विश्व विद्यार्थी दिवस पर निबंध | World Student's Day Essay In Hindi

प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई सारे दिवस मनाए जाते हैं. उन सब दिवसों में से विद्यार्थियों के लिए विश्व विद्यार्थी दिवस बहुत ख़ास है. तो आइए विस्तार से विश्व विद्यार्थी दिवस पर निबंध जानते हैं.

विश्व छात्र दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य होता है की लोग उसमें भी खासकर छात्र भारत के महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति डॉ अब्दुल कलाम आजाद के बारे में जानें और उनके जीवन से कुछ सीखें.

इस पोस्ट में हमलोग विस्तार से “विश्व विद्यार्थी दिवस पर निबंध ” जानेंगे. जिसके अंतर्गत विश्व छात्र दिवस कब मनाया जाता हैं, डॉक्टर अब्दुल कलाम आजाद की संक्षिप्त जीवनी, आदि भी जानेंगे. अंत में World Student’s Day Essay In Hindi से जुड़े कुछ FAQs भी देखेंगे.

विश्व विद्यार्थी दिवस पर निबंध

वर्ष 2010 में 15 अक्टूबर के दिन संयुक्त राष्ट्र के द्वारा दुनिया भर में विश्व विद्यार्थी दिवस मनाने की घोषणा की गई थी. यह तिथि इसलिए विशेष मानी गई क्योंकि क्योंकि इसी दिन हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर अब्दुल पाकिर जैनुलआब्दीन अब्दुल कलाम का जन्मदिन आता है.

संयुक्त राष्ट्र संगठन (UNO) के द्वारा 15 अक्टूबर के दिन अब्दुल कलाम के जन्म दिवस के मौके पर ही विश्व विद्यार्थी दिवस इसलिए मनाने की घोषणा की गई. ताकि अब्दुल कलाम जी के द्वारा साइंस और टेक्नोलॉजी में जो योगदान दिया गया था उसे याद किया जा सके.

विश्व विद्यार्थी दिवस को अंग्रेजी में वर्ल्ड स्टूडेंट डे कहा जाता है जिसका सेलिब्रेशन हर साल 15 अक्टूबर के दिन किया जाता है. अब्दुल कलाम जी का जन्म हमारे भारत देश में हुआ था जो बहुत ही बेहतरीन वैज्ञानिक और राजनेता होने के साथ ही साथ एक बहुत ही बेहतरीन शिक्षक भी थे. 

उनके अनमोल विचारों के लिए उनकी किताबों को पढ़ते हैं तथा उनके कहे गए भाषणों को आज भी लोग इंटरनेट पर सर्च करके सुनते हैं और उनसे तथा उनके विचारों से प्रेरणा ग्रहण करते हैं.

सभी विद्यार्थियों के मन में डॉक्टर अब्दुल कलाम की एक अलग ही छवि है. लोग अब्दुल कलाम जी को अपना आदर्श मानते हैं. भले ही उनका जन्म तमिलनाडु के एक छोटे से गांव में हुआ था परंतु अपनी मेहनत और अपने परिश्रम की बदौलत उन्होंने काफी बड़े-बड़े पद हासिल किए है.

साथ ही उन्होंने देश के राष्ट्रपति जैसे बड़े पद को भी ग्रहण किया. इन्हीं उपलब्धियों की वजह से उनका नाम देश और दुनिया में प्रसिद्ध हुआ और अब हर साल उनके नाम पर विश्व विद्यार्थी दिवस मनाया जाता है.

अपने जीवनकाल के दरमियान डॉक्टर अब्दुल कलाम आजाद जी सभी जाति, मजहब और संप्रदाय के विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत थे. एक विद्यार्थी होने के तौर पर डॉक्टर अब्दुल कलाम जी का जीवन भी काफी संघर्षपूर्ण था परंतु उन्होंने बिना घबराए हुए जिंदगी में आने वाली सभी कठिनाइयों के साथ ही सभी चुनौतियों का डटकर सामना किया और जिंदगी को अपने तरीके से जिया.

बाल्यवास्था में परिवार के भरण-पोषण के लिए अब्दुल कलाम जी घर घर जाकर अखबार भी बेचते थे. और आय अर्जित करते थे परंतु उन्होंने अपनी पढ़ाई से कभी भी समझौता नहीं किया और अपनी मजबूत इच्छाशक्ति की बदौलत उन्होंने जीवन में आने वाली कठिनाइयों को पार किया.

उन्होंने अपने जीवन के दरमियान विभिन्न पद प्राप्त किए साथ ही भारत के राष्ट्रपति के पद पर भी विराजमान होने में सफलता हासिल की, जो अपने आप में ही एक गौरव पूर्ण बात है.

डॉ कलाम जी ने अपने राजनीतिक और वैज्ञानिक जीवन के दरमियान भी अपने आप को एक विद्यार्थी के साथ ही साथ एक शिक्षक माना था. उन्हें विद्यार्थियों को संबोधित करना और विद्यार्थियों को प्रेरणा देना काफी अच्छा लगता था. फिर चाहे वह विद्यार्थी किसी बड़ी यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले विद्यार्थी हो या फिर किसी छोटे से गांव के प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थी हो.

उन्हें शिक्षा से इतना अधिक लगाव था कि उन्होंने अपने जीवन के दरमियान एक समय इंडियन गवर्नमेंट के वैज्ञानिक सलाहकार के पद को भी छोड़ दिया और शिक्षक के पद को ग्रहण किया.

World Student's Day Essay In Hindi
Students in uniform

World Student’s Day Essay In Hindi

हर साल विश्व विद्यार्थी दिवस 15 अक्टूबर के दिन धूमधाम से मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन हमारे भारत देश के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन अब्दुल कलाम जी का जन्म हुआ था.

जिंदगी में अब्दुल कलाम जी के द्वारा बहुत सारे छात्रों को मोटिवेशन दिया गया साथ ही उन्होंने विभिन्न विद्यार्थियों के वैज्ञानिक, एकेडमिक और आध्यात्मिक तरक्की पर भी ध्यान दिया और इसी दरमियान उन्होंने विभिन्न प्रकार की प्रेरणास्पद भाषण दिए.

तथा विभिन्न प्रेरणास्पद किताबें भी लिखी जिसे आज भी लोग इंटरनेट से या फिर दूसरी जगह से बड़े चाव से पढ़ते हैं और डॉक्टर अब्दुल कलाम जी के विचारों को नजदीक से जानने का प्रयास करते हैं.

आज भले ही अब्दुल कलाम जी हमारे बीच नहीं है परंतु उनके विचार और डॉक्टर अब्दुल कलाम आजाद द्वारा लिखी गई किताबें हमें अवश्य ही प्रेरणा देती है और जिंदगी में देश की तरक्की के लिए किस प्रकार से काम किया जाता है के बारे में सिखाती हैं.

विश्व विद्यार्थी दिवस को सेलिब्रेट करना हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण बात होती है क्योंकि विश्व विद्यार्थी दिवस से हमें विभिन्न प्रकार की चीजे जानने को और सीखने को मिलती है. खास तौर पर जो लोग एक विद्यार्थी के तौर पर स्कूल में पढ़ाई कर रहे हैं उनके लिए तो विश्व विद्यार्थी दिवस बहुत ही महत्वपूर्ण होता है.

क्योंकि विश्व विद्यार्थी दिवस अब्दुल कलाम जी के जन्म दिवस के तौर पर मनाया जाता है, जिससे हमें यह सीख प्राप्त होती है कि चाहे हमारी जिंदगी में कितनी भी परेशानियां क्यों ना आ जाए अथवा हमारी जिंदगी में कितनी भी चुनौतियां क्यों ना आ जाए, हमें हर समस्या और हर चुनौती को पार करते जाना चाहिए और लगातार अपने लक्ष्य की और आगे बढ़ते जाना चाहिए. ऐसा करने से निश्चित ही हमें हमारा लक्ष्य प्राप्त होता है, भले ही हमें थोड़ी सी देर क्यों ना हो जाए.

विश्व विद्यार्थी दिवस को हमारे देश के सभी प्राइवेट और गवर्नमेंट स्कूल में धूमधाम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है और इस दिन विभिन्न प्रकार के आयोजन किए जाते हैं. विश्व विद्यार्थी दिवस के दिन भारत के राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जी को याद किया जाता है और उनके विचारों को याद किया जाता है.

अब्दुल कलाम जी मानते थे कि किसी भी देश का भविष्य उस देश के छात्र ही होते हैं और अगर छात्रों की सही से देखभाल की जाए तो छात्र आगे चलकर के देश की तरक्की में भी बढ़-चढ़कर योगदान देंगे. साथ ही समाज में विभिन्न प्रकार के क्रांतिकारी परिवर्तन लाएंगे जो समाज के हित के लिए साथ ही साथ देश के हित के लिए भी बहुत ही महत्वपूर्ण होगा.

डॉक्टर अब्दुल कलाम जी शिक्षा को ही जीवन में तरक्की का साधन मानते थे. उनके अनुसार शिक्षा ग्रहण करके ही हम अपनी जिंदगी से गरीबी, कुपोषण और निरक्षरता जैसी समस्या से छुटकारा पा सकते हैं अथवा इन समस्याओं को दूर कर सकते हैं साथ ही समाज में सम्मान के साथ जी सकते हैं.

अब्दुल कलाम जी के विचार इतने सुंदर और सटीक थे कि विद्यार्थी उनके भाषणों को सुनते ही रह जाते थे. 

यहां तक तो कई बार विद्यार्थी उन्हें अधिक देर तक भाषण देने के लिए रोक लेते थे जो यह दर्शाता है कि वास्तव में अब्दुल कलाम जी अद्भुत प्रतिभा के धनी थे जिनके विचार लोगों के बीच गहरी छाप छोड़ते थे.

अब्दुल कलाम जी के जन्म दिवस के दिन मनाए जाने वाले विश्व विद्यार्थी दिवस के मौके पर विभिन्न स्कूलों में भाषण अथवा निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन करवाया जाता है, ताकि विद्यार्थियों को भी नजदीक से अब्दुल कलाम जी के विचारों को जानने का मौका मिले.

इसके साथ ही भारत के मिसाइल मैन के नाम से प्रसिद्ध डॉक्टर अब्दुल कलाम जी के सम्मान में 15 अक्टूबर के दिन देशभर में अलग-अलग जगह पर विज्ञान प्रदर्शनी का भी आयोजन करवाया जाता है, जिसमें विद्यार्थियों के द्वारा तथा अन्य लोगों के द्वारा बनाई गई नई नई टेक्निकल चीजें लोगों को अपनी निगाहों से देखने को प्राप्त होती हैं.

अपने जीवन काल के दरमियान तकरीबन 22 से भी ज्यादा पुरस्कार और सम्मान अब्दुल कलाम जी को विभिन्न संस्थाओं के द्वारा प्रदान किए गए थे. 

अब्दुल कलाम जी ने अपने सम्पूर्ण जीवन में तकरीबन 18 से भी अधिक किताबें लिखी थी जो कि साइंस, प्रेरणा और विद्यार्थियों के ऊपर आधारित थी. 

उन्होंने साल 1960 में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की. उसके पश्चात इन्हें भारत के पहले सेटेलाइट के लॉन्च में प्रोजेक्ट डायरेक्टर बनाया गया, साथ ही इन्हें साल 1981 में पद्म भूषण पुरस्कार, साल 1990 में पद्म विभूषण पुरस्कार तथा साल 1997 में भारत रत्न जैसे पुरस्कार प्राप्त हुए जो इनके लिए काफी गौरव की बात थी.

कलाम जी पर विद्यार्थी काफी ज्यादा भरोसा करते थे और उन्होंने भी विद्यार्थियों के प्रेम को देखते हुए राष्ट्रपति के पद से रिटायर होने के बाद देश के विभिन्न कॉलेज और एकेडमिक संस्थान में काफी शानदार भाषण दिए जिससे विद्यार्थी प्रेरित हो सके और वह अपनी मंजिल को और भी शिद्दत के साथ पाने का प्रयास करें. 

छात्रों के लिए कलाम जी इतना ज्यादा प्यार रखते थे कि उनकी जिंदगी का अंत भी छात्रों के लिए एक भाषण देने के दरमियान हीं हुआ.

विश्व विद्यार्थी दिवस के मौके पर हर साल अलग-अलग प्रकार की थीम लॉन्च की जाती है ताकि विद्यार्थियों के साथ ही साथ अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिल सके. 

काफी लोग यह भी चर्चा करते हैं कि हर साल विश्व विद्यार्थी दिवस को एक ही थीम के साथ मनाया जाए और हो सकता है कि भविष्य में ऐसा हो भी और दुनिया भर में एक ही थीम के ऊपर आधारित विश्व विद्यार्थी दिवस अर्थात वर्ल्ड स्टूडेंट डे को मनाए, जो लोगों के बीच जागरूकता ला सके और सामाजिक संदेश देने का काम करें.

हमारे देश के लिए अब्दुल कलाम जी एक महानायक है जिन्होंने देश को परमाणु संपन्न बनाने में अहम योगदान दिया. उन्होंने अपने जीवन काल के दरमियान जिस प्रकार की परेशानियों को झेला उसे झेलना हर व्यक्ति के बस की बात नहीं होती है.

अब्दुल कलाम जी के बारे में की गई चर्चा तब तक पूरी नहीं हो सकती है जब तक इनके धर्मनिरपेक्ष व्यक्तित्व की चर्चा नहीं की जाए, क्योंकि इन्होंने अपने संपूर्ण जीवन काल में सर्वधर्म सद्भाव की बात कर रहे थे.

उनके इसी स्वभाव की वजह से आज देश का हर धर्म, मत, मजहब, समुदाय का व्यक्ति डॉक्टर अब्दुल कलाम जी को सम्मान की निगाहों से देखता है और विश्व विद्यार्थी दिवस के मौके पर उन्हें याद करता है.

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विश्व विद्यार्थी दिवस पर निबंध – FAQs

प्रथम विश्व छात्र दिवस कब मनाया गया था?

प्रथम विश्व छात्र दिवस 15 अक्टूबर 2010 मनाया गया था.

विश्व विद्यार्थी दिवस किसकी याद में मनाया जाता है?

विश्व विद्यार्थी दिवस डॉक्टर अब्दुल कलाम आजाद की याद में मनाया जाता है.

15 अक्टूबर को हम क्या मनाते हैं?

15 अक्टूबर को हमलोग विश्व विद्यार्थी दिवस मनाते हैं.

विश्व विद्यार्थी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

विद्यार्थी दिवस प्रत्येक वर्ष 15 अक्टूबर को भारत रत्न डॉक्टर अब्दुल कलाम आजाद के जयंती के अवसर पर मनाया जाता है.

विश्व छात्र दिवस कैसे मनाया जाता है?

विश्व छात्र दिवस के अवसर पर स्कूल, कॉलेज सहित अन्य शिक्षण संस्थानों में भी निबंध लेखन, भाषण, आदि जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं, जिसमें डॉक्टर अब्दुल कलाम आजाद जी के जीवन पर प्रकाश डाला जाता हैं.

छात्रों के लिए अब्दुल कलाम ने क्या संदेश दिया?

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने छात्रों सहित देश के अन्य युवाओं को अलग तरह से सोचने और कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया.

“मेरा संदेश, विशेष रूप से युवाओं के लिए है कि अलग ढंग से सोचने का साहस रखें, आविष्कार करने का साहस रखें, नए रास्ते पर चलने का साहस रखें, असंभव की खोज करने का साहस रखें और समस्याओं पर विजय प्राप्त करके सफल हों.” ~ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम

एपीजे अब्दुल कलाम से हमें क्या शिक्षा मिलती है?

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन मेहनत, लगन और सकारात्मकता का प्रतीक है. उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से विज्ञान के क्षेत्र में अपना लोहा मनवाया और देश के राष्ट्रपति तक का सम्मान प्राप्त किया. यह सब करते हुए भी वे हमेशा सरल और सादगीपूर्ण जीवनशैली के पोषक रहे. उनका जीवन हमें यह शिक्षा देता है कि मेहनत और सकारात्मकता से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.

दूसरी ओर, अब्दुल कलाम ने हमेशा कुछ नया सीखने की ललक रखी. उन्होंने अपने जीवन भर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शोध (research) की. यह हमें शिक्षा देता है कि हमें भी निरंतर ज्ञानार्जन की भूख बनाए रखनी चाहिए और नई चीजें सीखकर अपने ज्ञान का दायरा बढ़ाते रहना चाहिए. उनकी यह शिक्षा आज के युवाओं के लिए बेहद प्रासंगिक है.

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