राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर भाषण लिखने के उद्देश्य से यदि आप इस ब्लॉग पर आए हो तो आज का यह लेख आपके लिए बहुत ही मददगार साबित होने वाला है. क्योंकि आज इस लेख के द्वारा हम आपको National Education Day Speech in Hindi प्रदान करने वाले हैं.
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर लिखित इस भाषण को आप निबंध के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हो. इस लेख में लिखित भाषण का उद्देश्य लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना है क्योंकि वर्तमान समय में शिक्षा का महत्व बहुत ही ज्यादा बढ़ गया है. आज के समय में केवल वही व्यक्ति तरक्की कर सकता है जो शिक्षित हो.
यदि आप स्कूल, कॉलेज या किसी अन्य शिक्षण संस्थान के विद्यार्थी हैं और आपको राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर भाषण या निबंध लिखने को दिया तो यह लेख आपके लिए फायदेमंद रहेगा. इस संपूर्ण लेख में हम शिक्षा के महत्व के बारे में बात करेंगे. साथ ही आपको जानने को मिलेगा कि शिक्षा दिवस क्यों और कब मनाया जाता है.
इसके अलावा आप यह भी जान पाओगे कि शिक्षा दिवस किस महान विभूति के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है. स्कूल में इस विषय पर भाषण देने के लिए आप नीचे प्रस्तुत दोनों भाषण का प्रयोग कर सकते हो.
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?
वैसे तो आप सभी को यह जानकारी जरूर होनी चाहिए कि नेशनल एजुकेशन डे भारत में कब मनाया जाता है. परंतु यदि आपको इस विषय के बारे में कोई जानकारी नहीं है तो हम आपको बताना चाहेंगे कि प्रत्येक वर्ष भारत में 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है.
शिक्षा दिवस मनाने का निर्णय 2008 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा लिया गया था जिसे आज हम शिक्षा मंत्रालय के नाम से जानते हैं. आइए अब जानते है राष्ट्रीय शिक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है? जिन लोगों को इस विषय के बारे में नहीं पता है वह आगे इस बारे में जरूर पढ़ें.
मौलाना अबुल कलाम आजाद भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री थे. उन्होंने अपने संपूर्ण जीवन काल में शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए थे. उन्होंने अपने जीवन काल में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, खड़गपुर उच्च शिक्षा संस्थान, विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग और माध्यमिक शिक्षा आयोग आदि जैसे कई सारे शिक्षा बोर्ड की स्थापना की थी.
इनको स्थापित करने का उद्देश्य शिक्षा के स्तर को ऊंचा करना था और लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना था. अतः उनके अमूल्य योगदान को हमेशा जीवित रखने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा दिवस हर वर्ष भारत में मनाया जाता है.
National Education Day Speech in Hindi [1]
यहां पर उपस्थित अथिति महोदय, प्रधानाचार्य जी, उपप्रधानाचार्य जी, अध्यापकगण, मेरे प्यारे मित्रों, भाइयों और बहनों, आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद है कि आप सभी राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के इस समारोह में एकत्रित हुए हैं.
इस समारोह के दौरान आज मैं आपके सामने एक छोटा सा शिक्षा दिवस पर भाषण प्रस्तुत करने जा रहा हूं/रही हूं जिसके माध्यम से आपको शिक्षा के महत्व के बारे में जानने को मिलेगा.
इसके अतिरिक्त आपको हम मौलाना अबुल कलाम आजाद जी के बारे में भी कुछ जानकारी भी देंगे. मैं आप सभी से यही उम्मीद करूंगा/करूंगी की आप मेरे द्वारा बताए जाने वाली संपूर्ण जानकारी को ध्यान पूर्वक सुनेंगे और शिक्षा की जागरूकता को फैलाने में अपना सहयोग देंगे.
प्रत्येक वर्ष संपूर्ण भारतवर्ष में 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस बहुत ही धूमधाम से भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद जी की जयंती के रूप में मनाया जाता है. मौलाना अबुल कलाम आजाद जी स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने थे.
शिक्षा मंत्री के पद को धारण करने के तुरंत बाद उन्होंने देश में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने और लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए कई सारे प्रयास किए. वह हमेशा से ही शिक्षा के प्रति जागरूक थे और चाहते थे कि भारत का प्रत्येक व्यक्ति शिक्षा ग्रहण करें. खासकर महिलाओं को शिक्षा प्रदान करने के लिए उन्होंने कई सारे कार्यक्रम भी चलाए.
अपने जीवन के संपूर्ण कार्यकाल में उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में जो भी योगदान दिए थे उन योगदानों के लिए उनको 2008 में सम्मानित किया गया और उसी वर्ष मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा उनके जन्मदिवस को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में हर साल 11 नवंबर को मनाने की घोषणा की गई.
वह न केवल भारत के शिक्षा मंत्री थे बल्कि वह एक साहित्यकार भी थे. साथ ही उनको कवि होने का दर्जा भी प्राप्त था. उन्होंने कई सारी कविताओं की रचना भी की थी. अपने पूरे जीवन में उन्होंने जो भी पुण्य कर्म किए थे उनके आधार पर उनको भारत सरकार की तरफ से भारत के सर्वोच्च पुरस्कार भारत रत्न के द्वारा सम्मानित किया गया था.
मौलाना जी का सपना था कि भारत के प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षा प्राप्त हो. खासकर गरीब व्यक्तियों को शिक्षा प्राप्त हो ताकि वह अपने देश और अपने परिवार का नाम रौशन करके एक बेहतरीन जिंदगी जी सकें. राष्ट्रीय शिक्षा दिवस को मनाने का मूल्य उद्देश्य शिक्षा के स्तर को बेहतर से बेहतर बनाना है. वैसे भी भारत की साक्षरता दर बहुत ही कम है.
शिक्षा ही एकमात्र हथियार है जिसके द्वारा शिक्षित लोगों की संख्या में वृद्धि की जा सकती है. क्योंकि आप भी इस बात से भलीभांति परिचित होंगे कि बिना शिक्षा के जीवन का कोई आधार नहीं है. शिक्षा ग्रहण करना ही एक आसान जरिया है अपने सपनों को पूरा करने का और वह समस्त चीजें प्राप्त करने का जिनको आप अपने जीवन में पाना चाहते हो.
शिक्षित व्यक्ति अपनी शिक्षा के दम पर नई ऊंचाइयों को छू सकता है परंतु वहीं दूसरी ओर एक अशिक्षित व्यक्ति सामान्य से सामान्य चीजों को पाने के लिए बहुत ही परिश्रम करता है. आप सभी ने सुना भी होगा कि बिना शिक्षा के मनुष्य एक पशु के समान होता है.
अतः इस संपूर्ण भाषण का सार यही निकलता है कि आप सभी शिक्षा के प्रति जागरूक हो. न केवल खुद शिक्षा प्राप्त करें बल्कि अपने आसपास के लोगों को भी शिक्षा ग्रहण करने के लिए कहे और हो सके तो उनकी शिक्षा प्राप्त करने में सहायता अवश्य करें. क्योंकि शिक्षा और ज्ञान बांटने से ही बढ़ती है.
Rashtriya Shiksha Diwas Par Bhashan [2]
भारत देश जब अंग्रेजों के चंगुल से आजाद हुआ था तो आजादी के पश्चात मौलाना अबुल कलाम आजाद जी को भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री का पद ग्रहण करने का सौभाग्य दिया गया. पिछले 10 वर्षों से स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम जी की जयंती के उपलक्ष पर ही राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 11 नवंबर को पूरे भारत देश में मनाया जाता है.
उनकी जयंती को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने का निर्णय सन 2008 में मानव विकास संसाधन मंत्रालय द्वारा लिया गया था जिसे आज हम सभी शिक्षा मंत्रालय के नाम से जानते हैं. राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने की तारीख 11 नवंबर इसलिए चुनी गई क्योंकि यही वह दिन था जिस दिन मौलाना अबुल कलाम आजाद जी का जन्म हुआ था. अतः उनके जन्मदिवस की तारीख को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने के लिए चुना गया.
एक शिक्षा मंत्री होने के तौर पर उनके द्वारा मुक्त प्रारंभिक शिक्षा और हायर एजुकेशन के लिए मॉडर्न इंस्टीट्यूट, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) तथा यूजीसी के साथ नेशनल एजुकेशन सिस्टम की स्थापना की गई थी. आईआईएससी, आईआईटी तथा आर्किटेक्चर स्कूल की स्थापना का श्रेय भी मौलाना जी को दिया जाता है.
यूनिवर्सिटी अनुदान आयोग (UGC) की स्थापना का कार्य भी मौलाना जी को दिया गया था और आज भारत में शिक्षा की देखरेख के लिए यह एक बेहतरीन इंस्टीट्यूट के रूप में सामने उभर कर आया है. एक शिक्षा मंत्री के तौर पर उन्होंने भारत के लिए लगभग 11 वर्षों तक अपनी सेवाएं दी.
यहां तक कि उन्होंने आजादी के दौरान नेशनल कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता के रूप में भी अपना योगदान दिया. मौलाना जी हमेशा से ही यह सोच लेकर आगे बढ़ते चले गए की शिक्षा प्रत्येक व्यक्ति के लिए अनिवार्य है और इसी सोच को जिंदा रखते हैं हुए उन्होंने शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए.
प्रत्येक वर्ष शिक्षा दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना और शिक्षण संस्थानों को मजबूत बनाना है. इन उद्देश्यों की पूर्ति के द्वारा ही प्रत्येक भारतीय अच्छी शिक्षा ग्रहण कर सकता है साथ ही अपने सपनों को साकार करते हुए प्रत्येक व्यक्ति अपने घर परिवार और देश का नाम गर्व से ऊंचा कर सकता है.
अतः एक बार फिर 2023 में 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाएगा. जिस प्रकार से शिक्षक दिवस को धूमधाम से मनाया जाता है उसी प्रकार राष्ट्रीय शिक्षा दिवस को भी बड़े ही हर्षोल्लास के साथ विभिन्न शिक्षण संस्थानों में मनाया जाता है.
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) के तहत कोई भी अवकाश की घोषणा सरकार की ओर से नहीं की जाती हैं क्योंकि यह दिवस घर में बैठकर मनाने योग्य नहीं है. इस दिन को सही मायनों में मनाना है तो शिक्षण संस्थान ही वह जगह है जहां पर इसकी शोभा को बढ़ाया जा सकता है.
इस दिन को मनाने के लिए विभिन्न स्कूल, कॉलेज, और अन्य शिक्षण संस्थानों में कई सारे मनोरंजक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. निबंध प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता, आर्टिकल लेखन, पोस्टर मेकिंग, ग्रुप डिस्कशन जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन विभिन्न एजुकेशन इंस्टीट्यूट में किया जाता है.
इन आयोजित प्रतियोगिताओं मैं जिन विद्यार्थियों का या प्रतिभागियों का बेहतरीन प्रदर्शन होता है उनको विभिन्न पुरस्कार द्वारा पुरस्कृत किया जाता है. इसके अतिरिक्त मौलाना अबुल कलाम आजाद जी के ऊपर और उनके द्वारा दिए गए योगदान पर आधारित विभिन्न भाषण प्रस्तुत किए जाते हैं. इन सबके अलावा कुछ संस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है मनोरंजन की दृष्टि से.
इसी के साथ मैं अपने भाषण को यहीं पर समाप्त करते हुए आप सभी से यही आशा करता हूं कि आप सभी शिक्षा के प्रति सदैव जागरूक रहेंगे तथा भारत देश को एक शिक्षित राष्ट्र बनाने में अपना योगदान देंगे ताकि हर एक बच्चा शिक्षा ग्रहण करके आने वाले समय में खुद भी तरक्की की राह पर चलें और इस देश को भी उन्नति के आसमानों पर पहुंचाएं. इसी के साथ मैं उम्मीद करता हूं कि यह भाषण आप सभी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनेगा.
ये भी पढ़ें > राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (National Education Day) पर 2 बेहतरीन निबंध
शिक्षा पर बेहतरीन शायरी
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर कुछ शानदार शायरी (Shayari on National Education Day in Hindi) नीचे दिए जा रहे हैं:
अगर तुम मेहनत से पढ़ पाओगे, तो एक दिन जरूर विद्वान कहलाओगे
शिक्षा से ही जीवन की प्रगति होती है, बिना इसके मनुष्य की दुर्गति होती है.
शिक्षा के महत्व पर कुछ महान लोगों के विचार
शिक्षा के महत्व (importance of education) पर कुछ महान लोगों के विचार (Thoughts) निम्नलिखित है:
“शिक्षा वो सबसे शक्तिशाली हथियार है, जिसकी मदद से आप पूरी दुनिया बदल सकते है.”
~ नेल्सन मंडेला
“जो कुछ भी हमने स्कूल में सीखा है, वो सब भूल जाने के बाद भी जो हमें याद रहता है, वो ही हमारी शिक्षा है.”
~ अल्बर्ट आइंस्टीन
National Education Day Speech in Hindi – FAQs
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की शुरुआत कब हुई?
शिक्षा मंत्रालय द्वारा 2008 में यह निर्णय लिया गया कि प्रत्येक वर्ष 11 नवंबर को मौलाना अबुल कलाम आजाद जी के जन्मदिवस को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाएगा. पूर्व में शिक्षा मंत्रालय का नाम मानव संसाधन विकास मंत्रालय हुआ करता था.
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस को मनाने का उद्देश्य क्या है?
शिक्षा दिवस को मनाने का उद्देश्य भारत में शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करना है ताकि भारत में निवास करने वाला हर एक व्यक्ति शिक्षा के महत्व को जान सकें.
शिक्षा दिवस क्यों मनाया जाता है?
शिक्षा के क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान देने वाले मौलाना अबुल कलाम आजाद जी की जयंती के रूप में शिक्षा दिवस मनाया जाता है.
शिक्षा दिवस कब मनाया जाता है भारत में?
मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा 2008 में लिए गए निर्णय के अनुसार प्रत्येक वर्ष 11 नवंबर को शिक्षा दिवस मनाया जाता है संपूर्ण भारतवर्ष में.
शिक्षा दिवस कब किसकी जयंती के रूप में मनाया जाता है?
मौलाना अबुल कलाम आजाद जी की जयंती पर 11 नवंबर को शिक्षा दिवस मनाया जाता है.
प्रथम राष्ट्रीय शिक्षा दिवस कब मनाया गया?
11 नवंबर 2008 को प्रथम राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया गया संपूर्ण भारतवर्ष द्वारा.
National Education Day Speech in Hindi की तलाश में यदि आप इस लेख में आए थे तो हम उम्मीद करते हैं कि आपकी तलाश यहां पर खत्म हो गई होगी. ऐसा इसलिए क्योंकि इस लेख के माध्यम से हमने आज नेशनल एजुकेशन डे स्पीच इन हिंदी आपके लिए लिखकर इस आर्टिकल में प्रस्तुत किया हैं.
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर भाषण का प्रयोग आप किसी भी शिक्षण संस्थान या समारोह में अपनी इच्छा अनुसार कर सकते हो. अतः हम आपसे यही आशा करते हैं कि यह संपूर्ण लेख आपको पसंद आया होगा. यदि यह लेख वाकई में आपके लिए फायदेमंद रहा होगा तो इसे अन्य पाठकों के साथ भी शेयर करें.
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