राष्ट्रीय खेल दिवस पर एक शानदार भाषण एवं शायरी

खेलकूद सेहत के लिए बहुत ही जरूरी है. इसलिए इसे बढ़ावा देने के लिए तथा अपने महान खिलाड़ियों को याद करने के लिए बहुत से देश खेल दिवस मनाते है. जिसके अंतर्गत खेल दिवस पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाता है.

सचिन तेंदुलकर, मेजर ध्यानचंद, पीटी उषा, नीरज चोपड़ा, आदि जैसे खिलाड़ीयों ने अपने खेल में अच्छा प्रदर्शन करके भारत का नाम पूरी दुनिया में रौशन किया है, और अपने देश को बहुत सारे पदक, मेडल, वर्ल्ड कप, आदि लाकर दिए हैं. 

इस पोस्ट में हम लोग National Sports Day Speech in Hindi जानेंगे. जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय खेल दिवस कब मनाया जाता है, खेल दिवस पर शायरी, आदि भी जानेंगे. अंत में इससे जुड़े कुछ FAQs भी देखेंगे. 

छात्रों के लिए राष्ट्रीय खेल दिवस पर भाषण 

आदरणीय सभापति महोदय, शिक्षक गण, अतिथि गण एवं मेरे प्यारे सहपाठियों. आप सभी को सुप्रभात. 

मेरा नाम मो. सालेहुज्जमा है और मैं 10वीं कक्षा का एक छात्र हूं. इस राष्ट्रीय खेल दिवस के शुभ अवसर पर आप सबके सामने खेल दिवस पर भाषण (Speech on National Sports Day in Hindi) प्रस्तुत करने जा रहा हूं.

National Sports Day Speech in Hindi
Major Dhyanchand Singh | National Sports Day

आप में से कुछ के मन में यह सवाल आ रहा होगा कि आखिर 29 अगस्त को ही राष्ट्रीय खेल दिवस क्यों मनाया जाता है? तो आपको बता दे कि आज ही के दिन यानी 29 अगस्त 1905 इस्वी को हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद सिंह का जन्म इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुआ था.

मेजर ध्यानचंद हॉकी के एक दिग्गज खिलाड़ी थे. उन्होंने इस खेल में तीन बार ओलंपिक में स्वर्ण पदक (gold medal) भी जीते हैं. इसलिए मेजर ध्यानचंद सिंह की जयंती को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है. 

1922 में जब ध्यानचंद सिंह की उम्र मात्र 16 वर्ष की थी तभी वे सेना में एक सिपाही के तौर पर भर्ती हुए थे. वहां उन्हें रेजीमेंट के सूबेदार मेजर तिवारी ने हॉकी खेलने के लिए प्रेरित किया क्योंकि मेजर तिवारी को खुद खेल से बहुत लगाव था और वह एक खिलाड़ी भी थे. फिर उनके देख-रेख में ही ध्यानचंद ने हॉकी खेलना शुरू कर दिया था. 

अपने खेल में अच्छा प्रदर्शन के कारण मेजर ध्यानचंद को सन 1927 ईस्वी में लांस नायक, सन 1932 ईस्वी में नायक, सन 1936 ईस्वी में सूबेदार फिर कुछ समय बाद वे लेफ्टिनेंट और कैप्टन बनाए गए और अंततः उन्हें मेजर बना दिया गया था.

उनके खेल को देखकर लोग दंग रह जाते थे एक बार अगर उनके हॉकी स्टिक में गेंद चिपक जाए तो फिर गोल होकर ही वह गेंद छुटता था. 

Hockey Player - National Sports Day Speech in Hindi
Hockey Player

उनके इसी बात से हैरान होकर एक बार बीच में खेल रोककर उनके हॉकी स्टिक को तोड़कर देखा गया कि कहीं इसमें कोई चुंबक जैसी कोई चीज तो नहीं है जो गेंद को चिपकाए रखती है. पर ऐसा कुछ नहीं था वह सिर्फ उनका हुनर और काबिलियत था. 

हॉकी के खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन तथा अचंभित करने वाले अंदाज से खेलने की वजह से मेजर ध्यानचंद को “हॉकी का जादूगर” कहा जाने लगा और आज भी कहा जाता है. 

उन्होंने अपने पूरे करियर में लगभग 1000 गोल किए हैं जिसमें से 400 से भी ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल है. इसके अलावा भारत के लिए 1928, 1932 और 1936 में ओलंपिक में स्वर्ण पदक भी जीते हैं. इस तरह मेजर ध्यानचंद हॉकी में तीन बार ओलंपिक के स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गए.

ध्यानचंद ने 1948 में हॉकी से संन्यास ले लिया. उन्हें खेल में उनके योगदान के लिए 1956 में प्रतिष्ठित पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. 1979 में उनका निधन हो गया. लेकिन उनका योगदान इस देश के खिलाड़ियों को पीढ़ी दर पीढ़ी प्रेरित करता आ रहा है और हमेशा करता रहेगा.

इस महान खिलाड़ी के योगदान को देखते हुए. भारत सरकार ने 2012 में मेजर ध्यानचंद की जयंती को राष्ट्रीय खेल दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया. इस तरह पहला राष्ट्रीय खेल दिवस 29 अगस्त 2012 को मनाया गया था. 

राष्ट्रीय खेल दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य खेलों के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना है. इसके लिए भारत सरकार विभिन्न कार्यक्रम, सेमिनार, आदि का आयोजन भी करती है. 

खेल दिवस को राष्ट्रीय स्तर पर बड़े पैमाने पर मनाया जाता है. यह हर साल राष्ट्रपति भवन में आयोजित किया जाता है और भारत के राष्ट्रपति देश के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेल पुरस्कार प्रदान करते हैं.

राष्ट्रीय खेल पुरस्कार के तहत वर्तमान खिलाड़ियों तथा पूर्व खिलाड़ियों को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार एवं द्रोणाचार्य पुरस्कार जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है. इन सभी सम्मानों के साथ-साथ इस दिन “ध्यानचंद पुरस्कार” भी दिया जाता है.

इसके अलावा विद्यालय, कॉलेज, खेल अकादमियों, आदि में इस दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय खेल दिवस पर निबंध, भाषण, चित्रकला जैसे प्रतियोगिता के साथ-साथ विभिन्न खेल प्रतियोगिता का भी आयोजन होता है.

हमें इस दिन के अवसर पर जीवन में खेल कूद के महत्व को समझना चाहिए तथा लोगों को भी समझाना चाहिए. 

ऐसे कई तरीके हैं जिनसे युवाओं को खेलने के लिए प्रेरित किया जा सकता है. जिसमें से एक तरीका यह है कि युवाओं को खेल दिवस, राष्ट्रीय युवा दिवस या किसी अन्य मौके से खेल और अन्य शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने के अधिक अवसर प्रदान करें या अधिक खेल सुविधाओं जैसे ग्राउंड, स्टेडियम, पार्क, आदि का निर्माण और स्कूलों तथा अन्य संस्थाओं में खेल कार्यक्रम के लिए अधिक संसाधन प्रदान करके किया जा सकता है.

इन प्रयासों के अलावा युवाओं को खेल और शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए आवश्यक सहायता और संसाधन जैसे गुणवत्ता वाले खेल उपकरण तथा युवाओं को उनके कौशल और क्षमताओं को विकसित करने में मदद करने के लिए कोचिंग और ट्रेनिंग जैसी सुविधा प्रदान करना भी बहुत महत्वपूर्ण है. 

अतः इसी संदेश के साथ में अपनी वाणी को विराम देता हूं. धन्यवाद.

खेल दिवस पर शायरी 

ऊपर दिए गए खेलकूद पर भाषण (Khel Diwas Par Bhashan) में जान फूंकने के लिए नीचे कुछ राष्ट्रीय खेल दिवस पर शायरी दिया जा रहा है.

कौन कहे मा’सूम हमारा बचपन था
खेल में भी तो आधा आधा आँगन था

~ शारिक़ कैफ़ी

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खेल ज़िंदगी के तुम खेलते रहो यारो

हार जीत कोई भी आख़िरी नहीं होती

~ हस्तीमल हस्ती

हारने जीतने से कुछ नहीं होता ‘वामिक़’

खेल हर साँस पे है दाँव लगाते रहना

~ वामिक़ जौनपुरी

हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उट्ठें

वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं

~ साहिर लुधियानवी

जो तूफ़ानों में पलते जा रहे हैं 

वही दुनिया बदलते जा रहे हैं

~ जिगर मुरादाबादी

साहिल के सुकूँ से किसे इंकार है लेकिन 

तूफ़ान से लड़ने में मज़ा और ही कुछ है

~ आल-ए-अहमद सुरूर

अपना ज़माना आप बनाते हैं अहल-ए-दिल 

हम वो नहीं कि जिन को ज़माना बना गया

~ जिगर मुरादाबादी

अब हवाएँ ही करेंगी रौशनी का फ़ैसला 

जिस दिए में जान होगी वो दिया रह जाएगा

~ महशर बदायुनी

हार हो जाती है जब मान लिया जाता है 

जीत तब होती है जब ठान लिया जाता है

~ शकील आज़मी

मिरे जुनूँ का नतीजा ज़रूर निकलेगा
इसी सियाह समुंदर से नूर निकलेगा

~ अमीर क़ज़लबाश

इन अशआर को (Shayari on National Sports Day in Hindi) को अपने भाषण के दौरान उपयुक्त जगह पर बोल सकते हैं. 

उम्मीद है कि आपको इस पोस्ट में दिए गए राष्ट्रीय खेल दिवस पर भाषण (National Sports Day Speech in Hindi) और शायरी पसंद आया होगा. अगर आपको भी खेल से संबंधित कोई शेर याद हो तो कमेंट में जरूर लिखें एवं इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें. 

खेल दिवस पर भाषण से संबंधित प्रश्न (FAQs)

राष्ट्रीय खेल दिवस कब मनाया जाता है?

राष्ट्रीय खेल दिवस प्रत्येक वर्ष 29 अगस्त को मनाया जाता है.

राष्ट्रीय खेल दिवस की शुरुआत कब हुई?

राष्ट्रीय खेल दिवस की शुरुआत 29 अगस्त 2012 को भारत सरकार द्वारा की गई थी.

आप खेल दिवस पर भाषण कैसे देते हैं?

मैं संबोधन से खेल दिवस पर भाषण शुरू करता हूं, फिर अपना परिचय देता हूं. उसके बाद राष्ट्रीय खेल दिवस के बारे में कुछ बात करता हूं.

बीच में मेजर ध्यानचंद के बारे में भी बात होती है. अंत में कोई एक संदेश देकर मैं अपना भाषण समाप्त करता हूं.

खेल दिवस का क्या महत्व है?

खेल हमे शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रखती है. इससे बहुत सारे लोगों को रोजगार भी मिलता है. उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर खिलाड़ी के साथ साथ उनके देश का नाम भी रौशन होता है. इस तरह से खेल दिवस का बहुत महत्व है.

 

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