भारत में 3 राष्ट्रीय अवकाश है: स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और गांधी जयंती. इसे राष्ट्रीय पर्व भी कहा जाता है. इसी में से एक गणतंत्र दिवस के बारे में आज जानेंगे. इस गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में विद्यार्थियों को गणतंत्र दिवस पर 10 लाइन हिंदी में लिखने को भी दिया जाता है.
इस दिन विद्यार्थी 26 जनवरी पर निबंध लिखने के अलावा, भाषण, नाटक आदि भी करते हैं. स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालय सहित सरकारी कार्यालयों में भी यह दिवस बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.
Republic Day Essay in Hindi 2024
प्रस्तावना
अपने देश भारत को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद कराने वाले महान पुरुषों के बलिदान को याद करने एवं उनसे प्रेरणा लेने के लिए यह दिवस प्रत्येक वर्ष भारत में तथा विदेशों में जहां भारतीय मूल के लोग रहते हैं मनाया जाता है.
प्रधानमंत्री इस दिन इंडिया गेट पर स्थित सैनिकों के स्मारक अमर जीवन अमर जवान ज्योति पर पुष्प माला अर्पित करते हैं. फिर 2 मिनट मौन रखा जाता है उन सैनिकों के लिए जो देश की रक्षा में शहीद हो गए.
गणतंत्र दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?
गणतंत्र दिवस प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है. क्योंकि इसी दिन सन 1950 (26 जनवरी 1950) को भारत का संविधान लागू हुआ था. उसके बाद इसे एक लोकतांत्रिक, संप्रभु तथा गणतंत्र देश घोषित किया गया.
आज हमारा देश अंग्रेजों के चंगुल से 15 अगस्त 1947 को ही आजाद हो गया था, जिस के उपलक्ष्य में हम लोग प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस (independence day) के तौर पर मनाते हैं. परंतु उस समय भारत का अपना कोई संविधान नहीं था.
गणतंत्र दिवस का इतिहास
15 अगस्त 1947 को भारत के स्वतंत्र हो जाने के बाद संविधान सभा ने 9 दिसंबर 1947 से अपना काम शुरू कर दिया. पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ भीमराव अंबेडकर, मौलाना अबुल कलाम आजाद, डॉ राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभभाई पटेल आदि इस संविधान सभा के प्रमुख सदस्य चुने गए थे.
संविधान निर्माण के लिए कुल 22 समितियां गठित की गई थी, जिसमें से प्रारूप समिति (drafting committee) सबसे महत्वपूर्ण थी. संपूर्ण संविधान निर्माण करने की जिम्मेदारी प्रारूप समिति को ही दी गई थी.
इसी ड्राफ्टिंग कमिटी के इसमें भी खासकर डॉ भीमराव अंबेडकर के अथक मेहनत से 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में भारतीय संविधान पूरी तरह से बनकर तैयार हुआ, तथा जो उस समय संविधान सभा के अध्यक्ष थे को 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान सुपुर्द किया गया था. इसलिए प्रतिवर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस के रुप में मनाया जाता है.
संविधान निर्माण के समय संविधान सभा ने कुल 114 दिन बैठक की. इन बैठकों में जनता और प्रेस को भाग लेने की आजादी थी. बहुत सारे सुधार और बदलावों के बाद 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा के 284 सदस्यों ने संविधान के दो हस्तलिखित कॉपियों पर हस्ताक्षर किए. इसके ठीक दो दिन बाद 26 जनवरी 1950 को ये संविधान देशभर में लागू कर दिया गया था.
गणतंत्र दिवस का महत्व क्या है?
गणतंत्र दिवस का भारत में बहुत ही ज्यादा महत्व है, क्योंकि इसी दिन देश में संविधान लागू हुआ था. संविधान किसी भी लोकतांत्रिक देश की रीढ़ होती है.
ये याद रहे कि 26 जनवरी भारत का स्वराज प्राप्त करने के संघर्ष में बहुत महत्व रखता है. 29 दिसंबर 1929 को लाहौर में कांग्रेस सत्र ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें भारत के लक्ष्य के रूप में पूर्ण स्वराज (complete independence) को घोषित किया गया.
इसके साथ ही ये भी निर्णय लिया गया कि 26 जनवरी को पूरे भारत में पूर्ण स्वराज दिवस के रुप में मनाया जाना चाहिए.
26 जनवरी 1930 को पहली बार पूर्ण स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था. 1947 तक 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता था. 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों के चंगुल से आजादी मिलने के बाद से 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में तथा 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.
इस तरह से 26 जनवरी स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए भारत के संघर्ष में एक महान घटना को याद दिलाता है. इसलिए सभी लोग इस पक्ष में थे कि 26 जनवरी को नए संविधान के शुरू होने की तारीख के रूप में चुना जाना चाहिए.
इसलिए ये दिन हर्षोल्लास और गर्व के साथ राष्ट्रीय महत्व के एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में मनाया जाता है.
गणतंत्र दिवस मनाने का स्वरूप
भारतीय देशभर में बहुत ही आनंद और गर्व के साथ गणतंत्र दिवस मनाते हैं. ये दिन एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में भारत के संविधान का सम्मान करता है. स्कूल और कॉलेजों में गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है. आजादी के लिए भारत के संघर्ष का जश्न मनाते हुए पूरे देश में इस दिन बहुत सारे सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
भारत के राष्ट्रपति नई दिल्ली में इंडिया गेट पर राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) फहराते है. नई दिल्ली के राजपथ पर सबसे प्रतिष्ठित परेड होता है. इस परेड को रक्षा मंत्रालय (ministry of defence) द्वारा समन्वित किया जाता है. ये समारोह न केवल भारत की सैन्य शक्ति प्रदर्शित करती है बल्कि इसकी विविध संस्कृति को भी बढ़ावा देती है.
इसके अलावा देश की रक्षा के लिए अपने प्राण त्याग करने वाले शहीदों को इस कार्यक्रम के दौरान श्रद्धांजलि भी दी जाती है. भारत के प्रधानमंत्री इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति में एक रिंगलेट रखकर शहीदों का सम्मान करते हैं. ये समारोह 21 तोपों की सलामी, राष्ट्रीय गान और तिरंगा फहराने के साथ जारी रहता है.
बहादुर सैनिकों को परमवीर चक्र, अशोक चक्र और वीर चक्र प्रदान किया जाता है. कठिन परिस्थितियों में साहस दिखाने वाले बच्चों और आम नागरिकों को भी पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है.
वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले राष्ट्रपति का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें सैल्यूट करते हैं, फिर भारत की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन शुरू होता है एम इसमें एक मार्च-पास्ट भी होता है, जिसमें सशस्त्र बल, पुलिस और राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) के सदस्य भाग लेते हैं.
इसी दौरान इन रेजिमेंटो के द्वारा भारत के राष्ट्रपति को सैल्यूट किया जाता है. भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट के जनपथ से होकर उड़ने के साथ ये 26 जनवरी का समारोह समाप्त होता है.
गणतंत्र दिवस समारोह पूरे देश में आयोजित किया जाता है, परंतु दिल्ली सबसे बड़ा उत्सव का केंद्र है.
हर साल गणतंत्र दिवस के परेड को लाइव देखने के लिए लाखों लोग दिल्ली के राजपथ जाते हैं.
राज्यों की राजधानीयों में भी झंडा फहराने का कार्यक्रम आयोजित होता है, जिसमें वहां के राज्यपाल झंडा फहराते हैं. इसी तरह जिला मुख्यालय, सबडिवीजन, तालुका और पंचायतों में भी ये उत्सव मनाया जाता है.
26 जनवरी से लेकर 29 जनवरी तक सरकारी कार्यालय चमकदार रोशनी से जगमगाता रहता है. गणतंत्र दिवस समारोह के तीसरे दिन 29 जनवरी को अल्लामा इक़बाल का मशहूर देश भक्ति गीत “सारे जहां से अच्छा हिंदोस्ता हमारा” बजाया जाता है. उसी दिन ठीक शाम 6:00 बजे तिरंगा को नीचे उतारा जाता है, तथा राष्ट्रगान गाने के साथ इस गणतंत्र दिवस समारोह को समाप्त किया जाता है.
स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और कोचिंग संस्थान सहित विभिन्न शिक्षण संस्थानों में इस दिन कई सारे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. 26 जनवरी पर निबंध लेखन प्रतियोगिता, चित्रकला, नाटक, देशभक्ति गीत, भाषण प्रतियोगिता आदि इसके अंतर्गत होने वाले प्रमुख कार्यक्रम है.
रिपब्लिक डे | उपसंहार
हम सभी को गणतंत्र दिवस मनाने में गर्व होना चाहिए, क्योंकि यह दिन हमारे संविधान की स्थापना का प्रतीक है. इस दिन आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के साथ छात्रों को संविधान में निहित कानूनों को समझाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम भी होना चाहिए. ये निश्चित रूप से उन्हें अपने देश को और यहां के कानूनों को समझने में मदद करेगा, और कौन जानता है कि इनमें से कोई एक कल हमारे देश का एक अच्छा नेता बन जाएं.
Republic Day Essay in Hindi 10 Lines
गणतंत्र दिवस पर निबंध 10 लाइन में (26 january essay in hindi 10 lines) नीचे दिया जा रहा है:
- पूरे भारतवर्ष में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के तौर पर उत्साह और गर्व के साथ मनाया जाता है.
- 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान अपनाया गया था.
- भारत के संविधान का निर्माण प्रारूप समिति ने की थी. जिसके अध्यक्ष डॉ भीमराव अंबेडकर थे.
- संपूर्ण संविधान को लिखने में 2 वर्ष, 11 माह और 18 दिन का समय लगा.
- भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण कर भारत को एक पूर्ण गणतंत्र राष्ट्र घोषित किया था.
- प्रत्येक वर्ष देश के वर्तमान राष्ट्रपति द्वारा दिल्ली के राजपथ पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया जाता है.
- गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान बहादुर सैनिकों, बच्चों एवं आम नागरिकों को पुरस्कृत भी किया जाता है.
- स्कूल, कॉलेज आदि में 26 जनवरी के दिन विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, एवं अंत में मिठाई भी वितरित की जाती है.
- राज्यों की राजधानियों, जिला मुख्यालय, ग्राम पंचायत, सरकारी कार्यालय आदि में भी इस दिन वहां के प्रमुख द्वारा झंडा फहराया जाता है.
- हम लोगों को अपने पाठ्यक्रम के साथ-साथ भारत का संविधान भी जरूर पढ़ना चाहिए.
उम्मीद है कि आपको ये गणतंत्र दिवस पर निबंध पसंद आया होगा. अगर आपका इस Republic Day Essay in Hindi से जुड़ा कोई प्रश्न है तो कमेंट में जरूर पूछें, एवं इस पोस्ट को अपने सहपाठियों के साथ शेयर करें.
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Republic Day Essay in Hindi 10 Lines – FAQs
26 जनवरी को झंडा कौन फहराता है?
26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस को भारत के राष्ट्रपति राजपथ पर राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा झंडा) फहराते हैं.
गणतंत्र दिवस समारोह 2023 (23 जनवरी 2023) के मुख्य अतिथि कौन थे?
26 जनवरी 2023 को होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में इजिप्ट (मिस्र) के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सिसी (Abdel Fattah El-Sisi) मुख्य अतिथि थे.
2023 में कौन सा गणतंत्र दिवस मनाया गया था?
2023 में 74वां गणतंत्र दिवस मनाया गया था.
गणतंत्र दिवस का परेड कहां से कहां तक होता है?
गणतंत्र दिवस का परेड इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक होता है.
गणतंत्र दिवस को उर्दू में कैसे लिखते हैं?
गणतंत्र दिवस को उर्दू में “یوم جمہوریہ” (यौमे जम्हूरिया) लिखते हैं.
भारत का कौन सा राष्ट्रपति खराब स्वास्थ्य के कारण दिल्ली के गणतंत्र दिवस परेड में शामिल नहीं हो सका?
डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन एकमात्र भारतीय राष्ट्रपति हैं जो खराब स्वास्थ्य के कारण दिल्ली के गणतंत्र दिवस परेड में शामिल नहीं हो सके.
गणतंत्र दिवस के परेड के समय कौन सा गीत बजाया जाता है?
गणतंत्र दिवस के परेड के समय भारत का राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम” को बजाया जाता है. पहले गणतंत्र दिवस के परेड में महात्मा गांधी का पसंदीदा गीत “अबाइड विथ मी (abide with me)” बजाया जाता था.
हरियाणा ने अंतिम बार गणतंत्र दिवस की परेड में कब भाग लिया था?
हरियाणा ने अंतिम बार गणतंत्र दिवस की परेड में पिछले साल (2022) भाग लिया था. जिसमें “हरियाणा खेलों में नंबर-वन” थीम पर खेलों में देश का नाम रौशन करने वाले हरियाणा के खिलाड़ियों से सजी झांकी पेश किया गया था.
इससे पहले 2017 के गणतंत्र दिवस समारोह में “बेटी बचाओं – बेटी पढ़ाओ” थीम पर हरियाणा की झांकी शामिल हुई थी.
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