राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मुख्य बिंदु | NEP 2020 Key Points PDF

यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, 21वीं शताब्दी की पहली शिक्षा नीति है। इससे पहले 1986 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति थी, जिसे 1992 मे संशोधित किया गया था। तो आइए विस्तार से इस नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मुख्य बिंदु (NEP 2020 Key Points in Hindi) जानते हैं.

नई शिक्षा नीति 2020 के तहत वर्ष 2030 तक सकल नामांकन अनुपात (Gross Enprolment RatioGER) को शत प्रतिशत (100%) लाने का और केंद्र व राज्य सरकार के सहयोग से शिक्षा के क्षेत्र पर जीडीपी के 6% हिस्से के सार्वजनिक व्यय का लक्ष्य रखा गया है।

इस National Education Policy 2020 के घोषणा के साथ ही मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय (Human Resource Management Department-HRMD) का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय (Education Department-ED) कर दिया गया है।

Nayi Siksha Niti 2020 Key Points
New Education Policy – NEP 2020

इस पोस्ट में हमलोग राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मुख्य बिंदु जानेंगे. जिसके अंतर्गत स्कूली शिक्षा और उच्चतर शिक्षा के संदर्भ में New Education Policy 2020 Key Points in Hindi जानेंगे. अंत में इस नई शिक्षा नीति से जुड़े कुछ सवाल-जवाब (FAQs) भी देखेंगे. तो इस पोस्ट को अंत तक अवश्य पढ़ें.


स्कूली शिक्षा के संदर्भ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मुख्य बिंदु

स्कूली शिक्षा के लिए शैक्षणिक ढांचे और पाठ्यक्रम रूपरेखा एक 5+3+3+4 डिज़ाइन से होगी। जिसके तहत क्रमशः

  1. फाउंडेशनल स्टेज (Foundational Stage): आंगनवाड़ी/प्री-स्कूल के 3 साल + प्राथमिक के 2 साल (कक्षा 1-2) 3 से 8 वर्ष के बच्चों सहित।
  2. प्रीपरेटरी स्टेज (preparatory stage): 3 साल (कक्षा 3-5) 8 से 11 वर्ष के बच्चों सहित।
  3. मिडिल स्कूल स्टेज (middle school stage): 3 साल (कक्षा 6-8) 11 से 14 वर्ष के बच्चों सहित।
  4. सेकेंड्री स्टेज (secondary stage): 4 साल (कक्षा 9-12) 14 से 18 वर्ष के बच्चों सहित ( 2 फेज में, यानी पहले फेज मे कक्षा 9 और 10 और दूसरे फेज में 11 और 12)।
Curricular Structure of New Education Policy 2020
Curricular Structure of New Education Policy 2020

द डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर फॉर नॉलेज शेयरिंग (DIKSHA) पर बुनियादी साक्षरता और संख्या-ज्ञान पर उच्चतर-गुणवत्ता वाले संसाधनों का एक राष्ट्रीय भंडार उपलब्ध कराया जाएगा।

पाठयक्रम के विषय-वस्तु को प्रत्येक विषय में कम करके इसे बेहद बुनियादी चीज़ों पर केन्द्रित किया जाएगा।

विद्यार्थियों को विशेष रूप से माध्यमिक विद्यालय में अध्ययन करने के लिए अधिक लचीलापन और विषयों के चुनाव के विकल्प दिए जाएंगे. इनमें शारीरिक शिक्षा, कला और शिल्प तथा व्यावसायिक विषय भी शामिल होंगे।

नई शिक्षा नीति 2020 में त्रि-भाषा फ़ॉर्मूले को लागू किया जाएगा। 3 भाषाओं के विकल्प राज्यों, क्षेत्रों और निश्चित रूप से छात्रों के स्वयं के होंगे, जिनमें से कम से कम 3 मे 2 भारतीय भाषाएं हो।

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विद्यार्थियों को कम उम्र में ‘सही को करने’ के महत्व को सिखाया जाएगा और नैतिक निर्णय लेने के लिए एक तार्किक ढाँचा दिया जाएगा।

स्कूल शिक्षा के लिए एक नया और व्यापक राष्ट्रीय पठचर्या रूपरेखा एनसीएफएसई ( National Curriculum Framework For School Education-NCFSE) 2020-21 तैयार किया जाएगा और इसे सभी क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा।

प्रस्तावित राष्ट्रीय आकलन केंद्र, एनसीईआरटी (National Council Of Educational Research and Training) और एससीईआरटी ( State Council Of Educational Research and Training-SCERT) के मार्गदर्शन में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा सभी विद्यार्थियों के स्कूल आधारित आकलन के आधार पर तैयार होने वाले और अभिभावक को दिए जाने वाले प्रगति कार्ड को पुरी तरह से नया स्वरूप दिया जायेगा।

नई शिक्षा नीति 2020 के प्रमुख बिंदु



यह प्रगति कार्ड एक समग्र, 360-डिग्री, बहु-आयामी कार्ड होगा जिसमें प्रत्येक विद्यार्थी के संज्ञानात्मक, भावात्मक, साइकोमोटर डोमेन में विकास का बारीकी से किये गए विश्लेषण का विस्तृत विवरण, विद्यार्थियों की विशिष्टताओं समेत दिया जाएगा।

इसमें स्व-मूल्यांकन, सहपाठी मूल्यांकन, प्रोजेक्ट कार्य और खोज-आधारित अध्ययन में प्रदर्शन, क्विज, रोल प्ले, समूह कार्य, पोर्टफोलियो आदि शिक्षक मूल्यांकन सहित शामिल होगा।

एमएचआरडी ( Ministry Of Human Resource Department-MHRD) के तहत एक मानक-निर्धारक निकाय के रूप में एक राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र (National Assessment Centre-NAS) परख (Performance Assessment, Review, and Analysis of Knowledge for Holistic Development-PARAKH) स्थापित किए जाने का प्रस्ताव है.

PARAKH भारत के सभी मान्यता प्राप्त स्कूल बोर्डों के लिए विद्यार्थी आकलन एवं मूल्यांकन के लिए मानदंड, मानक और दिशनिर्देश बनाने जैसे मूल उद्देश्यों को पूरा करेगा।

शिक्षकों को ऐसी शिक्षण विधि जो विद्यार्थियों के लिए अधिक प्रभावी हो को अपनाने के लिए सम्मानित किया जाएगा।

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वर्ष 2021 तक एनसीटीई (National Council For Teacher Education) द्वारा एनसीईआरटी के परामर्श से नई शिक्षा नीति 2020 के सिद्धांतों के आधार पर एक नवीन और व्यापक अध्यापक शिक्षा हेतु, राष्ट्रीय पाठचर्या रूपरेखा, एनसीएफटीई ( National Curriculum Framework For Teacher Education) 2021 तैयार की जाएगी और सभी क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराई जाएगी।

Care of Child With Special Needs in New Education Policy
Child With Special Needs



नई शिक्षा नीति, 2020 विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों (Children With Special Needs-CWSN) या दिव्यांग बच्चों को किसी भी अन्य बच्चों के समान अवसर प्रदान करने के लिए सक्षम तंत्र बनाने के महत्त्व को भी पहचानती है।

भारत सरकार सभी लड़कियों और साथ ही ट्रांसजेंडर छात्रों को गुणवत्तपूर्ण और न्यायसंगत शिक्षा प्रदान करने की दिशा में देश की क्षमता का विकास करने हेतु एक ‘जेंडर-समावेशी निधि’ का गठन करेगी।

एसईडीजी ( Socio Economically Disadvantaged Group) के अंतर्गत अनुसूचित जाति और जनजातियों के शैक्षणिक विकास में असमानताओं को दूर करने पर विशेष ध्यान दिया जायेगा।

हर राज्य/जिले को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वह ‘बाल भवन’ स्थापित करे जहां हर उम्र के बच्चे सप्ताह में एक या अधिक बार जा सकें और कला, खेल और करियर संबंधी गतिविधियों में भागीदारी कर सकें।

संपूर्ण राज्य के सार्वजनिक विद्यालयी प्रणाली के सेवा प्रावधान और शैक्षिक संचालन की ज़िम्मेदारी स्कूल शिक्षा निदेशालय की होगी जिसमें डिईओ ( District Education Officer), बीईओ ( Block Education Officer) आदि भी शामिल हैं।

राज्य में अकादमिक मानकों और पाठ्यक्रम सहित शैक्षणिक मामले एससीईआरटी ( State Council Of Educational Research and Training) के नेतृत्व में होंगे, जो कि एक संस्थान के रूप में सदृढ़ किया जाएगा।


उच्चतर शिक्षा के संदर्भ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मुख्य बिंदु

समग्र और बहु-विषयक शिक्षा के लिए आई.आई.टी., आई.आई.एम. आदि के तर्ज पर, मेरू (Multidisciplinary Education and Reserach Universities-MERU) नामक मॉडल सार्वजनिक विश्वविद्यालयो की स्थापना की जाएगी।

श्रेणीबद्ध मान्यता की एक पारदर्शी प्रणाली के माध्यम से, कॉलेजों को ग्रेडेड स्वायत्तता देने के लिए एक चरणबद्ध प्रणाली स्थापित की जाएगी।

2030 तक प्रत्येक जिले मे या उसके नज़दीक कम से कम एक बड़ा बहु-विषयक उच्चतर शिक्षा संस्थान (Higher Education Institute-HEI) होगा।

संस्थानों को अपने कार्यक्रमों की सीटें, पहुंच और सकल नामांकन अनुपात बढ़ाने के एवं जीवनपर्यंत सीखने के अवसरों को मुहैया कराने हेतु मुक्त दूरस्थ शिक्षा और ऑनलाइन कोर्स को संचालित करने का अवसर होगा, बशर्ते उन्हें ऐसा करने के लिए मान्यता प्राप्त हो।

vidyarthi kendrit rashtriya shiksha niti 2020 में स्नातक उपाधि 3 या 4 वर्ष की अवधि की होगी, जिसमें उपयुक्त प्रमाण पत्र के साथ निकास के कई विकल्प होंगे। उदाहरण के तौर पर, व्यावसायिक तथा पेशेवर क्षेत्र सहित किसी भी विषय अथवा क्षेत्र में 1 साल पुरा करने पर सर्टिफ़िकेट, 2 साल पुरा करने पर डिप्लोमा और 3 साल के कार्यक्रम के बाद स्नातक की डिग्री।

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भारत को वहनीय लागत पर उच्चतर शिक्षा प्रदान करने वाले वैश्विक अध्ययन के गंतव्य के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा।

छात्रों को विभिन्न उपायों के माध्यम से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अन्य छात्रों की योग्यता को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जाएगा।

वर्ष 2025 तक, स्कूल और उच्चतर शिक्षा प्रणाली के माध्यम से कम से कम 50% विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा का अनुभव प्रदान किया जाएगा।

नई शिक्षा नीति, 2020 के तहत एक आईआईटीआई (Indian Institute of Translation and Interpretation-IITI) की स्थापना की जायेगी।

शास्त्रीय, आदिवासी और लुप्तप्राय भाषाओं सहित सभी भारतीय भाषाओं को संरक्षित और बढ़ावा देने के प्रयास नए जोश के साथ किये जाएंगे।

शिक्षा के विभिन्न आयामों को बेहतर बनाने के लिए प्रोद्योगिकी के सभी प्रकार के प्रयोग व एकीकरण को समर्थन दिया जाएगा एवं अंगीकृत किया जाएगा, बशर्ते कि वृहद स्तर पर लागू करने से पहले इनका प्रासंगिक संदर्भों में ठोस एवं पारदर्शी ढंग से आंकलन किया गया हो।

स्कूल और उच्चतर शिक्षा दोनों की ई-शिक्षा आश्यकताओं पर ध्यान देने के लिए मंत्रालय में डिजिटल बुनियादी ढांचे डिजिटल सामग्री और क्षमता निर्माण की व्यवस्था करने के उद्देश्य के लिए एक समर्पित इकाई की स्थापना की जाएगी।


नई शिक्षा नीति 2020 के प्रमुख बिंदु PDF Download

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NEP 2020 Key Points in PDF
NEP 2020 Key Points in PDF

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मुख्य बिंदु से संबंधित प्रश्न (FAQs)

NEP 2020 Mein Rashtriya Mulyankan Kendra Ko Kis Naam Se Prastavit Kiya Gaya Hai?

राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 में राष्ट्रीय मूल्यांकन केन्द्र को PARAKH (समग्र विकास के लिए प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा और ज्ञान का विश्लेषण) नाम से प्रस्तावित किया गया है?

नई शिक्षा नीति 2020 क्या है?

नई शिक्षा नीति 2020, 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है जिसे भारत सरकार द्वारा 29 जुलाई 2020 को घोषित किया गया है. इसका मुख्य लक्ष्य शिक्षा संरचना के सभी पहलुओं में संशोधन और सुधार करना है.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मुख्य बिंदु क्या है?

10+2 बोर्ड का ढांचा अब हटाया जा रहा है. नए स्कूल का ढांचा 5+3+3+4 होगा. 

किसी भी पाठ्यक्रम (course) से एकाधिक प्रविष्टियाँ और निकास (entries and exit) संभव हो सकेगी.

सभी स्कूलों की परीक्षाएं साल में दो बार सेमेस्टर के हिसाब से होंगी.

पाठ्यक्रम को केवल किसी भी विषय के मूल ज्ञान तक सीमित कर दिया जाएगा. छात्र व्यावहारिक और अनुप्रयोग ज्ञान (practical and application knowledge) पर अधिक ध्यान देंगे.

देश में सभी प्रकार के शिक्षकों के लिए नया शिक्षक प्रशिक्षण बोर्ड (Teacher Training board) स्थापित किया जाएगा, कोई भी राज्य इसमें बदलाव नहीं कर सकता है. आदि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मुख्य बिंदु है.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) मुख्यत: किस पर ज्यादा बल देती है?

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) सैद्धांतिक शिक्षा (theoretical learning) के बजाय व्यावहारिक शिक्षा (practical learning) पर ज्यादा जोर/ बल देती है.

नई शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य क्या है?

नई शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य स्कूली पाठ्यक्रम सामग्री (school curriculum) को कम करके 21वीं सदी के कौशल जैसे विश्लेषणात्मक और महत्वपूर्ण सोच (analytical and critical thinking), अनुभवात्मक शिक्षा (experiential learning) और रचनात्मकता पर ध्यान केंद्रित करते हुए छात्रों को एक समग्र और लचीला सीखने का अनुभव प्रदान करना है.

नई शिक्षा नीति में 5+3+3+4 क्या है?

नई शिक्षा नीति के 5+3+3+4 शैक्षणिक ढांचे में 5 साल फाउंडेशनल स्टेज होगा जिसके अंतर्गत आंगनवाड़ी/प्री-स्कूल के लिए 3 साल एवं प्रथमिक के लिए 2 साल (कक्षा 1-2) होगा जिसमें 3 से 8 वर्ष के बच्चे पढ़ेंगे.

फिर 3 साल (कक्षा 3-5) का प्रीपरेटरी स्टेज होगा जिसमें 8 से 11 वर्ष के बालक/बालिका पढ़ेंगे.

मिडिल स्कूल स्टेज भी 3 साल का ही होगा (कक्षा 6-8) जिसमें 11 से 14 वर्ष के विद्यार्थी पढ़ेंगे.

अंत में सेकेंड्री स्टेज 4 साल (कक्षा 9-12) का होगा जिसमें 14 से 18 वर्ष के किशोर/ किशोरी पढ़ सकेंगे.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति की विशेषताएं क्या है?

एक नए राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र, PARAKH (समग्र विकास के लिए प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा और ज्ञान का विश्लेषण) की स्थापना.

स्कूल और उच्च शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिक शिक्षा (vocational education) का प्रसार.

शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण (Internationalization of Education)राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (NRF) की स्थापनासकल नामांकन अनुपात (GER) बढ़ाने के लिए खुली (open) और दूरस्थ शिक्षा का विस्तार.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने वाला पहला राज्य कौन है?

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने वाला पहला राज्य कर्नाटक है.

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