश के साथ अपने अपने घर जाए.
उम्मीद है हमारे द्वारा बताई गई बातें आप जरूर ध्यान में रखेंगे जब आप किसी भी सभा मे भाषण दे रहे होंगे.
15 अगस्त पर शायरी
हालांकि ऊपर सभी भाषणों में के बीच कुछ 15 अगस्त पर शायरी हिन्दी में दी गई. फिर भी नीचे कुछ और 15 August par shayari दिया जा रहा है. जिसे आप 15 अगस्त पर भाषण देते वक्त इस्तेमाल कर सकते हैं.
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जब ये शायरी अपने भाषण के दौरान बोलेंगे तो आपके भाषण में चार चांद लग जायेगा, और सुनने को भी बहुत अच्छा लगेगा.
अगर ऊपर दिए गए शायरी के अलावा आपको कोई 15 अगस्त पर शायरी याद हो तो कॉमेंट में जरूर इरशाद फरमाएं और उम्मीद है कि आपको ये 15 अगस्त पर जोशीला भाषण पसंद आया होगा. कृपया इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.
15 अगस्त पर भाषण से संबंधित प्रश्न (FAQs)
भाषण की परिभाषा क्या होता है?
किसी भी एक विषय पर अपने ही अंदाज में लगातार बोलना, भाषण कहलाता है. भाषण में विषय से जुड़ी समस्त महत्वपूर्ण बातों को जोशीले अंदाज में प्रस्तुत किया जाता हैं.
भाषण की शुरुआत कैसे करें?
भाषण देने के लिए आपका नाम लिया जाए तो अपने स्थान से पूर्ण विश्वास के साथ उठकर मंच तक जाए तथा गहरी सांस लेकर अपने विषय की शुरुआत सभा में उपस्थित सभी अथितिगण को शुभकामनाएं देकर करें.
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं इंग्लिश में कैसे दें?
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं इंग्लिश में Happy Independence Day बोलकर दे सकते है.
हमारा देश कब आजाद हुआ था?
15 अगस्त 1947 का वह दिन था जब हमारा देश अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ था. इस 15 अगस्त को देश को आजाद हुए पूरे 77 वर्ष हो जायेंगे.
वर्ष 2024 को हमारी आजादी की कौन सी वर्षगांठ है?
वर्ष 2024 को भारत देश को आजाद हुए 77 साल हो जायेंगे और इस साल देश आजादी के 78वी वर्षगांठ मानने जा रहा हैं.
सारांश
स्वतंत्रता दिवस के इस राष्ट्रीय पर्व को और हर्षोल्लास से मानने के लिए तथा देश प्रेम को जाहिर करने के लिए यदि आप अपने स्थानीय कार्यक्रम, विद्यालय और महाविद्यालय में भाषण देने का विचार कर रहे हो तथा आपको तलाश है 15 अगस्त पर भाषण हिन्दी में 2024 तो हमने आज के इस आर्टिकल में खास आप सभी के लिए लिखकर प्रस्तुत किया है. इस लेख में प्रस्तुत स्वतंत्रता दिवस पर भाषण को इस्तेमाल कर सकते हो आप भाषण देने के लिए.
हमने तीन अलग अलग भाषण तैयार किए है जिनकी भाषा बिल्कुल सरल है. हर भाषण में देश प्रेम की अमूल्य बातें लिखी गई हैं. साथ ही देश की आजादी में अहम योगदान देने वाले व्यक्तित्व को याद किया गया है.
इसलिए यदि आपको भी ऐसे ही भाषण की तलाश है तो इन तीनों में से किसी को भी आप उपयोग कर सकते हो. अतः हम भी यही उम्मीद करते है की आपको यह 15 अगस्त पर जोशीला भाषण जरूर पसंद आया होगा. यदि किसी भी प्रकार का कोई संदेह आपके मन में है तो जरूर कमेंट द्वारा आप हमसे पूछ सकते हो.
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