लगभग सभी लोगों का सपना होता है कि उनके विचार या उनकी रचनात्मकता ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे, और इनको पहुंचाने का बहुत ही पुराना एवं अच्छा तरीका हैं किताब लिखकर. तो आइए विस्तार से जानते हैं कि Book kaise likhe?
आपने भी जरूर बहुत सारी अलग-अलग किताबें पढ़ी होगी. चाहे वह कविता की किताब हो, कहानी की हो, नॉवेल हो, ज्ञानवर्धक किताब हो या फिर किसी की जीवनी हो. इन किताबों को पढ़कर हो सकता है की आपके मन में भी ये इच्छा जागी होगी की अपना एक किताब लिखें, और दिमाग में ये सवाल घूम रहा होगा कि अपनी किताब कैसे लिखें (How to write a book in hindi step by step for beginners)?
आप भी अगर अपनी पुस्तक लिखना चाहते हैं, तो इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें. इसमें किताब लिखने से पहले की प्रक्रिया से लेकर किताब लिखने के बाद तक की प्रक्रिया बताई गई हैं. अगर आप नीचे बताए गए 15 चरणों (steps) का अच्छे से पालन करते हैं तो आप भी जरूर एक अच्छी किताब लिख पाएंगे.
इन 15 चरणों का पालन कर अपनी किताब लिखें
1. ये स्पष्ट रखें कि आप किताब क्यों लिखना चाहते हैं?
आपको शुरू से ही यह सपष्ट होना चाहिए कि आप क्यों किताब लिखना चाहते है? यानी की आपको अपनी किताब लिखने का कारण अच्छे से पता होना चाहिए.
आपका किताब लिखने का निम्नलिखित प्रमुख कारणों में से कोई एक या एक से अधिक कारण हो सकते हैं:
- अपने विचार और ज्ञान को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए
- पैसा कमाने के लिए
- आपके पास कोई कविता या कहानी हो जिसे आप दूसरों को बताना चाहते हैं
- अपना अनुभव साझा करने के लिए
- किसी भी विषय में अपना सिक्का जमाने (authority) के लिए
इनमें से कोई भी कारण सही या ग़लत नहीं है. बस आपके पास एक ठोस कारण होना चाहिए. यहीं कारण आपको किताब लिखने के पूरे सफर में ऊर्जा देगा.
2. किताब लिखने के लिए स्थान चुनें
Apni book kaise likhe? से भी पहले ये तय करें कि आप अपनी किताब कहां पर बैठ कर लिखेंगे? ये जगह आपका घर हो सकता है, ऑफिस हो सकता है या कोई कॉफी शॉप हो सकता है.
ज्यादातर लेखक को शांत जगह पसंद होती हैं. वे वहां आसानी से लिख पाते हैं, तो वहीं कई लेखक को हल्के शोरगुल में लिखने में मजा आता है.
चूंकि अधिकतर लेखक घर से ही अपनी किताब लिखते हैं, तो अगर आपका इरादा भी घर से ही अपनी पुस्तक लिखने का हैं तो निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें :
- अगर संभव हो तो अपने लिए एक अलग कमरा चुन लें
- कोशिश करें की आप जो जगह चुने हो वहां शोरगुल न हो या कम हो
- अपने रूम में एक मेज और एक घुमावदार कुर्सी रखें
- ये सुनिश्चित करें कि आपकी कुर्सी आरामदायक हो
- लिखने की जगह हमेशा साफ सुथरा रखें
- अपने कमरे कि दीवारों पर कुछ प्रेरणादायक विचार (motivational quotes) लिख लें
अगर आप इन सभी बातों का ध्यान रखेंगे तो आपको लिखने में बहुत सुविधा होगी.
3. लिखने के दौरान काम में आने वाली सभी चीजों की व्यवस्था कर लें
क्या आप बिना ईंट, सिमेंट और बालू के घर बना सकते हैं? शायद बना भी लें (लकड़ी का घर).
अब मजाक से हटकर!
किसी भी चीज को बनाने के लिए उनसे जुड़ी आधारभूत (basic) चीजें जरूरी होती हैं. यही बुक लिखने पर भी लागू होता है. लिखने के लिए कई सारी राइटिंग सॉफ्टवेयर (word processor) मौजुद है, लेकिन ज्यादातर लेखक पहले पेपर पर लिखते है, फिर राइटिंग सॉफ्टवेयर में टाइप करते हैं.
पेपर पर लिखने की मुख्य वजहें ये है कि लिखने के दौरान अच्छे-अच्छे विचार आते हैं, फ्री होकर लिख पाते हैं, विकर्षण (distraction) कम होता है, और आंखों को आराम मिलता है.
पेपर पर लिखने के दौरान आपको निम्नलिखित चीजों की जरुरत पड़ सकती है :
- पेपर
- पेंसिल
- रबड़
- कटर (sharpener)
- पेपर क्लिप
- घड़ी
- पेंसिल होल्डर
- स्टेपलर
- हाई लाइटर, आदि
चूंकि पब्लिशर के पास आपको अपनी किताब वर्ड फाइल में भेजनी होती है, इसलिए आपको पेपर पर लिखने के बाद उसे राइटिंग सॉफ्टवेयर में टाइप करना होगा (आगे जानेंगे की किताब कैसे छपवाएं?).
ऑनलाइन कई सारे फ्री और पेड राइटिंग सॉफ्टवेयर मौजूद हैं, जिनमें निम्नलिखित प्रमुख हैं :
- Google Docs
- Scrivener
- Microsoft Word
राइटिंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने के लिए आपके पास कंप्यूटर, लैपटॉप या कम से कम स्मार्टफोन तो होना ही चाहिए.
4. लिखने का समय तय कर लें
किसी भी काम को रूटीन बना कर करना आसान होता है. इससे आपका दिमाग पहले से उस काम को करने के लिए तैयार होता है. आप अपने काम पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर पाते है.
अपने सुविधानुसार लिखने का एक समय निर्धारित कर लें, और कोशिश करें कि रोज उसी समय लिखने बैठें. ऐसा करने से ये प्रक्रिया धीरे-धीरे आपकी आदत बन जाएगी और लिखना आपके लिए आसान हो जाएगा.
कई लोग कहते हैं कि उनको लिखने का समय ही नहीं मिलता है, पूरा दिन वह व्यस्त ही रहते हैं. अगर आपके साथ भी ये समस्या है तो अपने पूरे दिन के कार्यक्रम को अच्छे से देखें. अपनी दिनचर्या में से जो चीज ज्यादा जरूरी नहीं है, उनको छोड़ दे या उनको कम समय दें.
5. किताब के विषय से जुड़ा शोध (research) करें
चाहे आप फिक्शन (कहानी, नॉवेल) लिख रहे हो या नॉन फिक्शन (गाइड, अनुभव) दोनों ही तरह के किताब को लिखने से पहले आपको उससे जुड़ी शोध करनी चाहिए.
अपने किताब में सही डाटा, तथ्य (fact), ऐतिहासिक घटना और नई-नई चीजों के नाम डालकर, उसे जानदार और विश्वसनीय बना सकते हैं.
इसके अलावा मार्केट में पता करें कि आपके विषय से जुड़ी कौन-कौन सी बेस्ट सेलर किताबें मौजूद हैं. आप उनसे अलग और अच्छे तरीके से लिखने का प्रयास करें.
6. रूपरेखा (outline) तैयार करें
अब असल में आते है की book kaise likhe? यहां से लिखने का काम शुरु होता है.
जिस तरह जब आप कोई बड़ा काम करने का इरादा करते हैं तो उससे पहले योजना बनाते हैं. जैसे इनमें से कौन काम पहले करना है, कौन बाद में, आदि. ठीक इसी तरह किताब लिखने से पहले भी आपको अपनी किताब की रूपरेखा तैयार करनी होगी.
रूपरेखा में आपको लिखना होता है कि अपनी किताब में कितना अध्याय (chapter) रखेंगे, इन अध्यायों का क्रम (sequence) क्या होगा, और किन – किन चीजों का जिक्र करेंगे. अच्छे से बनाई गई एक रूपरेखा आपके लिखने का रास्ता साफ करता है, यानी की आपको अपनी किताब में क्या-क्या लिखना है ये मोटा-मोटी आपको पता होता है.
रूपरेखा बनाने से किताब लिखना बहुत आसान हो जाता है.
7. जोरदार शुरूआत करें
आपने अंग्रेजी की ये मशहूर पंक्ति तो सुने ही होंगे की
ये चीज यहां भी लागू होती हैं. आपके किताब की शुरुआत जबरदस्त होनी चाहिए.
आपके किताब की शुरुआत ऐसी होनी चाहिए की पाठक को आगे पढ़ने के लिए मजबूर कर दें, न की ऐसा की पाठक शुरू में ही ऊब जाए और आगे पढ़ें ही न.
ज्यादातर लेखक अपने किताब की शुरुआत एक चौंका देने वाले वाक्य से करते हैं, जिससे पाठक के अंदर उसके सच को जानने की जिज्ञासा आ जाती है और वह पूरा किताब पढ़ लेते हैं.
8. अपने पाठक को ध्यान में रखते हुए लिखें
जिस तरह किसी भी समान (product) की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि उसके उपयोगकर्ता उससे कितना संतुष्ट हैं. ठीक इसी तरह एक किताब की कामयाबी उनके पाठक की संतुष्टि से मापा जाता है.
आपकी किताब से आपके पाठक तभी संतुष्ट होंगे जब आप अपनी किताब को उनके नजरिए से देख कर लिखेंगे. उनके पसंद और नापसंद का ध्यान रख कर लिखेंगे.
9. अपनी वाणी (voice) में लिखें
सबका लिखने का अपना-अपना अंदाज होता है. आप अपने अंदाज में लिखें. किसी का नकल न करें और ये बात हमेशा याद रखें कि,
हां, आप प्रेरणा और ज्ञान बढ़ाने के लिए अपने विषय से जुड़े अन्य लेखक की किताब पढ़ें, लेकिन सिर्फ उसी विषय का किताब ना पढ़े. सिर्फ उसी विषय की किताब पढ़ने से संभावना है की आपके किताब में भी उसकी झलक आ जाएगी.
10. मुद्दे से न भटकें
6ठें चरण में जो आपने अपनी किताब का रूपरेखा बनाए थे वह बहुत हद तक आपको पुस्तक के विषय से बांध कर रखेगा. विषय से भटकने नहीं देगा.
फिर भी कुछ लेखक (खासकर नए लेखक) लिखते समय किसी एक घटना को लेकर भावनाओं में बह जाते है, और किताब के विषय से हटकर किसी अन्य घटना का विस्तार से वर्णन करने लग जाते हैं.
जैसे आपके किताब में प्रथम विश्व युद्ध का जिक्र आ रहा है. तो उसे अपने किताब के विषय के नजरिए से जिक्र करें और जितना जरूरी हो उतना ही उस घटना की व्याख्या करें.
अन्य घटनाओं का विस्तार से व्याख्या करने से आपकी किताब अनावश्यक लंबी हो जाएगी और पाठक का पढ़ने के दौरान आगे पढ़ने का जिज्ञासा भी कम हो सकता है.
11. संपादन (editing) की चिंता किए बिना लिखें
लिखना और संपादन करना, दोनों अलग-अलग काम है. अगर आप दोनों एक साथ करेंगे तो परेशान हो जाएंगे और आपके लिखने की गति भी धीमी हो जाएगी.
कुछ लेखक चाहते है कि उनका लेख शुरू से ही एकदम सही हो, किसी तरह की कोई गलती न हो. ये लगभग नामुमकिन है.
अभी से ज्यादा ये ना सोचें की बहुत अच्छी book kaise likhe? बस अपने किताब से जुड़ा हुआ जो भी विचार आपके दिमाग में आ रहा है, पहले उसे बिना संपादन की चिंता किए हुए लिखते चले जाएं. बाद में उसे संपादन करें.
अगर आपको किताब लिखने में दिक्कत आ रही हो तो, आप शुरुआत में अपनी किताब लिखने से पहले कुछ संक्षिप्त इबुक लिख कर उसे पब्लिश कर सकते है.
12. अंत (ending) भी शानदार होनी चाहिए
ये हिंदी की कहावत तो आपको याद ही होगी के
जिस तरह आपने अपनी किताब की जबरदस्त शुरुआत की थी उसी प्रकार अंत भी शानदार होनी चाहिए.
अपनी किताब का अंत इस तरह करें की जो संदेश या कहानी आप अपने पाठक तक पहुंचाना चाहते थे, वह अच्छे से पहुंचा पाए. ऐसा न हो की पाठक आपकी पूरी किताब पढ़ कर खुद को ठगा हुआ महसूस करें.
किताब को जल्दी पूरा करने की हड़बड़ी से बचें.
13. संपादन (editing) करें
अब आपकी किताब पूरी हो चुकी है, लेकिन अभी से ये नहीं सोचना है की पुस्तक कैसे प्रकाशित कराए? किताब को प्रकाशित कराने से पहले आपको अपनी पुस्तक को संपादित करना होगा.
संपादन करते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान दें :
- वर्तनी (spelling) की गलती को सुधारें
- व्याकरण की गलती को सुधारें
- अटपटे शब्द की जगह उपयुक्त शब्द लिखें
- अपने वाक्य में से फालतू शब्दों को हटा दें. जैसे उसने अपने दिमाग में सोचा (तो भाई और कहां सोचेगा)
अगर आपको खुद से संपादन करने में दिक्कत आ रही है तो किसी अच्छे संपादक (editor) को हायर करें. कई बार लोगों को अपने लेख में गलती नही मिलती है पर एडिटर साहब गलती निकाल देते हैं.
हां, और संपादन होने के बाद अपनी किताब को अच्छे से फॉर्मेट करना ना भूलें.
14. आकर्षक आवरण (cover) बनाए
अंग्रेजी की एक कहावत है की “डू नॉट जज ए बुक बाय इट्स कवर” लेकिन ज्यादातर लोग ऐसा ही करते है, और मार्केट का एक नियम भी है की,
“जो दिखता है वही बिकता है”
आपको अपनी किताब का आकर्षित आवरण बनाना चाहिए जो पाठक का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करे.
इस तरह से आप एक अच्छा आवरण बना सकते हैं :
- शीर्षक (title) संक्षेप में और बड़े अक्षर में लिखें
- एक आकर्षक चित्र लगाए
- किताब किस बारे में है संक्षेप में वर्णन करें
- आवरण में आकर्षक रंगों का उपयोग करें
खुद से अगर आकर्षक आवरण बनाने में दिक्कत आ रही हो तो किसी अच्छे ग्राफिक डिजाइनर से बनवा लें. आपको फ्रीलांस प्लेटफार्म पर भी बहुत सारे ग्राफिक डिजाइनर मिल जाएंगे.
15. किताब को प्रकाशित करें
आप पूरी किताब लिख चुके है, संपादन भी कर लिए है, और एक आकर्षक कवर भी बन गया है. अब आते हैं की पुस्तक कैसे प्रकाशित कराएं?
आपके पास अपनी किताब को प्रकाशित करने का दो रास्ता है :
- पारंपरिक प्रकाशन (Traditional Publishing)
- खुद से प्रकाशन (Self Publishing)
ट्रेडिशनल पब्लिशिंग में किताब के प्रकाशन से जुड़ा सारा काम (जैसे एडिटिंग, प्रूफ रीडिंग, प्रोमोशन, प्रचार, आदि) वह (पब्लिशिंग हाउस) खुद करते हैं. आपको किताब की बिक्री होने पर रॉयल्टी दिया जाता है.
सेल्फ पब्लिशिंग में जैसा के नाम से ही प्रतीत होता है की इसमें किताब के प्रकाशन से जुड़ा सारा इंतेजाम आपको खुद करना होता हैं.
दो तरीके से आप अपनी किताब को सेल्फ पब्लिश कर सकते हैं, जिसमें पहला है ऑफलाइन यानी अपनी किताब के प्रकाशन का सारा इंतेजाम खुद करके और दूसरा है ऑनलाइन.
ऑनलाइन कई सारी वेबसाइट है जहां आप अपनी पुस्तक को पब्लिश कर सकते हैं, जिनमें सबसे मशहूर है Amazon Kindle Direct Publishing.
Amazon KDP पर बहुत ही आसानी से मुफ्त में अपने किताब का प्रकाशन कर सकते है. किताब बिक्री होने पर आपको रॉयल्टी दी जाएगी.
उम्मीद है की अब आपको अच्छे से मालूम हो गया होगा कि apni book kaise likhe? अगर किताब लिखने से जुड़ा कोई प्रश्न है तो कृपया कॉमेंट में जरूर पूछें. जो लोग अपनी किताब लिखना चाहते है उनको ये पोस्ट जरूर शेयर करें.
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किताब लिखने और प्रकाशित करने से संबंधित प्रश्न
अपनी किताब कैसे बेचें?
आप अपनी किताब अपने वेबसाइट, ब्लॉग, यूट्यूब चैनल और अपने अन्य सोशल मीडिया हैंडल के जरिए बेच सकते है. इसके अलावा Amazon, Flipkart, Kitabay, आदि जैसी ऑनलाइन प्लेटफार्म भी आपके किताब बेचने के लिए एक अच्छी जगह है.
अगर आपकी किताब शिक्षा से संबंधित है तो इसे स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान में विजिट करके भी बेच सकते है, ये सब करने के साथ-साथ अपने नजदीकी बुक स्टोर पर भी अपनी किताब बेचवाने का तरीका ढूंढे.
पुस्तक प्रकाशन की प्रक्रिया क्या होती है?
पुस्तक प्रकाशन की प्रक्रिया में पहला चरण लेखन का होता है जिसमें लेखक पुस्तक का प्रारूप (draft) तैयार करता है. इसके बाद संपादन (editing) का कार्य किया जाता है ताकि भाषा, वर्तनी और शैली में सुधार हो सके.
तीसरा चरण डिज़ाइन का होता है जिसमें पुस्तक के कवर, फॉन्ट और लेआउट का चयन किया जाता है. चौथे चरण में छपाई किया जाता है और पांचवें चरण में मार्केटिंग और वितरण किया जाता है। अंत में, छठे चरण में पुस्तक का प्रकाशन (publish) कर उपलब्ध कराया जाता है.
इस पूरी प्रक्रिया में कई महीने या वर्ष लग सकते हैं और कुछ पब्लिशर के यहां प्रकाशन की प्रक्रिया अलग हो सकती है.
अपने किताब की प्रस्तावना कैसे लिखें?
अपने किताब की प्रस्तावना की शुरुआत किताब का विषय और उद्देश्य स्पष्ट रूप से बता कर करनी चाहिए. फिर पाठकों को किताब की पृष्ठभूमि और महत्व के बारे में जानकारी देनी चाहिए.
इसके बाद किताब की सामग्री और अध्यायों का संक्षिप्त परिचय देना चाहिए. फिर लेखक का इस विषय पर किताब लिखने के कारण सहित उसका परिचय देना चाहिए. इसके साथ ही इस किताब के फायदे बताकर पाठकों को पढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहिए. अंत में, पाठकों का धन्यवाद करना चाहिए.
Apni Book publish kaise kare?
बुक पब्लिश करने का सबसे प्रचलित और अच्छा तरीका है ट्रेडिशनल पब्लिशिंग. परंतु इस माध्यम से बुक पब्लिश कराना बहुत मुश्किल होता है और समय भी इसमें ज्यादा लगता है.
इसलिए आप अपनी पहली बुक पब्लिश कराने के लिए सेल्फ पब्लिशिंग का सहारा ले सकते है. किंडल डायरेक्ट पब्लिशिंग (Amazon KDP), Blue Rose Publishers, Notion press, आदि भारत के प्रमुख सेल्फ पब्लिशिंग कंपनी है.
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