10वीं कक्षा सभी विद्यार्थी और उनके माता-पिता या अभिभावक के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं. ज्यादातर विद्यार्थी इसके बाद ही अपने करियर के प्रति गंभीर होते हैं. उनके दिमाग में ज्यादातर यही घूमता रहता है कि 10वीं के बाद क्या करें?
बहुत सारे विद्यार्थी और उनके माता-पिता या अभिभावक मैट्रिक के बाद कई सारी गलतियां करते हैं. ये गलतियां कभी दसवीं के बाद सही विषय (stream) को चुनने को लेकर होती है, तो कभी अच्छे कॉलेज को चुनने को लेकर. तो मैट्रिक के बाद की जानी वाली इन गलतियों को जानना और उनसे बचना बहुत जरूरी है.
कोई विद्यार्थी अगर किसी कारणवश (पैसे या समय की दिक्कत की वजह से) इंटर नहीं करना चाहता है या नहीं कर पा रहा है तो क्या उसके लिए कोई और रास्ता है? क्या आपको वो रास्ते पता है? अगर नही पाता है तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें, आप कई रास्ते जान जाएंगे.
आप 10वीं के बाद ये 9 चीजें कर सकते है
अगर आप 10वीं के बाद स्ट्रीम चुनने को लेकर कन्फ्यूज है तो आप हमारा ये eBook पढ़ सकते है.
इस इबुक में तीनों स्ट्रीम (साइंस, आर्ट्स एवं कॉमर्स) के बाद किए जाने वाले विभिन्न (बैचलर, डिप्लोमा, पैरामेडिकल, तथा कंप्यूटर) कोर्स, सरकारी परीक्षा और नौकरी के बारे में विस्तार से बताया गया है. इस इबूक के बारे में अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें.
1. विज्ञान (Science) से इंटर
इंटर में साइंस लेकर पढ़ने को बहुत अहम माना जाता है. ज्यादातर विद्यार्थी भी साइंस को ही पसंद करते हैं. विद्यार्थी से ज्यादा उनके माता-पिता या अभिभावक चाहते है कि उनका बच्चा साइंस से इंटर करें.
साइंस से इंटर करने का एक बहुत बड़ा फायदा ये होता है कि आप चाहे तो स्नातक (graduation) में अपना स्ट्रीम बदल सकते हैं. जैसे आपने इंटर साइंस स्ट्रीम से की है लेकिन आप चाहते है कि ग्रेजुएशन आप आर्ट्स या कॉमर्स से करें. तो ऐसा आप आसानी से कर सकते है. साइंस के अलावा किसी और स्ट्रीम में ये सुविधा उपलब्ध नहीं है.
इंटर में साइंस लेकर पढ़ने से कई सारे अच्छे करियर के दरवाजे खुलते हैं. जिनमें पैसा और इज्जत दोनों खूब मिलती हैं. ये कुछ प्रमुख करियर विकल्प है :
- डॉक्टर
- इंजीनियर
- आईटी
- शोध (research)
- एविएशन
- मर्चेंट नेवी
- फॉरेंसिक साइंस
- एथिकल हैकिंग
आप का सपना अगर इंजीनियर या डॉक्टर बनना है तो आप ज्यादा ये न सोचें बल्कि इंटर में साइंस ले लें.
साइंस स्ट्रीम मुख्यत: दो भागों में बटा हुआ है:
- मेडिकल (PCB)
- नॉन-मेडिकल (PCM)
फिजिक्स और केमिस्ट्री दोनों में कॉमन होते हैं. नॉन-मेडिकल में फिजिक्स और केमिस्ट्री के साथ गणित होता है. जबकि मेडिकल (PCB) में फिजिक्स और केमिस्ट्री के साथ जीव विज्ञान होता है. आप मेडिकल में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के साथ-साथ मैथमेटिक्स भी पढ़ सकते हैं.
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10th Ke Baad Science Lene Ke Fayde
10th के बाद साइंस लेने का सबसे बड़ा फायदा ‘कोर्स की उपलब्धि’ है. बायलॉजी (PCB) और गणित (PCM) के अंतर्गत तो बहुत सारे कोर्स आते ही हैं. इसके अलावा आप आगे जाकर स्ट्रीम भी बदलकर अन्य स्ट्रीम जैसे आर्ट्स और कॉमर्स के कोर्स भी कर सकते हैं.
दसवीं के बाद साइंस लेने से आपको विश्व प्रसिद्ध संस्थान जैसे आईआईटी (IITs), एनआईटी (NITs), एम्स (AIIMS) आदि में जाने का मौका मिलता है. यहां अगर आपका एक बार एडमिशन हो गया तो फिर तो प्लेसमेंट की चिंता छोड़ ही दीजिए.
वैसे लोग साइंस को मुश्किल विषय कहते हैं परंतु ये एक मजेदार विषय भी है. इसमें आपको पढ़ने लिखने के अलावा प्रयोग (experiment) करके नई-नई चीजें खोजना होता है, जिससे आप कभी भी बोर नहीं होते हैं और आपकी रचनात्मकता (creativity) और समस्या सुलझाने की क्षमता (problem-solving abilities) बढ़ती है. जो आपको पूरे जीवन भर काम आने वाली है.
2. वाणिज्य (Commerce) से इंटर
साइंस के बाद सबसे ज्यादा मशहूर स्ट्रीम कॉमर्स ही है. आपका अगर व्यापार (business) वाला माइंडसेट है, आपको हिसाब-किताब (accounting) करने में मजा आता है, अर्थशास्त्र (economics) आदि पढ़ने में मन लगता है तो ये स्ट्रीम आपके लिए उपयुक्त है.
कॉमर्स से इंटर करने के बाद मुख्यतः ये निम्नलिखित करियर विकल्प होते है:
- अकाउंटेंट
- कंपनी सेक्रेटरी
- एमबीए (MBA)
- फाइनेंशियल प्लानर
- मैनेजमेंट अकाउंटिंग
- चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA)
- एक्चुअरीज (Actuaries)
इंटर में कॉमर्स लेकर पढ़ने वाले विद्यार्थी ग्रेजुएशन में अपना स्ट्रीम कॉमर्स से आर्ट्स में बदल सकते हैं. लेकिन वो साइंस स्ट्रीम नहीं ले सकते हैं.
आप से अगर कोई पूछे की CA बनने के लिए 10वीं के बाद क्या करें? तो आप उसे बताए के आप के लिए इंटर कॉमर्स से करना बेहतर होगा.
- अकाउंटेंसी
- बिजनेस स्टडीज
- इकोनॉमिक्स
- इंग्लिश
- इनफार्मेशन प्रैक्टिसेज/ मैथमेटिक्स
10th Ke Baad Commerce Lene Ke Fayde
दसवीं के बाद कॉमर्स लेने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसके अंतर्गत बहुत सारे प्रोफेशनल कोर्स मौजूद है जिसे करके आप मोटा पैसा कमा सकते हैं.
कंपनी सेक्रेट्री, चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA), फाइनेंशियल एनालिस्ट जैसे और भी बहुत सारे उच्च वेतन वाली नौकरी कॉमर्स के बाद मौजूद है.
चूंकि इसमें मुख्यता पैसा (money) और प्रबंधन (management) के बारे में पढ़ाया या सिखाया जाता है. जिससे की अगर आप अपना व्यापार या अपने फैमिली बिजनेस को करना चाहे तो उसे बहुत अच्छे से कर सकते हैं.
3. कला (Arts/ Humanities) से इंटर
आर्ट्स को लेकर कुछ लोगों की ये धारणा है कि जो विद्यार्थी पढ़ने में कमजोर होते हैं, जिनके अंक (marks) परीक्षा में कम आते हैं, वही विद्यार्थी आर्ट्स लेकर पढ़ते हैं. पर ये धारणा गलत है. बहुत से विद्यार्थी जो पढ़ने में अच्छे होते हैं, परीक्षा में अच्छे अंक भी लाते हैं. वह भी इस स्ट्रीम को चुनने में रुचि रखते हैं.
जो विद्यार्थी सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं, उनके लिए आर्ट्स बहुत उपयोगी है. क्योंकि ज्यादातर जो सरकारी नौकरी पाने के लिए प्रतियोगिता परीक्षा (competitive exams) होते हैं, जैसे UPSC, SSC, BPSC, आदि. इनके पाठ्यक्रम (syllabus) में ज्यादातर आर्ट्स स्ट्रीम के ही टॉपिक होते हैं.
IAS बनने के लिए 10वीं के बाद क्या करें? तो इंटर में आर्ट्स स्ट्रीम ज्यादा मददगार होगी.
सरकारी नौकरी पाने के अलावा भी आर्ट्स स्ट्रीम में कई सारे करियर विकल्प (career options) है. जिनमें से कुछ प्रमुख हैं :
- पत्रकार (journalist)
- ग्राफिक डिजाइनर
- वकील (lawer)
- इवेंट मैनेजर
- शिक्षक (teacher)
- एनिमेटर
आर्ट्स स्ट्रीम से इंटर करने में एक दिक्कत ये आती है की आप अगर ग्रेजुएशन में अपना स्ट्रीम बदलना चाहते है तो नहीं बदल पाएंगे.
आर्ट्स स्ट्रीम के 11वीं और 12वीं में ये सब विषय होते हैं:
- इतिहास (history)
- पॉलिटिकल साइंस
- सोशियोलॉजी
- इकोनॉमिक्स
- ज्योग्राफी
- साइकोलॉजी
- अंग्रेजी
- क्षेत्रीय भाषा
10th Ke Baad Arts Lene Ke Fayde
10वीं के बाद आर्ट्स लेने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर आप 12वीं के बाद सरकारी नौकरी करना चाहते हो तो ये आर्ट्स आपका रास्ता आसान बना देगा . क्योंकि प्रमुख सरकारी परीक्षा जैसे यूपीएससी (UPSC), बीपीएससी (BPSC), आदि में अधिकतर प्रश्न आर्ट्स के विषयों से ही आते हैं.
खासतौर से यूपी और बिहार के बच्चे जो आर्ट्स लेकर पढ़ते हैं, उनमें से ज्यादातर का सपना होता है कि वें आईएएस, आईपीएस (IPS) या अन्य कोई बड़ा सरकारी अधिकारी बने.
आर्ट्स में चूंकि साइंस या कॉमर्स की तरह बहुत ज्यादा पढ़ना नहीं होता है. तो आप साइड से ब्लॉगिंग (blogging), यूट्यूब (YouTube), फ्रीलांसिंग (freelancing) आदि करके ऑनलाइन कमाई (online earning) भी कर सकते हैं. इसके अलावा दिन का कुछ समय निकाल कर दूसरे को कोचिंग पढ़ा कर या कहीं पार्ट टाइम जॉब करके आप ऑफलाइन कमाई भी कर सकते हैं.
4. पॉलीटेक्निक (Polytechnic) कोर्स
मैट्रिक के बाद अगर आप इंटर नहीं करना चाहते हैं तो, आप पॉलीटेक्निक कोर्स कर सकते हैं.
पॉलीटेक्निक कोर्स की अवधि (duration) 3 साल होती है. चूंकि ये टेक्निकल कोर्स होते है, इसलिए इसे करने के बाद जॉब मिलने की अधिक संभावना रहती है.
ये कुछ प्रमुख पॉलीटेक्निक कोर्स (10th ke baad diploma course) है, जिसे आप 10वीं के बाद कर सकते है:
- डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन कंप्यूटर इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन केमिकल इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन इंस्ट्रूमेंटेशन टेक्नोलॉजी
- डिप्लोमा इन एयरोस्पेस इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन बायोटेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग
- डिप्लोमा इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग
पॉलीटेक्निक कोर्स करने के बाद अगर आप और आगे पढ़ना चाहते है तो आप B.Tech कर सकते हैं. पॉलीटेक्निक कोर्स करने के बाद आपको Latetal entry के जरिए सीधे (direct) बीटेक के सेकंड ईयर (2nd year) में एडमिशन मिलेगा. पर ये सुविधा IITs में नहीं है.
IITs से बीटेक करने के लिए पॉलीटेक्निक कोर्स करने के बाद आपको जेईई मेन (JEE Main) और जेईई एडवांस अच्छे रैंक के साथ पास करना होगा। आईआईटी में लेटरल एंट्री की सुविधा नहीं होती है. पॉलीटेक्निक कोर्स करने के बावजूद भी आपको बीटेक के फर्स्ट ईयर में ही एडमिशन मिलेगा.
5. आईटीआई (ITI) कोर्स
10वीं के बाद आप अगर तुरंत जॉब पाना चाहते है तो ITI कोर्स कर सकते हैं. आईटीआई कोर्स की अवधि 1 साल से 3 साल तक होती हैं. 3 साल का सिर्फ एक ही कोर्स है, बाकी कोर्स 1 साल से 2 साल का ही है.
ITI का फुल फॉर्म Industrial Training Institutes होता है.
आईटीआई कोर्स करने वाले विद्यार्थी को ट्रेनी (trainee) कहा जाता है.
ये कुछ प्रमुख ITI कोर्स है, जिसे आप मैट्रिक के बाद कर सकते है :
क्रमांक | कोर्स | अवधि |
1. | पंप ऑपरेटर | 1 साल |
2. | फिटर इंजीनियरिंग | 2 साल |
3. | टूल एंड डाई मेकर इंजीनियरिंग | 3 साल |
4. | मैन्युफैक्चर फूट वियर | 1 साल |
5. | रेफ्रिजरेशन इंजीनियरिंग | 1 साल |
6. | फ्रूट एंड वेजिटेबल प्रोसेसिंग | 1 साल |
7. | इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग | 1 साल |
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6. पैरामेडिकल (Paramedical) कोर्स
आपका सपना अगर हेल्थ केयर सेक्टर में जाना है, तो 10वीं के बाद हेल्थ केयर सेक्टर में जाने का ये बहुत ही आसान रास्ता है.
पैरामेडिकल कोर्स, उन मेडिकल कोर्स में से एक है जिसे आप बिना नीट (NEET) क्वालीफाई किए कर सकते हैं.
अभी बहुत ज्यादा बीमारी के बढ़ जाने के कारण हेल्थ केयर सेक्टर में डॉक्टर से लेकर एक्सरे असिस्टेंट तक की डिमांड बढ़ रही है. ऐसे में मेडिकल फील्ड में अपना करियर बनाना एक अच्छा निर्णय हो सकता है.
मैट्रिक के बाद 2 तरह के पैरामेडिकल कोर्स होते हैं :
- सर्टिफिकेट कोर्स
- डिप्लोमा कोर्स
सर्टिफिकेट कोर्स बहुत ही कम अवधि का होता है. इसकी अवधि 3 महीने से 1 साल तक की होती है. वहीं
डिप्लोमा कोर्स की अवधि 1साल से 2 साल तक होती है.
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ये कुछ प्रमुख पैरामेडिकल कोर्स है, जिसे आप 10वीं के बाद कर सकते है :
क्रमांक | कोर्स | अवधि |
1. | सर्टिफिकेट इन मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी | 6-12 महीने |
1. | डिप्लोमा इन एक्सरे टेक्नोलॉजी | 2 साल |
2. | MRI टेक्नीशियन (सर्टिफिकेट) | 3-12 महीने |
3. | डिप्लोमा इन डायलिसिस टेक्नीक्स | 2 साल |
4. | डिप्लोमा इन ECG टेक्नोलॉजी | 2 साल |
5. | डिप्लोमा इन मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी | 2 साल |
6. | डिप्लोमा इन रूरल हेल्थ केयर | 1 साल |
7. | डिप्लोमा इन नर्सिंग केयर असिस्टेंट | 1-2 साल |
7. शॉर्ट टर्म (Short Term) कोर्स
विद्यार्थी आजकल अपने अंदर नए-नए हुनर (skill) को विकसित करने के लिए ज्यादा उत्सुक रहते है. 10वीं के बाद आप शॉर्ट टर्म कोर्स करके नए-नए हुनर सीख सकते है और उसके सत्यापन के लिए सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते है.
10वीं के बाद 2 प्रकार के शॉर्ट टर्म कोर्स होते हैं :
- सर्टिफिकेट कोर्स
- डिप्लोमा कोर्स
ये कुछ प्रमुख शॉर्ट टर्म कोर्स है, जिसे आप मैट्रिक के बाद कर सकते है:
- सर्टिफिकेट इन पोल्ट्री फार्मिंग
- ग्राफिक डिजाइनिंग
- इवेंट मैनेजमेंट
- SEO एनालिस्ट
- डिजिटल मार्केटिंग
- साइबर सिक्योरिटी
- होटल मैनेजमेंट
- सर्टिफिकेट प्रोग्राम इन MS office
8. वोकेशनल कोर्स
वोकेशनल कोर्स में आपको एकेडमिक ज्ञान या थेरोटिकल कांसेप्ट के बजाय सीधे प्रैक्टिकल स्किल यानी कोई हुनर सिखाया जाता है, जिससे की कोर्स पूरा करते ही काम करने लायक हो जाएं.
ये कोर्स भी ऊपर बताए गए शॉर्ट टर्म और आईटीआई कोर्स की तरह ही होता है, बस इसमें मुख्य फरक ये होता है कि इसके अंतर्गत डिप्लोमा, सर्टिफिकेट और स्नातक सभी तरह के कोर्स आते हैं.
10वीं के बाद प्रमुख वोकेशनल कोर्स निम्नलिखित है:
कोर्स का नाम | कोर्स का प्रकार | अवधि |
ट्रैवल एंड टूरिज्म | सर्टिफिकेट | 1 वर्ष |
इवेंट मैनेजमेंट | डिप्लोमा | 2 वर्ष |
टाइपराइटिंग | सर्टिफिकेट | 6 महीना |
फिजियोथेरपी टेक्नीशियन | डिप्लोमा | 2 वर्ष |
ऑफिस असिस्टेंशिप | सर्टिफिकेट | 1 वर्ष |
फूड एंड बेवरेज सर्विसेज | डिप्लोमा | 2 वर्ष |
हाउसकीपिंग | डिप्लोमा | 1 वर्ष |
इंश्योरेंस एंड मार्केटिंग | सर्टिफिकेट | 6 महीना |
कैटरिंग मैनेजमेंट | सर्टिफिकेट | 1 वर्ष |
मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी | डिप्लोमा | 2 वर्ष |
कुछ स्नातक वोकेशनल कोर्स भी होते है, चूंकि आप उसे सिर्फ 10वीं के बाद नहीं कर सकते है. इसलिए उसे इस तालिका में शामिल नहीं किया गया है.
9. नौकरी (Job)
आपको 10वीं के बाद भी प्राइवेट नौकरी और सरकारी नौकरी दोनों मिल सकती है. इस गला कट कंपटीशन के दौर में 10वीं (matric) ज्यादा पढ़ाई नहीं है, तो आपको छोटी-मोटी नौकरी ही मिलेगी.
प्राइवेट सेक्टर में आपको क्लर्क, डाटा एंट्री ऑपरेटर, आदि का जॉब मिल सकता है. लेकिन प्राइवेट सेक्टर में आपकी जॉब सिक्योरिटी नही रहती है.
10वीं के बाद सरकारी नौकरी करने के लिए आप निम्न विभाग की तरफ देख सकते है:
- इंडियन आर्मी
- इंडियन नेवी
- इंडियन एयर फोर्स
- BSF
- इंडियन रेलवे
- पोस्ट ऑफिस
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मेरे विचार से 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़कर नौकरी करना बेहतर नहीं होगा. क्योंकि 10वीं तक आपकी उम्र भी ज्यादा नहीं होती है, 10वीं के आधार पर जॉब ज्यादा अच्छी नहीं मिलेगी (खासकर प्राइवेट सेक्टर में).
आप अगर पैसे या समय की परेशानी से 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़ रहे हैं तो, इसका एक समाधान है. आप दूरस्थ शिक्षा (distance education) के जरिए अपनी पढ़ाई जारी रख सकते है. इसकी फीस भी कम होती है, इसमें आपको कभी-कभी या सिर्फ परीक्षा देने जाना होता है. इसमें आपके पास काफी समय रहता है तो आप पढ़ाई के साथ-साथ कमाई भी कर सकते है.
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10वीं के बाद की जाने वाली गलतियां
अभी तक तो हमने बात किया की 10वीं के बाद क्या करें पर अब लोग जानेंगे की 10वीं के बाद क्या न करें. क्योंकि मैट्रिक के बाद बहुत सारे विद्यार्थी या तो खुद या फिर किसी के कहने पर कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते जिससे उनको फिर पूरी उम्र भर पछताना पड़ता है.
तो आइए आज ऐसी ही 10वीं के बाद की जाने वाली गलतियां को जानते है और उन गलतियों से बचने के तरीके पर भी विचार करते हैं.
10वीं कक्षा विद्यार्थियों और उनके माता-पिता या अभिभावकों दोनों के लिए बहुत अहम होती है.
10वीं कक्षा के अहम होने के प्रमुख कारण है :
- यह बोर्ड परीक्षा होती है
- इसके अंक बहुत मायने रखते है
- 10वीं तक तो हम लोग लगभग सभी विषय पढ़ते हैं लेकिन 10वीं के बाद हमें तीन स्ट्रीम में से एक चुनना होता है.
- हम भविष्य में क्या करना चाहते हैं वह यहीं से तय होता है.
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11वीं कक्षा में जाने वाले विद्यार्थी इन बिंदुओं को ध्यान से पढ़ें
कई बार विद्यार्थी वो स्ट्रीम ही चुनते हैं या उसे चुनने के लिए कहा जाता है जो उनकी स्कूल में होती है ताकि दूर ना जाना पड़े. जैसे आपका स्कूल सिर्फ साइंस और आर्ट्स स्ट्रीम ही ऑफर करता है लेकिन आपका लक्ष्य चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) बनना है.
इस स्थिति में आपके पास दो रास्ते हैं पहला यह कि आप अपने लक्ष्य से समझौता कर लें और कोई भी स्ट्रीम चुन लें. दूसरा यह कि आप उसी स्कूल या कॉलेज में एडमिशन करवाएं जो कॉमर्स स्ट्रीम ऑफर करता हो.
इसमें से कौन सा विकल्प आपके लिए ज्यादा बेहतर होगा?
एक समय था जब इंजीनियरिंग और चिकित्सा ट्रेंड बना हुआ था ज्यादातर लोग उसी ओर जाते थे. पर अब उद्योग का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है. अब इंजीनियरिंग सबसे अधिक बेरोजगार स्नातकों को पैदा करने वाली डिग्री में से एक है.
अखबारों के विज्ञापन और कोचिंग संस्थानों वालो के पम्पलेट में छपी टॉपरों की सूची यह कतई स्थापित नहीं कर सकते हैं कि जीव विज्ञान और गणित इस देश में उपलब्ध एकमात्र आकर्षक करियर स्ट्रीम हैं.
सभी विद्यार्थी की अलग-अलग विषय में रुचि होती हैं, इसलिए स्ट्रीम या कोर्स अपनी रूचि के हिसाब से ही चुने. किसी की कॉपी ना करें जैसे किसी ने कोई कोर्स करने के बाद अच्छा पैकेज प्राप्त किया तो आपने भी वहीं कोर्स चुना ताकि आपको भी अच्छा पैकेज मिल सके. हो सकता है उस कोर्स में आपकी रूचि न होने के कारण सही से पढ़ नहीं पाएं और आपको वो पैकेज न मिले.
10वीं के बाद कौन सा स्ट्रीम या कोर्स चुनें?
10वीं के बाद विद्यार्थी और उनके माता-पिता या अभिभावक के मन में सबसे पहला और महत्वपूर्ण सवाल यही आता है कि कौन सा स्ट्रीम या कोर्स चुनें और इसका क्या स्कोप है?
इस सवाल का उत्तर जानने के लिए वे कई बार करियर काउंसलर से भी कंसल्ट करते है.
आपको किसी भी स्ट्रीम या कोर्स चुनने के दौरान उसके प्रचलन से ज्यादा उसकी जमीनी हकीकत पर ध्यान देना होगा. आपको यह भी ध्यान रखना होगा कि इस स्ट्रीम/कोर्स में स्नातकों को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है?
10वीं के बाद कोई भी विषय या कोर्स लेने से पहले अपने आप से ये सवाल पूछें:
- क्या बाजार में इन पाठ्यक्रमों/शाखाओं के स्नातकों के लिए पर्याप्त करियर विकल्प उपलब्ध हैं?
- क्या आप इस स्ट्रीम/कोर्स के लिए उपयुक्त है?
- क्या आपके पास धैर्य है?
- क्या अनिश्चितता (uncertainty) की स्थिति में आप टिके रह पाएंगे?
- क्या वाकई में आप इसे रूचि के साथ करना चाहते हैं?
इन पाठ्यक्रम / शाखाओं से संबंधित संभावनाओ के साथ-साथ चुनौतियों को भी ज़्यादा से ज़्यादा जानने की कोशिश करें.
पूंजीवाद और बाज़ारीकरण के इस दौर में हर विश्वविद्यालय / कॉलेज / संस्थान आप अपने लिए या आप अपने बच्चों के संबंध में जो सपने देखे हैं, उनको पूरा करने का सपना आपको दिखाएगा. क्यूंकी उन्हे इस गला कट प्रतिस्पर्धा (cut throat competition) में टिका रहना है.
परंतु दुर्भाग्य से अधिकतर शाखाएं / पाठ्यक्रम बड़े पैमाने पर बेरोजगार स्नातक पैदा कर रहे हैं. छात्र / अभिभावक उनकी आधुनिकता और उन्नति के ख्यालों से मोहित हो रहे हैं लेकिन वास्तव में स्थिति यह है कि उद्योग जगत भी इन स्नातकों को रोजगार देकर अवशोषित करने के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं है.
कभी भी किसी करियर का चुनाव इसलिए न करें क्यूंकि वो “सर्वश्रेष्ठ करियर सूची” में आता है. रोजगार के दृष्टिकोण को अनदेखा (ignore) करना सरासर लापरवाही है.
जहाँ तक संभव हो, पारंपरिक पाठ्यक्रमों का चयन करें क्योंकि मार्केट में उनकी वैधता एवं माँग हमेशा रहती है. शिक्षा अब सबसे बड़े उपभोक्ता बाजारों में से एक है.
अधिकतर विश्वविद्यालय / कॉलेज / संस्थान (जिनमे तथाकथित बड़े ब्रांड शामिल हैं) अब अपने अस्तित्व के बारे में स्पष्ट हैं. उनका उद्देश्य बाजार में अपने आपको जीवित रखना और वित्तीय रूप से लाभदायक बना रहना है. और इसके लिए वे कोई भी मनोरंजक पाठ्यक्रम भी शुरू कर सकते हैं.
जैसे: “म्यूजिक मैनेजमेंट में एमबीए”, “बायोटेक्नोलॉजी में एमबीए” आप जो बोलेंगे वो आपको मिल जाएगा. लेकिन आप एक अभिभावक के रूप में और एक विद्यार्थी के रूप में अपने करियर के साथ काल्पनिक (imaginary) प्रयोगों से दूर रहें.
11वीं कक्षा आपके करियर की सीढ़ी की ओर पहला कदम है. यदि आप तर्कसंगत, अच्छी तरह से सूचित और जागरूक निर्णय नहीं लेते हैं, तो आप को भविष्य (future) में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है.
निष्कर्ष (Conclusion)
10वीं के बाद क्या करें? ये किसी भी विद्यार्थी और उनके माता-पिता या अभिभावक के लिए बहुत ही अहम फैसला होता है. इस फैसले को बहुत ही सोच समझ कर लें. फैसला लेते समय विद्यार्थी अपनी रुचि, क्षमता, आदि को ध्यान में रखकर फैसला लें.
10वीं के बाद अगर आप को अपनी करियर चुनने में परेशानी हो रही है तो, करियर काउंसलर से अपनी काउंसलिंग करवा सकते हैं. वो आपका साइकोमेट्रिक एनालिसिस, बिहेवियरल एनालिसिस, आदि करके आपकी रुचि, क्षमता आदी का पता लगा लेंगे और आपके लिए जो करियर उपयुक्त होगा वो आपको बता देंगे.
उम्मीद है की ये ब्लॉग पोस्ट आपको पसंद आई होगी. जो विद्यार्थी अभी 10वीं में है या 10वीं पास कर चुके और उनको ये समझ नही आ रहा है कि 10वीं के बाद क्या करें? तो उन तक ये पोस्ट जरूर शेयर करें.
अगर आप 10वीं के बाद स्ट्रीम चुनने को लेकर कन्फ्यूज है तो आप हमारा ये eBook पढ़ सकते है.
इस इबुक में तीनों स्ट्रीम (साइंस, आर्ट्स एवं कॉमर्स) के बाद किए जाने वाले विभिन्न (बैचलर, डिप्लोमा, पैरामेडिकल, तथा कंप्यूटर) कोर्स, सरकारी परीक्षा और नौकरी के बारे में विस्तार से बताया गया है. इस इबुक के बारे में अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें.
10वीं के बाद क्या करें – FAQs
10th Ke Baad Science Lene Ke Liye Kitne Marks Chahiye?
10th के बाद साइंस लेने के लिए आपका दसवीं में न्यूनतम 45% से 50% अंक होना ही चाहिए. हालांकि ये कॉलेज पर भी निर्भर करता है कि आप कहां एडमिशन ले रहे हैं. कुछ प्राइवेट कॉलेज के साइंस स्ट्रीम में एडमिशन के लिए आपको दसवीं में न्यूनतम 80% अंक लाने की जरूरत होती है.
10th के बाद कौन सा सब्जेक्ट लें?
आपको अगर डॉक्टर या इंजीनियर बनना है तो आप 10th के बाद साइंस स्ट्रीम चुन सकते हैं. जिनको अंकों के साथ खेलने में मजा आता है उनके लिए कॉमर्स ठीक रहेगा. वहीं जो विद्यार्थी सरकारी नौकरी पाने के इच्छुक है विद्यार्थी हैं तो उनके लिए दसवीं के बाद आर्ट्स सबसे अच्छा सब्जेक्ट है.
10वीं के बाद कौन-कौन सी जॉब कर सकते हैं?
10वीं के बाद कॉन्स्टेबल, हेल्पर, डिफेंस में एंट्री लेवल जॉब, प्यून, वॉचमैन, ड्राइवर, ऑफिस अटेंडेंट, डाटा एंट्री ऑपरेटर, आदि की जॉब कर सकते हैं.
दसवीं के बाद कौन सा कोर्स करें?
दसवीं के बाद डिप्लोमा कोर्स करना ज्यादा बेहतर माना जाता है. वहीं अगर आपके पास समय की कमी है तो आप शॉर्ट टर्म कोर्स भी कर सकते हैं. जिनका कंप्यूटर में ज्यादा मन लगता है उनके लिए कंप्यूटर कोर्स करना ज्यादा बेहतर होगा चिकित्सा के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक दसवीं के बाद पैरामेडिकल कोर्स कर सकते हैं.
10th Mein Fail Hone Ke Baad Kya Kare?
10th में फेल होने के बाद उस पर मंथन करें की आप फेल क्यों हुए? पर ज्यादा लोड न लें. आप उसी विषय का कंपार्टमेंटल एग्जाम देकर दसवीं पास कर सकते हैं या अगले साल दसवीं की पूरी परीक्षा फिर से दे सकते हैं.
इसके अलावा आप वोकेशनल कोर्स, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स कर भी सकते हैं. प्राइवेट या ओपन स्कूल से हाईस्कूल करना भी आपके पास एक अच्छा विकल्प है.
डॉक्टर बनने के लिए 10वीं के बाद क्या करें?
डॉक्टर बनने के लिए 10वीं के बाद 12वीं बायोलॉजी (PCB) के साथ पास करें. उसके बाद नीट (NEET) परीक्षा अच्छे अंकों से पास करके किसी मेडिकल कॉलेज से MBBS करें. एमबीबीएस के बाद कुछ दिनों की इंटर्नशिप (Internship) होगी फिर आप एक डॉक्टर बन जाएंगे. तो ये था 10वीं के बाद डॉक्टर बनने का पूरा रोडमैप.
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