आज इंसान चांद तक जा पहुंचा है. किस की मदद से? विज्ञान की मदद से. आज हम अपने मोबाइल के छोटे से स्क्रीन पर दुनिया भर की चीजें देख पाते हैं. किसकी वजह से? विज्ञान के वजह से. आप चाहे माने या ना माने पर विज्ञान हमारे जीवन को बहुत ही आसान बना दिया. तो आइए आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर एक शानदार भाषण (National Science Day Speech in Hindi) जानते हैं.
इस देश ने भी दुनिया को कई सारे वैज्ञानिक दिए है, जिन्होंने अपनी खोज से पूरे विश्व को आश्चर्यचकित कर दिया है. उन्हीं महान वैज्ञानिकों में से एक नाम सी वी रमन (CV Raman) का भी आता है. इन्होंने ही ‘रमन प्रभाव’ नामक सिद्धांत दिया जो आज भी विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक रूप से प्रयोग होता है.
इस पोस्ट में हम लोग National Science Day Speech in Hindi जानेंगे. जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय विज्ञान दिवस शायरी एवं राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर 10 लाइन भी जानेंगे. अंत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भाषण से जुड़े कुछ FAQs भी देखेंगे. तो इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें.
National Science Day Speech in Hindi 2024
मंच पर उपस्थित श्रीमान प्रधानाचार्य जी, शिक्षक गण, अतिथि गण और यहां पर मौजूद मेरे सभी सहपाठियों. आप सभी को सुप्रभात.
मैं मो. सालेहुज्जमा कक्षा 7 का एक छात्र हूं, और आज मुझे राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के शुभ अवसर पर इसके बारे में दो शब्द बोलने का मौका दिया गया है. इसके लिए मैं आप सबका आभारी हूं.
मित्रों, जैसा कि हम लोगों को ज्ञात है कि आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस है और इसी दिवस के मौके से हम सभी लोग यहां पर उपस्थित हैं. ये दिवस प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को पूरे भारतवर्ष में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.
आपको बता दें कि आज आज ही के दिन 1928 में सीवी रमन तथा उनके एक होनहार विद्यार्थी केएस कृष्णन ने मिलकर 28 फरवरी को ‘रमन प्रभाव’ नामक एक खोज किया जो विश्व भर में बहुत प्रसिद्ध हुआ.
उनके इस खोज के कारण वर्ष 1930 में उन्हें भौतिकी का नोबेल पुरस्कार भी मिला. इस तरह वे विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय एवं एशियाई व्यक्ति बन गए.
‘रमन प्रभाव’ के आधार पर ही रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी बना, जिसका भौतिक विज्ञान तथा रासायनिक विज्ञान में बहुत इस्तेमाल होता है. नकली दवाओं को खोजने से लेकर विस्फोटकों का पता लगाने तक ‘रमन स्पेक्ट्रोस्कॉपी’ बहुत ही उपयोगी है.
लोगों के बीच विज्ञान के महत्व और उसके अनुप्रयोग के संबंध में जागरूकता लाना राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मुख्य उद्देश्य है. इस उद्देश्य को पाने के लिए सरकार, विभिन्न संगठन एवं कई सारे संस्थान विज्ञान से जुड़े बहुत सारे प्रोग्राम संचालित करते हैं.
इस दिन शैक्षणिक संस्थान एवं विज्ञान से संबंधित संस्थान में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध, प्रदर्शनी, सेमिनार, चित्रकला, विज्ञान प्रश्नोत्तरी, भाषण प्रतियोगिता, आदि आयोजित की जाती है.
इसके अलावा इस अवसर पर विज्ञान से संबंधित पुस्तक, पत्रिका, और पुरस्कार भी वितरित की जाती हैं.
इस साल राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 की थीम “विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीकें (Indigenous Technologies for Viksit Bharat)” है.
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हम सभी की जिम्मेदारी है कि विज्ञान के महत्व एवं उपयोगिता को खुद भी समझे एवं दूसरों को भी समझाएं, और विज्ञान के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए छात्रों को प्रोत्साहित एवं मार्गदर्शीत करें.
अंत में मैं एक शायरी के साथ अपनी वाणी को विराम देता हूं…
यदि विज्ञान की ताकत को सही से समझ पाओगे
तो हर समस्याओं का समाधान तुरंत पाओगे
धन्यवाद!
Long Speech on National Science Day in Hindi
आदरणीय सभापति महोदय, प्रधानाचार्य जी, शिक्षकगण, दूर-दराज से आए हुए अतिथि गण एवं यहां पर मौजूद मेरे भाई बहनों आप सभी को सुप्रभात.
मैं मो. सालेहुज्जमा 10वीं का एक छात्र हूं, और आज मुझे राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के शुभ अवसर पर अपनी बात रखने का मौका दिया गया है. इसके लिए मैं आप सब का बहुत शुक्रगुजार हूं.
दोस्तों, जैसा कि हम लोगों को मालूम है कि आज राष्ट्रीय विज्ञान है, और इसी दिवस के उपलक्ष्य में हम लोग यहां उपस्थित हुए हैं. यह दिवस प्रतिवर्ष 28 फरवरी को अपने देश भारत में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है.
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का इतिहास
आप में से कई लोगों के मन में यह सवाल आ रहा होगा कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी को ही क्यों मनाया जाता है? तो आपको बता दें कि इसी दिन वर्ष 1928 (28 फरवरी 1928) को महान भारतीय भौतिक विज्ञानी सीवी रमन ने ‘रमन प्रभाव’ की खोज किए थे.
यह प्रकाश के प्रकीर्णन से जुड़ा एक अद्भुत खोज था जो बहुत प्रसिद्ध हुआ. इस खोज के 2 साल बाद 1930 में सर चंद्रशेखर वेंकटरमन (C.V. Raman) को नोबेल पुरस्कार तथा 1954 में भारत रतन भी मिला है.
सी वी रमन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रथम भारतीय एवं एशियाई व्यक्ति थे.
दरअसल, सीवी रमन वर्ष 1921 में समुद्री रास्ते से लंदन से भारत वापस आ रहे थे. इसी दौरान समुद्र को देखकर उनके मन में सवाल आया कि समंदर नीला क्यों होता है? उसे कोई भी उत्तर ऐसा न मिला जो उसे संतुष्ट कर सके. तो फिर उसने अपने एक विद्यार्थी के साथ मिलकर इस पर शोध शुरू कर दिए.
फिर सीवी रमन और उसके एक होनहार विद्यार्थी केएस कृष्णन ने मिलकर 28 फरवरी 1928 को ‘रमन प्रभाव’ नामक सिद्धांत दिया.
इस सिद्धांत के अनुसार किसी पारदर्शी वस्तु से प्रकाश की किरणें गुजरने पर प्रकाश के कुछ हिस्से की तरंग धैर्य में बदलाव हो जाता है.
रमन स्पेक्ट्रोस्कॉपी भी इसी सिद्धांत पर आधारित है, जिसका उपयोग वैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न सामग्री के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है.
सीवी रमन के मरणोपरांत वर्ष 1986 में राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (NCSTC) ने भारत सरकार से आग्रह किया कि 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के तौर पर मनाया जाए. भारत सरकार से मंजूरी मिलने के बाद 28 फरवरी 1987 को पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया.
28 फरवरी 1987 से प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है.
सीवी रमन के बारे में एक रोचक घटना
शायद आपको नहीं पता हो की सीवी रमन ने दरभंगा (बिहार) के राजा रामेश्वर सिंह से दो हीरा 2 दिन के लिए उधार मांगा था.
दरअसल बात यह है कि सी वी रमन को अपने शोध के लिए दो हीरा की जरूरत थी. उनको पता चला कि दरभंगा के राजा के पास हीरा मौजूद है तो उन्होंने उस राजा से संपर्क किया तथा राजा ने भी खुशी-खुशी उन्हें 2 हीरा दे दिया.
उनमें से एक 20 कैरेट का पारदर्शी तथा दूसरा 140 कैरेट का हलके पीले रंग का हीरा था. 140 कैरेट वाले हीरे के बारे में अनुमान लगाया जाता है कि यह पेशवा हीरा था जो बाजीराव के पास पहले था, जिसे वे अपनी उंगलियों में अंगूठी की तरह पहनते थे.
सी वी रमन को रत्नों से बड़ा लगाव था. वह अपने प्रयोगशाला में ओपल, चांदनी (moonstones), एजट, रूबी और हीरा रखते थे, एवं उनके ऑप्टिकल कैरेक्टर का अध्ययन करते रहते थे.
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उद्देश्य
किसी भी काम को जब उसका उद्देश्य सामने रखकर सामने रखकर करते हैं तो काम अच्छे से होता है. इसी तरह राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाना भी है. यह दिवस भी हम लोगों को ऐसे मनाना चाहिए कि इसका उसके उद्देश्य की पूर्ति हो ना कि सिर्फ खानापूर्ति के लिए.
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने का प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित है:
- हमारे दैनिक जीवन में विज्ञान की उपयोगिता के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाना
- विज्ञान की गतिविधियों, प्रयासों और उपलब्धियों को प्रदर्शित करना
- छात्रों को विज्ञान के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करना
- लोगों के बीच विज्ञान की लोकप्रियता को बढ़ाना
- विज्ञान की तरक्की के लिए नई तकनीक का आविष्कार करना
- विज्ञान से होने वाले लाभों के प्रति समाज में जागरूकता लाना
- वैज्ञानिक सोच रखने वालों को कुछ अच्छा करने का मौका देना
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने का तरीका
इस दिन विज्ञान की विभिन्न गतिविधियों से जुड़े बहुत सारे प्रोग्राम आयोजित करके पूरे उत्साह के साथ यह देश भर में मनाया जाता है.
स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, विज्ञान के संस्थान आदि में विज्ञान से संबंधित प्रदर्शनी, चित्रकला, निबंध लेखन, वाद विवाद प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, सेमिनार, वेबीनार, आदि आयोजित किए जाते हैं. अपने स्कूल में आयोजित भाषण प्रतियोगिता भी किसी का एक उदाहरण है.
भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, द जायंट मीटर वेब रेडियो टेलीस्कोप (GMRT), प्रत्येक राज्य के विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO), सीएसआईआर- राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (CSIR- NEERI) और जवाहरलाल नेहरू प्लैनेटेरियम में ये दिवस वृहद स्तर पर मनाया जाता है.
सरकार और वैज्ञानिक संस्थानों के अलावा हमें भी विज्ञान की उपयोगिता को समझना चाहिए तथा लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करना चाहिए.
इसी के साथ में अपनी वाणी को विराम देता हूं, और अंत में सिर्फ यही कहना चाहूंगा कि…
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धन्यवाद
National Science Day Speech in Hindi 10 Lines
- आदरणीय प्रधानाचार्य जी, शिक्षक गण, अतिथि गण एवं मेरे साथियों आप सभी को सुप्रभात.
- राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के इस अवसर पर मुझे अपनी बात रखने का मौका देने के लिए आप सबका शुक्रिया.
- प्रतिवर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है.
- प्रथम राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 28 फरवरी 1987 को मनाया गया था.
- इसी दिन 1928 को सीवी रमन ने ‘रमन प्रभाव’ की खोज की थी.
- वर्ष 1930 में इस खोज के लिए सीवी रमन को नोबेल पुरस्कार भी मिला है.
- राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 की थीम “विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीकें” है.
- इस दिन विभिन्न संस्थानों में विज्ञान से जुड़े हुए बहुत से प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं
- हम लोगों को विज्ञान के महत्व और उपयोगिता को अच्छे से समझना चाहिए तथा समाज में भी इसके प्रति जागरूकता लाने का प्रयास करना चाहिए
- इसी के साथ में अपनी वाणी को विराम देता हूं. धन्यवाद!
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस शायरी
अपने भाषण के बीच-बीच में अगर आप नीचे दी गई राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की शायरी (shayari on national science day in hindi) भी सुनाते तो आपका भाषण और भी जानदार हो जाएगा.
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महत्त्व जानो विज्ञान का
शक्ति पहचानो विज्ञान का
यदि विज्ञान की ताकत को सही से समझ पाओगे
तो हर समस्या का समाधान तुरंत पाओगे
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उम्मीद है कि आपको ये राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर भाषण और शायरी पसंद आया होगा. अगर इससे जुड़ा आपका कोई प्रश्न है तो कृपया कॉमेंट में जरूर पूछें एवं इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें.
National Science Day Speech in Hindi – FAQs
28 फरवरी को विज्ञान दिवस क्यों है?
क्योंकि इसी दिन 1928 में सीवी रमन द्वारा ‘रमन प्रभाव’ की खोज की गई थी. जो बहुत प्रसिद्ध हुआ. इसलिए 28 फरवरी को विज्ञान दिवस है.
अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कब मनाया जाता है?
अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान दिवस/ विश्व विज्ञान दिवस प्रत्येक वर्ष 10 नवंबर को मनाया जाता है.
भारत में विज्ञान दिवस मनाने की घोषणा कब हुई?
भारत में विज्ञान दिवस मनाने की घोषणा वर्ष 1986 में भारत सरकार द्वारा हुई.
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस प्रथम कब मनाया गया?
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस प्रथम 28 फरवरी 1987 को मनाया गया.
आप राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भाषण कैसे शुरू करते हैं?
सबसे पहले सभी का अभिवादन करते हैं, अपना परिचय देते है फिर सीवी रमन और उसके खोज ‘रमन प्रभाव’ को बताते हुए अपना राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भाषण शुरू करते हैं.
विज्ञान दिवस कैसे मनाया जाता है?
विज्ञान से संबंधित प्रदर्शनी, सेमिनार, वेबीनार, चित्रकला, निबंध, भाषण, वाद विवाद, क्विज प्रतियोगिता, आदि आयोजित करके विज्ञान दिवस मनाया जाता है.
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