गणतंत्र दिवस जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे ही इसकी तैयारी जोर-शोर से बढ़ रही है. पूरा देश 26 जनवरी को इस अवसर का जश्न मनाने की तैयारी कर रहा है. कार्यालयों में सफाई चल रही है और बच्चे गणतंत्र दिवस पर भाषण देने की तैयारी कर रहे हैं.
स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय एवं कोचिंग संस्थान में इस गणतंत्र दिवस पर निबंध, नाटक, वाद-विवाद, चित्रकला, भाषण आदि आयोजित किया जाता है. जिसमें विद्यार्थी और शिक्षक दोनों ही भाग लेते हैं.
Republic Day Speech in Hindi for Students
आदरणीय सभापति महोदय, प्रधानाचार्य जी, उप प्रधानाचार्य जी, शिक्षक गण, दूरदराज से आए हुए अतिथि गण और यहां पर मौजूद मेरे सहपाठीयों. आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
मैं मोहम्मद सालेहुज्जमा 10वीं कक्षा का एक छात्र हूं और आज मुझे गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर दो शब्द बोलने का मौका दिया गया है. इसके लिए मैं आप सबका आभारी हूं.
दोस्तों, जैसा कि हम सभी लोगों को पता है कि आज गणतंत्र दिवस है, और इसी दिवस के उपलक्ष्य में हम लोग यहां पर उपस्थित हुए हैं. प्रतिवर्ष 26 जनवरी को यह गणतंत्र दिवस पूरे भारतवर्ष में आनंद और गर्व के साथ मनाया जाता है.
आप में से कुछ लोगों के मन में अभी ये सवाल आ रहा होगा कि आखिर 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है? तो आपको बता दें कि आज के ही दिन सन 1950 (26 जनवरी 1950) को भारत का संविधान लागू हुआ था. उसके बाद हिंदुस्तान को एक लोकतांत्रिक, संप्रभु तथा गणतंत्र देश घोषित किया गया. इसलिए 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है.
एक गणतंत्र देश बनने और इस भारत में कानूनी व्यवस्था स्थापित करने के लिए भारतीय संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया था.
भारत के संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी की तारीख को चुनने के पीछे कारण यह था कि 1930 में इसी दिन (26 जनवरी 1930) को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने हिंदुस्तान को पूर्ण स्वराज घोषित किया था.
संविधान निर्माण में कुल 22 समितियां थी. इन सभी समितियों में सबसे प्रमुख प्रारूप समिति (drafting committee) थी. इस समिति की स्थापना 29 अगस्त 1947 को की गई थी. ये समिति सबसे महत्वपूर्ण इसलिए थी के सम्पूर्ण संविधान लिखने की जिम्मेदारी इसी प्रारूप समिति की थी.
डॉ भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में इस प्रारूप समिति ने अपना काम शुरू किया. अध्यक्ष सहित इसमें कुल 7 सदस्य थे, जिसके नाम है: डॉ बी आर अंबेडकर (अध्यक्ष), अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर, कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी, एन गोपालस्वामी आयंगर, सैयद मोहम्मद सादुल्लाह (मुस्लिम लीग के प्रतिनिधि), एन माधवराव और डी पी खेतान.
संविधान निर्माण की प्रक्रिया में कुल 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन लगे थे. पूरे संविधान को बनाने में सबसे बड़ा योगदान डॉ भीमराव अंबेडकर का था इसलिए डॉ बी आर अंबेडकर को भारतीय संविधान के जनक के रूप में भी जाना जाता है.
नवनिर्मित संविधान में कुल 22 भाग, 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थी. जिसमें से अब अनुसूचियों की संख्या को बढ़ाकर 12 कर दिया गया है.
भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है. इसमें ब्रिटेन, यूएसए, कनाडा, आयरलैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, रूस तथा दक्षिण अफ्रीका के संविधान की बहुत सी अच्छी बातों को अपने इस संविधान में जगह दिया गया है.
26 जनवरी को पूरे देश भर में उत्साह रहती है लेकिन राजधानी दिल्ली सबसे बड़ा उत्सव केंद्र होता है. गणतंत्र दिवस समारोह पर भारत के राष्ट्रपति राजपथ पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं. फिर परेड होती है एवं विभिन्न राज्यों की प्रदर्शनी होती है.
इसी समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्वारा बहादुर सैनिकों एवं मुश्किल हालातों में हिम्मत दिखाने वाले बच्चों और आम नागरिकों को पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है.
शैक्षणिक संस्थानों के साथ-साथ सरकारी कार्यालयों में भी यह पर्व बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी एवं कोचिंग संस्थानों में इस दिन 26 जनवरी पर भाषण प्रतियोगिता, नृत्य, नाटक, वाद विवाद एवं गणतंत्र दिवस पर निबंध प्रतियोगिता आदि आयोजित की जाती है.
हमारा देश 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र, 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र तथा उसके बाद लोकतंत्र भी हो गया फिर भी इसके सामने बहुत सी चुनौतियां आज भी खड़ी है.
भ्रष्टाचार, गरीबी, संप्रदायिकता, खराब स्वास्थ्य सेवा, अनुचित एजुकेशन सिस्टम, आतंकवाद, नक्सलवाद, किसानों को फसलों का उचित मूल्य ना मिलना, पढ़े-लिखे युवाओं को रोजगार ना मिलना जैसी बहुत सी समस्या है जिस पर हमें खुद भी ध्यान देना होगा एवं सरकार का ध्यान भी इस ओर आकर्षित करना होगा.
इसी के साथ में अपनी वाणी को विराम देता हूं. जय हिंद!
गणतंत्र दिवस 2024 पर अध्यापकों के लिए भाषण
चूंकि गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय पर्व है. इसलिए ये पूरे देश भर के विभिन्न शैक्षणिक संस्थान, सरकारी कार्यालयों, निजी संगठनों आदि में भी उत्साह और गर्व के साथ मनाया जाता है.
विद्यार्थियों के अलावा शिक्षक, राजनेता किसी संगठन के अध्यक्ष आदि भी इस मौके पर भाषण देते हैं. उन सभी के लिए उसमें से भी खासकर 26 जनवरी पर अध्यापकों के लिए भाषण नीचे दिया जा रहा है.
आदरणीय प्रधानाचार्य जी, साथी शिक्षक, दूर-दराज से आए हुए अतिथिगण, यहां पर उपस्थित अभिभावक एवं प्यारे बच्चों. आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
मैं अपने आप को भाग्यशाली समझता हूं कि मुझे इस गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर अपनी बात रखने का मौका मिला. इसके लिए मैं आप सबका शुक्रगुजार हूं.
आज हमलोग एक गणतंत्र देश में रह रहे हैं. परंतु ये देश हमेशा से गणतंत्र नहीं था. गणतंत्र तो छोड़िए पहले तो ये देश स्वतंत्र भी नहीं था. इसे अंग्रेजों के चंगुल से आजाद करने के लिए बहुत सारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए.
महात्मा गांधी, डॉ राजेंद्र प्रसाद, पंडित जवाहरलाल नेहरू, चंद्रशेखर आजाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद, रानी लक्ष्मीबाई, सरदार वल्लभभाई पटेल, बाल गंगाधर तिलक, स्वामी विवेकानंद जैसे हजारों लोगों की कुर्बानी के बाद हमारा ये देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ. इसलिए प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है.
भारत को स्वतंत्र होने के बाद इसके सामने सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि भारत का एक अपना संविधान बनाया जाए. 26 जनवरी 1950 से पहले तक सरकार अधिनियम (1935) चलता था.
संविधान निर्माण के लिए कुल 22 समितियां गठित की गई थी, इसमें से सबसे प्रमुख प्रारूप समिति (drafting committee) थी. संपूर्ण संविधान निर्माण करने की जिम्मेदारी इसी प्रारूप समिति की थी.
इस ड्राफ्टिंग कमिटी की 29 अगस्त 1947 को स्थापना की गई थी. जिसमें कुल 7 सदस्य सदस्य थे, जिसके अध्यक्ष डॉ भीमराव अंबेडकर थे.
प्रारूप समिति ने 2 वर्ष, 11 महीने तथा 18 दिन में भारत का संविधान निर्माण करके 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद को सुपुर्द कर दिया. इसलिए प्रतिवर्ष 26 नवंबर 1949 को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है.
बहुत सारे सुधार और बदलाव के बाद 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा के 284 सदस्यों ने संविधान की दो हस्तलिखित कॉपीयों पर दस्तखत (signature) किए. ठीक इसके दो दिन बाद 26 जनवरी 1950 को ये संविधान पूरे देश में लागू हो गया. तब से प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है.
26 जनवरी के दिन पूरे देश में उत्सव मनाया जाता है. गणतंत्र दिवस का सबसे भव्य समारोह दिल्ली के राजपथ पर होता है. इस समारोह पर भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराते हैं. इसी के दौरान भारतीय सेना के परेड और विभिन्न राज्यों की प्रदर्शनी भी दिखाई जाती है.
शैक्षणिक संस्थानों के अलावा सरकारी कार्यालयों, निजी संगठन आदि में भी इस दिन बहुत खुशी का माहौल होता है, और विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं.
बहुत सी कुर्बानियों के बाद हमारा यह देश भारत आजाद हुआ तथा उसके बाद एक गणतंत्र राष्ट्र बना. अब हम लोगों की जिम्मेदारी है कि इस देश और इसके संविधान की सुरक्षा करें. यहां जो सामने बच्चे बैठे उनसे बस यही कहना चाहता हूं कि आप लोग पढ़ लिखकर एक महान आदमी बने और अपने देश का नाम खूब रौशन करें.
अपने इस भाषण को समाप्त करने से पहले आप सभी को शुक्रिया अदा करना चाहता हूं कि आपने हमें इस गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर अपनी बात रखने का मौका दिया. जय हिंद.
Short Speech on Republic Day in Hindi
आप अगर गणतंत्र दिवस पर छोटा भाषण देना चाहते हैं, तो नीचे दिया गया भाषण दे सकते हैं.
आदरणीय प्रधानाचार्य जी, शिक्षक गण, अतिथि गण और यहां पर मौजूद मेरे साथियों आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
मैं मो. सालेहुज्जमा 12वीं कक्षा का एक विद्यार्थी हूं, और आज मुझे इस गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर दो शब्द बोलने का मौका दिया गया है. इसके लिए मैं आप सब का शुक्रिया अदा करता हूं.
आज ही के दिन 1950 (26 जनवरी 1950) को भारत का संविधान लागू हुआ था. इसी के उपलक्ष में प्रतिवर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है.
26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस के समारोह पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है. फिर भारत के तीनों (जल, थल एवं वायु) सेना द्वारा पपरेड एवं विभिन्न राज्यों की प्रदर्शनी दिखाई जाती है.
इसके अलावा स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, कोचिंग संस्थान, सरकारी कार्यालय, रेलवे स्टेशन, आंगनवाड़ी, चौक-चौराहे आदि पर भी वहां के प्रमुख द्वारा तिरंगा फहराया जाता है.
एक छात्र होने के नाते हम सब की जिम्मेदारी है कि ईमानदारी से अपनी पढ़ाई पूरी करें और पढ़ लिखकर एक कामयाब इंसान बने. अगर हम कामयाब रहेंगे तभी देश के भी अच्छे से काम आ पाएंगे.
हमें अपने पाठ्यक्रम के साथ-साथ भारत का संविधान भी पढ़ना चाहिए. ताकि हम अपने अधिकार, कर्तव्य और कुछ जरूरी कानून से परिचित हो सके. इसके अलावा हमें अपने संविधान को सुरक्षित रखने के लिए हर मुमकिन कोशिश भी करनी चाहिए.
इसी के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं. जय हिंद.
26 जनवरी पर शायरी
26 जनवरी/ गणतंत्र दिवस पर 10 शानदार शायरी नीचे दिया जा रहा है.
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा
हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलसिताँ हमारा
~ अल्लामा इक़बाल
दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त, मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी
~ लाल चन्द फ़लक
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है
~ बिस्मिल अज़ीमाबादी
इसी जगह इसी दिन तो हुआ था ये एलान, अँधेरे हार गए ज़िंदाबाद हिन्दोस्तान
~ जावेद अख़्तर
तुम तरस नहीं खाते बस्तियाँ जलाने में, लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में.
हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैं, उम्र बीत जाती है दिल को दिल बनाने में.
~ बशीर बद्र
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गणतंत्र दिवस पर दिए इन शायरी को जब आप अपने भाषण के दौरान बोलेंगे तो ये रिपब्लिक डे शायरी आपके भाषण में और भी जान डाल देगा.
Republic Day Speech in Hindi 10 Lines
26 जनवरी का भाषण 10 लाइन में नीचे दिया जा रहा है:
- मंच पर उपस्थित सभी गणमान्य लोगों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
- 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है.
- स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती की तरह गणतंत्र दिवस भी एक राष्ट्रीय पर्व है.
- आज ही के दिन 1950 (26 जनवरी 1950) को भारत में संविधान लागू हुआ था.
- डॉ भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता वाली प्रारूप समिति ने 2 वर्ष, 11 माह और 18 दिन में भारत का संविधान निर्माण किया.
- इस नवनिर्मित संविधान में कुल 22 भाग, 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थी जिसमें से अब अनुसूचियों की संख्या को बढ़ाकर 12 कर दिया गया है.
- गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान भारत के राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है.
- स्कूल, कॉलेज, सरकारी कार्यालय, आदि में भी वहां के प्रमुख द्वारा झंडा फहराया जाता है तथा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
- हम सब को संविधान की सुरक्षा के लिए हर मुमकिन कोशिश करनी चाहिए.
- इसी के साथ में अपनी वाणी को विराम देता हूं. जय हिन्द.
26 जनवरी पर भाषण कैसे दें?
26 जनवरी पर एक अच्छा भाषण देने के लिए कुछ प्रमुख टिप्स निम्नलिखित हैं:
- गणतंत्र दिवस और इस बार के गणतंत्र दिवस समारोह के बारे में अच्छे से जानकारी इकट्ठा कर लें.
- आप किसके सामने भाषण देने जाने वाले हैं उसी हिसाब से अपना भाषण तैयार करें.
- 26 जनवरी पर भाषण देने जाने से पहले खूब प्रैक्टिस कर लें.
- मंच पर पहुंचकर घबराए, नहीं बल्कि खुद को सामान्य बनाए रखें.
- भाषण के शुरू में सबका अभिवादन करें.
- आप किसी शायरी से भी अपने भाषण की शुरुआत कर सकते है, फिर उसके बाद सब का अभिवादन करें
- अपने भाषण के दौरान गणतंत्र दिवस का परिचय (introduction of republic day) और गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है (why do we celebrate republic day) जरूर बताएं.
- इस भाषण के दौरान भारतीय गणतंत्र से जुड़ी प्रमुख समस्या और उसके समाधान पर जरूर बात करें.
- हाव भाव के साथ भाषण दें तथा पूरे भाषण के दौरान अपनी उर्जा को बनाए रखें.
- अंत में सबका धन्यवाद करें तथा “जय हिंद, जय भारत” के नारे के साथ अपने 26 जनवरी पर दिए गए भाषण को समाप्त करें.
उम्मीद है कि आपको ये गणतंत्र दिवस पर भाषण पसंद आया होगा. अगर आपका Republic Day Speech in Hindi से जुड़ा कोई प्रश्न है तो कृपया कॉमेंट में जरूर पूछें एवं इस पोस्ट को अपने सहपाठियों के साथ शेयर करें.
Republic Day Speech से संबंधित प्रश्न (FAQs)
पहली बार गणतंत्र दिवस कब मनाया गया था?
पहली बार गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को मनाया गया था.
74वें गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि कौन थे?
74वें गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सिसी थे.
भारत में संविधान लागू कब हुआ था?
भारत में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ था.
प्रथम गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति कौन थे?
प्रथम गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद थे.
गणतंत्र दिवस पर आयोजित भव्य परेड की सलामी कौन लेता है?
गणतंत्र दिवस पर आयोजित भव्य परेड की सलामी भारत के वर्तमान राष्ट्रपति लेते हैं.
गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर अमर जवान ज्योति (राष्ट्रीय युद्ध स्मारक) पर पुष्प चक्र किसके द्वारा चढ़ाया जाता है?
गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर अमर जवान ज्योति (राष्ट्रीय युद्ध स्मारक) पर पुष्प चक्र (ringlet) भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री द्वारा चढ़ाया जाता है.
राजीव गांधी ने किस वर्ष स्वतंत्रता दिवस के बदले गणतंत्र दिवस का प्रयोग अपने भाषण में किया था?
राजीव गांधी ने 1986 में स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में गलती से स्वतंत्रता दिवस के बदले गणतंत्र दिवस का प्रयोग किए थे.
भारत देश में गणतंत्र दिवस के अलावा किन-किन दिनों को राष्ट्रीय पर्व मनाया जाता है?
भारत देश में गणतंत्र दिवस के अलावा स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती को राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाया जाता है.
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